भारत सरकार बागवानी को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए जी-जान से जुटी है। एकीकृत बागवानी विकास मिशन यानी MIDH के तहत देशभर में उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence) खोले जा रहे हैं। ये केंद्र किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने हाल ही में राज्यसभा में बताया कि इन केंद्रों का मकसद है किसानों को नई तकनीकों से जोड़ना और उनकी खेती को मुनाफे का धंधा बनाना। चाहे आप सेब उगाते हों, सब्जियाँ बोते हों, या फूलों की खेती करते हों, ये केंद्र आपकी खेती को चमकाने में मदद करेंगे।
उत्कृष्टता केंद्रों का कमाल
ये उत्कृष्टता केंद्र किसानों, उद्यमियों और कृषि कार्यकर्ताओं के लिए एक स्कूल की तरह हैं। यहाँ आपको नई तकनीकों की ट्रेनिंग, अच्छे बीज, और खेती के आधुनिक तरीकों की जानकारी मिलेगी। ये केंद्र उच्च गुणवत्ता वाले पौधे, ड्रिप इरिगेशन, और टिकाऊ खेती की तकनीकों को बढ़ावा देते हैं। चाहे बात फलों की हो, सब्जियों की, या मसालों की, ये केंद्र आपको वैश्विक स्तर की खेती सिखाएँगे। इससे न सिर्फ आपकी फसल की पैदावार बढ़ेगी, बल्कि उसकी क्वालिटी भी ऐसी होगी कि बाजार में अच्छा दाम मिलेगा। हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, और बिहार जैसे राज्यों में ये केंद्र पहले से ही धूम मचा रहे हैं।
विदेशी मदद से बढ़ेगा उत्पादन
भारत सरकार ने इन उत्कृष्टता केंद्रों को और मज़बूत करने के लिए इजराइल, नीदरलैंड, और न्यूजीलैंड जैसे देशों के साथ हाथ मिलाया है। इन देशों की आधुनिक तकनीकें और भारतीय अनुसंधान संस्थानों की मेहनत से ये केंद्र बनाए गए हैं। 31 जुलाई 2025 तक देशभर में 58 उत्कृष्टता केंद्रों को मंजूरी मिल चुकी है। इनमें से कई केंद्र हिमाचल प्रदेश, पंजाब, और उत्तर प्रदेश में चल रहे हैं, जहाँ किसानों को ड्रिप इरिगेशन, ग्रीनहाउस खेती, और हाई-क्वालिटी बीज की ट्रेनिंग दी जा रही है। इन केंद्रों की मदद से किसान कम पानी और कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।
ये भी पढ़ें- योगी सरकार का बड़ा तोहफा! किसानों को कृषि यंत्रों पर मिलेगी सब्सिडी, ई-लॉटरी से होगा चयन
उत्कृष्टता केंद्र किसानों को नई तकनीकों से जोड़ने का एक बड़ा मौका दे रहे हैं। यहाँ से आप ड्रिप इरिगेशन, पॉलीहाउस, और जैविक खेती की ट्रेनिंग ले सकते हैं। ये केंद्र आपको अच्छे बीज और पौधे भी देंगे, जो आपकी फसल को रोगों से बचाएँगे। अगर आप सेब, आम, या सब्जियों की खेती करते हैं, तो इन केंद्रों से सीखकर आप अपनी फसल को विदेशी बाजारों तक पहुँचा सकते हैं। इन केंद्रों का लक्ष्य है कि आपकी खेती न सिर्फ ज्यादा पैदावार दे, बल्कि टिकाऊ और पर्यावरण के लिए भी अच्छी हो।
किसानों के लिए सलाह
अगर आप बागवानी करते हैं, तो अपने नजदीकी उत्कृष्टता केंद्र से जरूर संपर्क करें। हिमाचल, उत्तर प्रदेश, या बिहार में चल रहे इन केंद्रों में जाकर ट्रेनिंग लें और नई तकनीकों को अपनाएँ। अपने खेत में ड्रिप इरिगेशन या पॉलीहाउस जैसी तकनीकों को आजमाएँ, ताकि कम पानी में भी अच्छी फसल मिले। कृषि विभाग के पोर्टल www.midh.gov.in पर जाकर इन केंद्रों की जानकारी लें।
MIDH के उत्कृष्टता केंद्र बागवानी को नई दिशा दे रहे हैं। ये केंद्र न सिर्फ किसानों की आय बढ़ाएँगे, बल्कि भारत को बागवानी में वैश्विक स्तर पर मज़बूत बनाएँगे। चाहे आप छोटे किसान हों या बड़े, इन केंद्रों की मदद से आप अपनी खेती को मुनाफे का धंधा बना सकते हैं। सरकार और विदेशी साझेदारों का यह प्रयास किसानों के लिए एक सुनहरा मौका है। बस जरूरत है इसे लपकने की और अपनी खेती को नई ऊँचाइयों तक ले जाने की।
ये भी पढ़ें- खेती के लिए सरकार दे रही डीजल पर सब्सिडी, जानिए कैसे करें आवेदन
