PM Kisan Yojana छोड़िए…ये 5 सरकारी स्कीम बदल सकती हैं किसानों की जिंदगी, 90% लोग हैं अनजान

भारत में सरकारी कृषि योजनाएं किसानों की आय बढ़ाने, खेती को आधुनिक बनाने, और उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की क्षमता रखती हैं, लेकिन सबसे बड़ी बाधा यह है कि लगभग 90 फीसदी किसान इनके बारे में पूरी तरह अनजान हैं या जानकारी से वंचित हैं। ये योजनाएं केवल कागजों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सही जागरूकता और उपयोग से किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं। आज हम आपको ऐसी पांच महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं के बारे में बताते हैं, जो किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती हैं।

ये योजनाएं दे सकती हैं किसानों को नई उड़ान

  1. प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PMKMY): यह योजना छोटे और सीमांत किसानों के लिए पेंशन सुरक्षा प्रदान करती है। 60 साल की उम्र पूरी करने पर किसानों को मासिक पेंशन मिलती है। 18-40 साल की उम्र में इसमें शामिल होकर प्रीमियम जमा करने पर सरकार भी बराबर राशि योगदान देती है, जो वृद्धावस्था में आर्थिक सहारा बनती है।
  2. प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना: हाल ही में 16 जुलाई 2025 को मंजूर हुई यह योजना उन 100 कमजोर कृषि जिलों पर फोकस करती है, जो उत्पादन और विविधता में पिछड़े हैं। बेहतर बीज, तकनीकी प्रशिक्षण, फसल विविधीकरण, और आसान कर्ज सुविधा के जरिए यह योजना इन क्षेत्रों में खेती को मजबूत करने का प्रयास कर रही है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति दे सकती है।
  3. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY): 2016 में शुरू हुई यह योजना प्राकृतिक आपदाओं, कीटों, और बीमारियों से फसल नुकसान पर किसानों को मुआवजा देती है। इसमें न्यूनतम प्रीमियम देकर किसान 50 से अधिक फसलों की सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं। बीमा कंपनियों और बैंकों के सहयोग से संचालित यह योजना जोखिम को कम करने में मददगार है।
  4. कृषि उड़ान योजना (Krishi UDAN Scheme): नागरिक उड्डयन मंत्रालय की यह अनोखी पहल किसानों की उपज को तेजी से और सुरक्षित तरीके से बाजार तक पहुंचाती है। खासकर पूर्वोत्तर, पहाड़ी, और जनजातीय क्षेत्रों के लिए लाभकारी, यह योजना फल, फूल, मछली, पशु उत्पाद, और प्रोसेस्ड खाद्य को 58 एयरपोर्ट्स के माध्यम से मंडियों तक ले जाती है, जिससे किसानों को बेहतर मुनाफा और कम नुकसान होता है।
  5. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY): 2015 में शुरू हुई यह योजना “हर खेत को पानी” और “प्रति बूंद अधिक फसल” के उद्देश्य से चल रही है। ड्रिप इरिगेशन, माइक्रो स्प्रिंकलर, तालाब निर्माण, और नहर सुधार जैसे कदमों के जरिए यह खेतों तक सिंचाई सुविधा पहुंचाती है, खासकर उन किसानों के लिए जो मानसून पर आश्रित हैं और सिंचाई संसाधनों से वंचित हैं।

जागरूकता बढ़ाने से ही बनेगा असर, किसानों तक पहुंचे लाभ

इन योजनाओं की सफलता के लिए सबसे बड़ी जरूरत है जागरूकता। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर शिविर, कृषि मेले, और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए इन योजनाओं की जानकारी तक पहुंचाना जरूरी है। स्थानीय सहायता केंद्रों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों से किसानों को इनका लाभ उठाने में मदद मिलेगी। यह कदम न केवल खेती को तकनीकी रूप से उन्नत बनाएगा, बल्कि सरकार के 2022 में घोषित “किसानों की आय दोगुनी” के लक्ष्य को हकीकत में बदलने में अहम भूमिका निभा सकता है।

ये भी पढ़ें – प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना: 1.7 करोड़ किसानों के लिए 1.37 लाख करोड़ की सौगात, कैबिनेट ने दी मंजूरी

ये भी पढ़ें – पूर्वी भारत में दूसरी हरित क्रांति क्यों ज़रूरी है? जानिए असली कारण

Author

  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

    View all posts

Leave a Comment