उत्तराखंड की लीची अपनी मिठास और गुणवत्ता के लिए देश-दुनिया में मशहूर है। हाल ही में, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने इस लीची की तारीफ की और एक किसान, हरिप्रसाद जी की सफलता की कहानी साझा की। हरिप्रसाद जी, जो बॉटनी के विशेषज्ञ हैं, ने अपनी मेहनत और ज्ञान से 2 हेक्टेयर ज़मीन पर लीची, आम, कटहल, हल्दी, अदरक सहित कई फसलों की खेती करके 6 लाख रुपये से ज्यादा का मुनाफा कमा लिया है। उनकी यह उपलब्धि न सिर्फ उन्हें, बल्कि अन्य किसानों को भी प्रेरित करती है।
एक पेड़ से पांच किस्म के आम
हरिप्रसाद जी की सफलता का एक बड़ा हिस्सा है उनके द्वारा की गई नवाचार। उन्होंने एक ही पेड़ पर 5 अलग-अलग किस्म के आम उगाने की तकनीक अपनाई, जो ग्राफ्टिंग के जरिए संभव हुई। यह तकनीक न सिर्फ फसल की विविधता बढ़ाती है, बल्कि किसानों को अलग-अलग बाजारों में अपनी उपज बेचने का मौका भी देती है। उनकी यह मेहनत और समझदारी उन्हें अन्य किसानों से अलग करती है। उत्तराखंड के किसान भी इस तकनीक को अपनाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
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लीची, आम, और अन्य फसलें
हरिप्रसाद जी ने 2 हेक्टेयर ज़मीन पर लीची, आम, कटहल, हल्दी, और अदरक जैसी फसलों की खेती की है। लीची की खेती से उन्हें अच्छी आमदनी होती है, जबकि आम और कटहल की विविधता उनकी उपज को और मूल्यवान बनाती है। हल्दी और अदरक जैसी फसलें न सिर्फ उनकी आय बढ़ाती हैं, बल्कि ज़मीन की उर्वरता को भी बनाए रखती हैं। इस तरह की इंटीग्रेटेड फार्मिंग से किसान साल भर कमाई कर सकते हैं और अपनी ज़मीन का पूरा इस्तेमाल कर सकते हैं।
विकसित कृषि संकल्प अभियान
हरिप्रसाद जी की सफलता ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का एक हिस्सा है, जिसे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने लॉन्च किया है। इस अभियान का उद्देश्य 1.5 करोड़ किसानों तक पहुंचना है और उन्हें उन्नत कृषि तकनीकों और सरकारी योजनाओं की जानकारी देना है। अभियान के तहत किसानों को ट्रेनिंग, सब्सिडी, और मार्केटिंग की सुविधा दी जाती है, ताकि वे अपनी आय बढ़ा सकें। हरिप्रसाद जी की कहानी इस अभियान की सफलता को दर्शाती है, और यह अन्य किसानों को भी प्रेरित करती है।
उत्तराखंड की लीची अद्भुत है…
हरिप्रसाद जी बॉटनी के विशेषज्ञ हैं और खेती भी करते हैं। वे एक ही पेड़ पर 5 किस्म के आम उगाते हैं। 2 हेक्टेयर में लीची, आम, कटहल, हल्दी, अदरक सहित अन्य फसलों के माध्यम से 6 लाख रुपए से अधिक मुनाफा कमा रहे हैं।
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— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 6, 2025
आर्थिक लाभ और प्रेरणा
हरिप्रसाद जी ने 2 हेक्टेयर ज़मीन से 6 लाख रुपये से ज्यादा का मुनाफा कमाया, जो गाँव-देहात के किसानों के लिए एक मिसाल है। इस मुनाफे में लीची, आम, और अन्य फसलों की बिक्री से आय शामिल है। इसके अलावा, हल्दी और अदरक जैसी फसलें उन्हें अतिरिक्त आमदनी देती हैं। यह सफलता न सिर्फ उन्हें, बल्कि अन्य किसानों को भी प्रेरित करती है कि वे अपनी ज़मीन का पूरा इस्तेमाल करें और नई तकनीकों को अपनाएं।
सरकार का सहयोग
सरकार किसानों को कई तरह से सहयोग प्रदान कर रही है। विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत किसानों को ट्रेनिंग, सब्सिडी, और मार्केटिंग की सुविधा दी जाती है। इसके अलावा, कृषि वैज्ञानिक और अधिकारी किसानों को नई तकनीकों और तरीकों की जानकारी देते हैं। हरिप्रसाद जी की सफलता में सरकार के सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, और अन्य किसान भी इस सहयोग का लाभ उठा सकते हैं।
उत्तराखंड की लीची और हरिप्रसाद जी की सफलता नई दिशा दिखाती है। इस क्षेत्र में लीची की खेती पहले से ही मशहूर है, लेकिन अन्य फसलों और तकनीकों को अपनाकर किसान अपनी आय कई गुना बढ़ा सकते हैं। सरकार और संस्थान मिलकर किसानों को इस दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं, ताकि वे अपनी ज़मीन का पूरा इस्तेमाल कर सकें और अपनी जिंदगी बेहतर बना सकें।
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