वाराणसी में धान की चार उन्नत किस्मों पर मिलेगा 50% सब्सिडी, पहली बार होगा तेलंगाना सोना का बीजारोपण

वाराणसी के किसान इस बार खरीफ सीजन में धान की बुवाई के लिए कमर कस रहे हैं, और इस बार कुछ खास होने वाला है! पहली बार जिले के किसान तेलंगाना सोना धान की बुवाई करने जा रहे हैं, जो मोटापे और मधुमेह को कंट्रोल करने में कारगर मानी जाती है। कृषि विभाग ने जिले में चार किस्मों के धान वितरण की योजना बनाई है, और अच्छी खबर ये है कि इन बीजों पर 50% सब्सिडी भी मिलेगी। यानी आधे दाम में उन्नत बीज लेकर वाराणसी के किसान बंपर पैदावार की राह पर चल पड़ेंगे। आइए, जानते हैं इन चार किस्मों की खासियत और बुवाई की तैयारी का पूरा माजरा।

तेलंगाना सोना की पहली बुवाई

तेलंगाना सोना, जिसे RNR 15048 भी कहते हैं, इस बार वाराणसी के खेतों में पहली बार लहलहाएगी। ये किस्म न सिर्फ बंपर पैदावार देती है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है। ये धान कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला है, जो मधुमेह और मोटापे को कंट्रोल करने में मदद करता है। वाराणसी के कृषि अधिकारी संगम सिंह बताते हैं कि RNR 15048 से 55-60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार मिल सकती है, और ये 120-125 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अच्छी है, जिससे कीट और रोगों का डर कम रहता है।

चार किस्मों का कमाल

कृषि विभाग ने वाराणसी में चार किस्मों के धान वितरण की योजना बनाई है, और हर किस्म की अपनी खासियत है।

HUR 917 पहली किस्म है, जो 140-145 दिनों में तैयार हो जाती है और 55-60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक फसल देती है। ये सुगंधित धान है, जो इंडो-गंगेटिक क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करती है।

दूसरी है शियाट्स-1, जो अगेती किस्म है। ये 120-125 दिनों में पकती है और 38-40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार देती है।

तीसरी किस्म शियाट्स-4 है, जो 130-135 दिनों में तैयार होती है और 55-58 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक फसल देती है।

चौथी किस्म तेलंगाना सोना (RNR 15048) है, जिसकी खासियत ऊपर बता दी गई। इन चारों किस्मों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है, और पिछले सालों में इन्होंने किसानों को अच्छी पैदावार दी है।

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बीज पर 50% छूट

वाराणसी के किसानों के लिए एक और खुशखबरी ये है कि इन चारों किस्मों के बीजों पर 50% सब्सिडी मिलेगी। HUR 917 के बीज 4480 से 6138 रुपये प्रति क्विंटल की दर से उपलब्ध हैं। यानी सब्सिडी के बाद आपको सिर्फ आधा दाम, यानी 2240 से 3069 रुपये प्रति क्विंटल देना होगा। जिले के सभी राजकीय बीज गोदामों पर HUR 917 के 200 क्विंटल बीज स्टॉक में हैं। बाकी किस्मों के बीज भी जल्द ही गोदामों में पहुँच जाएँगे। बीज लेने के लिए आधार कार्ड और किसान पारदर्शी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन जरूरी है। ये योजना पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर है, तो जल्दी करें!

कटाई का समय और पैदावार

इन चारों किस्मों की खासियत उनका समय और पैदावार है। HUR 917 से 140-145 दिनों में 55-60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर फसल मिलेगी। शियाट्स-1 और RNR 15048 जल्दी पकने वाली किस्में हैं, जो 120-125 दिनों में तैयार हो जाती हैं। शियाट्स-1 से 38-40 क्विंटल और RNR 15048 से 55-60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार मिल सकती है। शियाट्स-4 थोड़ा ज्यादा समय लेती है (130-135 दिन), लेकिन 55-58 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की अच्छी फसल देती है। इन किस्मों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़िया होने की वजह से कीटनाशक का खर्चा कम होगा, और फसल की क्वालिटी भी अच्छी रहेगी।

खेत तैयार करने की नई तरकीब

धान की बुवाई से पहले खेत की तैयारी जरूरी है। खेत को अच्छे से जोत लें और गोबर की खाद डालें, ताकि मिट्टी की सेहत ठीक रहे। नर्सरी तैयार करने के लिए 20-25 किलो बीज प्रति हेक्टेयर लें। नर्सरी में पौधे 25-30 दिन में तैयार हो जाएँगे, फिर इन्हें खेत में रोपें। पौधों के बीच 20-25 सेमी की दूरी रखें, ताकि वो अच्छे से फैल सकें। बारिश से पहले बुवाई शुरू करें, ताकि फसल को हल्का पानी ही काफी हो। अगर पानी की कमी है, तो ड्रिप इरिगेशन का इंतजाम करें। कीटों से बचाने के लिए नीम का तेल या जैविक कीटनाशक यूज करें। फसल की कटाई समय पर करें, ताकि दाने की क्वालिटी बनी रहे।

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  • Shashikant

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