खरीफ सीजन 2025-26 की तैयारियाँ शुरू हो चुकी हैं, और छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के किसान भाई खेती के लिए जोश में हैं। इस बार जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने 1 लाख 33 हजार से ज्यादा किसानों को 500 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण देने का लक्ष्य रखा है। इसमें 300 करोड़ रुपये नगद और 200 करोड़ रुपये खाद, बीज, और दूसरी जरूरी चीजों के लिए होंगे। ये योजना किसानों को सूदखोरों के चंगुल से बचाने और खेती को आसान बनाने के लिए है।
500 करोड़ का ब्याज-मुक्त ऋण क्यों खास
खरीफ सीजन में धान, मक्का, और दलहन जैसी फसलों की बुआई के लिए किसानों को बीज, खाद, और मजदूरी के लिए पैसों की जरूरत पड़ती है। राजनांदगांव में इस बार 500 करोड़ रुपये का ऋण ब्याज-मुक्त मिलेगा, जिसमें 300 करोड़ रुपये नगद और 200 करोड़ रुपये खाद-बीज के रूप में दिए जाएँगे। ये पैसा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के जरिए मई से बँटना शुरू होगा। छत्तीसगढ़ सरकार की इस योजना से किसानों को व्यापारियों से ऊँचे ब्याज पर कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे न सिर्फ खर्च बचेगा, बल्कि किसान मानसून से पहले खेत तैयार कर सकेंगे। पिछले साल भी इस तरह की योजना से लाखों किसानों को फायदा हुआ था।
चार जिलों में 1500 करोड़ का लक्ष्य
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक राजनांदगांव के अध्यक्ष सचिन बघेल ने बताया कि उनके बैंक के तहत चार जिले आते हैं: राजनांदगांव, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, और कवर्धा। इन चारों जिलों में मिलाकर खरीफ सीजन 2025-26 के लिए 1500 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण देने का लक्ष्य है, जो ढाई लाख किसानों को मिलेगा। राजनांदगांव जिले में 1.33 लाख से ज्यादा किसानों को 500 करोड़ रुपये का हिस्सा मिलेगा। पिछले सीजन में इन जिलों में 1400 करोड़ रुपये बाँटे गए थे, और इस बार लक्ष्य को और बढ़ाया गया है। ये योजना छोटे और मझोले किसानों के लिए वरदान है, जो अक्सर कर्ज के बोझ तले दब जाते हैं।
ब्याज-मुक्त ऋण का फायदा
छत्तीसगढ़ सरकार की ब्याज-मुक्त ऋण योजना खरीफ और रबी दोनों सीजन में किसानों का साथ देती है। सहकारी बैंकों के जरिए नगद और खाद-बीज का आवंटन होता है, जिससे किसानों को सही समय पर संसाधन मिलते हैं। राजनांदगांव में मई से ही नगद और खाद-बीज का वितरण शुरू होगा, ताकि किसान मानसून की पहली बारिश से पहले खेत तैयार कर सकें। इस योजना से किसान न सिर्फ सूदखोरों से बचते हैं, बल्कि सस्ते संसाधनों से ज्यादा पैदावार भी ले पाते हैं। एक किसान को औसतन 30,000-50,000 रुपये का ऋण मिल सकता है, जो उनकी जरूरत के हिसाब से तय होता है।
खेती को कैसे मिलेगा बल
500 करोड़ रुपये का ये ऋण राजनांदगांव के किसानों को खेती में नई जान डालेगा। नगद ऋण से मजदूरी, बिजली, और दूसरी जरूरतें पूरी होंगी, जबकि खाद-बीज का आवंटन अच्छी फसल की गारंटी देगा। धान, मक्का, और उड़द जैसी फसलों की बुआई के लिए ये संसाधन समय पर मिलना जरूरी है। सहकारी बैंक की ये योजना सुनिश्चित करती है कि छोटे किसान भी बिना किसी आर्थिक तनाव के खेती कर सकें। साथ ही, ब्याज-मुक्त होने से कर्ज चुकाना भी आसान हो जाता है। पिछले साल राजनांदगांव में 108 करोड़ रुपये का ऋण बँटा था, और इस बार लक्ष्य बढ़ने से और ज्यादा किसानों को फायदा होगा।
किसान भाइयों के लिए सलाह
किसान भाई, खरीफ सीजन 2025-26 के लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से जल्दी संपर्क करें। अपने नजदीकी बैंक शाखा में जाकर कागजात जैसे आधार कार्ड, खेत का खसरा-खतौनी, और किसान क्रेडिट कार्ड जमा करें। ब्याज-मुक्त ऋण का फायदा उठाएँ और समय पर बुआई शुरू करें। प्रमाणित बीज और अच्छी गुणवत्ता की खाद चुनें। अपने गाँव के दूसरे किसानों को भी इस योजना की जानकारी दें, ताकि सबके खेत लहलहाएँ। अगर कोई दिक्कत हो, तो बैंक की हेल्पलाइन या कृषि विभाग से मदद लें।
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