उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए सोलर पंप योजना खेती को सस्ता और मुनाफेदार बनाने का गजब का मौका है। डीज़ल पंपों की बढ़ती लागत और बिजली की दिक्कतों से जूझ रहे किसानों के लिए योगी सरकार की ये योजना वरदान है। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM) के तहत सोलर पंप की खरीद पर 60 फीसदी तक की भारी सब्सिडी मिल रही है।
अब तक 93,000 से ज़्यादा किसान इस योजना से फायदा उठा चुके हैं, और 2025 में 54,000 और सोलर पंप बाँटने का लक्ष्य है। ये योजना न सिर्फ़ खेती का खर्च घटाती है, बल्कि डीज़ल की निर्भरता खत्म करके पर्यावरण को भी बचाती है। आइए जानें, कैसे ये योजना आपके खेतों को नई ताकत देगी।
कौन उठा सकता है योजना का फायदा
सोलर पंप योजना का लाभ लेने के लिए आपके खेत में बोरिंग होनी ज़रूरी है, जिसमें पानी का स्तर अच्छा हो। सरकार ने अलग-अलग पंपों के लिए बोरिंग के मानक तय किए हैं। 2 हॉर्सपावर के सोलर पंप के लिए 4 इंच की बोरिंग, 3 और 5 हॉर्सपावर के लिए 6 इंच की बोरिंग, और 7.5 व 10 हॉर्सपावर के लिए 8 इंच की बोरिंग चाहिए।
ये योजना उत्तर प्रदेश के हर जिले और विकास खंड में लागू है, और हर क्षेत्र के लिए अलग-अलग लक्ष्य तय हैं। किसानों को सिर्फ़ 10 फीसदी लागत देनी होगी, बाकी 60 फीसदी सब्सिडी (30 फीसदी केंद्र और 30 फीसदी राज्य सरकार) और 30 फीसदी लोन के रूप में मिलेगा। इससे सोलर पंप लगाना जेब पर भारी नहीं पड़ता।
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आवेदन का आसान तरीका
इस योजना में हिस्सा लेना बिलकुल आसान है। आपको उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के आधिकारिक पोर्टल https://agriculture.up.gov.in/ पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर स्वीकार किए जाएँगे। प्रक्रिया को साफ-सुथरा रखने के लिए टोकन सिस्टम लागू है। आवेदन के समय 5,000 रुपये की टोकन राशि ऑनलाइन जमा करनी होगी, जिसे बाद में पंप की लागत में समायोजित कर दिया जाएगा। आवेदन से पहले अपनी बोरिंग और पानी के स्तर की जाँच कर लें। नज़दीकी कृषि केंद्र से सलाह लेने से काम और आसान हो जाएगा।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही का कहना है कि ये योजना खेती की लागत घटाने और जल संरक्षण को बढ़ाने का शानदार तरीका है। सोलर पंप से डीज़ल की महंगी लागत से छुटकारा मिलता है, और सूरज की मुफ्त बिजली से सिंचाई सस्ती हो जाती है। इससे फसल को सही समय पर पानी मिलता है, पैदावार बढ़ती है, और जेब में ज़्यादा पैसे बचते हैं। साथ ही, डीज़ल पंपों की निर्भरता कम होने से पर्यावरण को नुकसान नहीं होता, और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में भी मदद मिलती है। ये योजना किसानों को आर्थिक और पर्यावरणीय दोनों मोर्चों पर मज़बूत करती है।
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सोलर पंप की देखभाल का तरीका
सोलर पंप लगाने के बाद उसकी सही देखभाल ज़रूरी है। पंप के सोलर पैनल को हर हफ्ते साफ करें, ताकि धूल या गंदगी से बिजली उत्पादन कम न हो। बरसात में पैनल को पानी से बचाएँ और बिजली के तारों की जाँच करते रहें। बोरिंग में पानी का स्तर समय-समय पर चेक करें, ताकि पंप सुचारू रूप से चले। अगर कोई तकनीकी दिक्कत आए, तो तुरंत सोलर पंप सप्लायर या नज़दीकी कृषि केंद्र से संपर्क करें। सही रखरखाव से सोलर पंप सालों तक बिना खर्च के खेतों को सींचता रहेगा।
खेत की मिट्टी और पानी का ध्यान
सोलर पंप का पूरा फायदा तभी मिलेगा, जब खेत की मिट्टी और पानी का प्रबंधन ठीक हो। बुआई से पहले मिट्टी की जाँच कराएँ, ताकि पोषक तत्वों की कमी का पता चले। गोबर की खाद, नीम की खली, या वर्मी-कम्पोस्ट डालें, जिससे मिट्टी उपजाऊ बने। खेत में पानी की निकासी का इंतज़ाम करें, ताकि बरसात में पानी जमा न हो। सोलर पंप के साथ ड्रिप या स्प्रिंकलर सिंचाई का इस्तेमाल करें, जिससे पानी की बचत होगी और फसल को सही मात्रा में पानी मिलेगा। ये छोटे कदम पैदावार को बढ़ाते हैं।
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