केंद्र सरकार अब खेती को और ज्यादा प्राकृतिक और फायदेमंद बनाने में जुट गई है। इसके लिए राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन की शुरुआत की गई है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस मिशन के जरिए किसानों को जैविक और प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इससे न केवल मिट्टी की उर्वरता बनी रहेगी, बल्कि किसानों की लागत भी घटेगी और फसल की गुणवत्ता भी बढ़ेगी।
सरकार ने राज्यों को क्लस्टर आवंटित किए हैं, ताकि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा सके। हर क्लस्टर में किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए कृषि सखी और कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन की नियुक्ति होगी। ये लोग किसानों को जैविक खेती के फायदों से अवगत कराएंगे और टिकाऊ खेती के गुर सिखाएंगे। साथ ही 10,000 बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर भी खोले जा रहे हैं, जिससे किसानों को जैविक खाद और अन्य जरूरी संसाधन आसानी से मिल सकें।
खेती के लिए बढ़ा बजट
खेती को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना का बजट बढ़ाकर 1.71 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। इस योजना के तहत 2025-26 के लिए 8500 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है, जो कि पिछले साल के मुकाबले 2500 करोड़ रुपये ज्यादा है।
कृषि सखी और ट्रेनिंग का फायदा
प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए किसानों को ट्रेनिंग दी जाएगी। हर क्लस्टर में दो कृषि सखी और कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन तैनात किए जाएंगे, जो किसानों को खेती के सही तरीके सिखाएंगे। इसके अलावा 10,000 बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि किसानों को जैविक खाद, बीज और अन्य संसाधन आसानी से मिल सकें। सरकार किसानों को उनके खेतों पर ही जैविक इनपुट तैयार करने की ट्रेनिंग भी देगी।
मिट्टी और पानी के संरक्षण के लिए सरकार ने 5 फरवरी 2025 से ‘वाटरशेड यात्रा’ शुरू करने की योजना बनाई है। इस यात्रा के तहत 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 13,587 गांवों को कवर किया जाएगा। मकसद यह है कि किसानों को मिट्टी और जल संरक्षण की अहमियत बताई जाए, जिससे भविष्य में भी खेती जारी रह सके।
केमिकल फर्टिलाइजर से मिट्टी को नुकसान
अत्यधिक रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से धरती की उर्वरक क्षमता कम होती जा रही है। मिट्टी में जैविक कार्बन की मात्रा घट रही है, जल धारण करने की शक्ति कम हो रही है और मित्र कीट भी मर रहे हैं। इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार ने 15 नवंबर 2024 को नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग को मंजूरी दी, जिससे जैविक खेती को बढ़ावा मिल सके।
2 लाख से ज्यादा किसान करेंगे प्राकृतिक खेती
महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों में पहले से ही प्राकृतिक खेती को लेकर अच्छा खासा काम हो रहा है। इस योजना के तहत महाराष्ट्र में 85,450 हेक्टेयर जमीन पर खेती होगी और लगभग 2.13 लाख किसान प्राकृतिक खेती को अपनाएंगे। यह मिशन देशभर में किसानों को एक नई दिशा देने का काम करेगा।
सरकार चाहती है कि किसान पहले अपनी जमीन के एक छोटे हिस्से में प्राकृतिक खेती करें और उसके परिणाम देखें। अगर फायदा दिखे, तो इसे बड़े स्तर पर अपनाएं। सही तरीके से जैविक खेती करने से मिट्टी की उर्वरता बनी रहेगी और उत्पादन भी अच्छा होगा।
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