जानें क्या है PM-AASHA योजना, अब किसानों को हर फसल पर मिलेगा पूरा दाम, MSP की गारंटी के साथ!

किसान दिन-रात मेहनत करके फसल उगाते हैं, लेकिन कई बार बाज़ार में उनकी उपज का सही दाम नहीं मिलता। इससे उनकी कमाई और मेहनत दोनों पर असर पड़ता है। सरकार ने इस समस्या को दूर करने के लिए सितंबर 2018 में प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) शुरू किया। इस योजना का मकसद है कि हर किसान को अपनी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिले और उनकी मेहनत का सच्चा सम्मान हो। हाल ही में सरकार ने इस योजना को 2025-26 तक बढ़ाया है और इसके लिए ₹35,000 करोड़ का बजट मंजूर किया है। आइए, जानते हैं कि यह योजना कैसे काम करती है और किसानों के लिए क्या फायदे लाती है।

MSP का मतलब और इसका फायदा

न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP वह दाम है, जो सरकार फसलों के लिए तय करती है, ताकि बाज़ार में कीमतें गिरने पर भी किसानों को नुकसान न हो। PM-AASHA योजना इस MSP को हकीकत में बदलने का काम करती है। अगर बाज़ार में दाल, तिलहन, या नारियल की कीमत MSP से कम हो जाती है, तो सरकार या उसकी एजेंसियाँ जैसे NAFED और FCI सीधे किसानों से फसल खरीदती हैं। इससे किसानों को उनकी मेहनत का पूरा दाम मिलता है और उन्हें सस्ते दाम पर फसल बेचने की मजबूरी से छुटकारा मिलता है।

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कीमत समर्थन योजना से सीधा लाभ

PM-AASHA की सबसे बड़ी खासियत है इसकी कीमत समर्थन योजना (PSS)। इसके तहत सरकार दाल, तिलहन, और नारियल जैसी फसलों को MSP पर खरीदती है। यह खरीद NAFED और NCCF जैसी एजेंसियाँ करती हैं, जो सीधे किसानों से फसल लेती हैं। खरीद के लिए फसल को अच्छी क्वालिटी (Fair Average Quality) का होना ज़रूरी है। किसानों को पैसे सीधे उनके बैंक खाते में मिलते हैं, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।

इस योजना के तहत सरकार 25% तक फसल खरीद सकती है, लेकिन तूर, उड़द, और मसूर के लिए 2024-25 में 100% खरीद की सुविधा दी गई है। यह किसानों के लिए बड़ा फायदा है, क्योंकि इससे उनकी पूरी फसल MSP पर बिक सकती है।

कीमत अंतर भुगतान का आसान तरीका

PM-AASHA का दूसरा हिस्सा है कीमत अंतर भुगतान योजना (PDPS)। यह योजना खासकर तिलहन के लिए है। अगर बाज़ार में तिलहन की कीमत MSP से कम है, तो सरकार उस अंतर को सीधे किसान के बैंक खाते में जमा करती है। इसमें फसल की भौतिक खरीद नहीं होती, बल्कि किसान अपनी फसल बाज़ार में बेचता है और सरकार उसे MSP और बिक्री मूल्य का अंतर देती है।

इस योजना में हिस्सा लेने के लिए किसानों को पहले रजिस्टर करना होता है। हाल ही में सरकार ने इस योजना का दायरा बढ़ाकर तिलहन उत्पादन का 40% तक कर दिया है और इसे 4 महीने तक लागू रखने का फैसला किया है। यह उन किसानों के लिए फायदेमंद है, जो अपनी फसल जल्दी बेचना चाहते हैं।

बाज़ार हस्तक्षेप से अतिरिक्त सुरक्षा

PM-AASHA का तीसरा हिस्सा है बाज़ार हस्तक्षेप योजना (MIS)। यह योजना उन फसलों के लिए है, जो जल्दी खराब हो जाती हैं, जैसे टमाटर, प्याज, और आलू। अगर इन फसलों की कीमत पिछले साल की तुलना में 10% से ज्यादा गिर जाए, तो सरकार हस्तक्षेप करती है। यह हस्तक्षेप फसल खरीदकर या कीमत का अंतर देकर हो सकता है। इस योजना का दायरा अब 25% तक बढ़ा दिया गया है। सरकार इन फसलों का बफर स्टॉक भी रखती है, ताकि बाज़ार में कीमतें स्थिर रहें और उपभोक्ताओं को भी सस्ते दाम पर सामान मिले। यह योजना किसानों को नुकसान से बचाती है और बाज़ार को संतुलित रखती है।

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योजना में रजिस्ट्रेशन और पारदर्शिता

PM-AASHA का लाभ लेने के लिए किसानों को पहले रजिस्टर करना ज़रूरी है। यह रजिस्ट्रेशन NAFED के e-Samridhi पोर्टल या NCCF के e-Samyukti पोर्टल पर होता है। रजिस्ट्रेशन के बाद किसान अपनी फसल को MSP पर बेच सकते हैं। सरकार ने पैसे सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजने की व्यवस्था की है, ताकि बिचौलियों का दखल न हो। यह पारदर्शिता किसानों का भरोसा बढ़ाती है। साथ ही, सरकार ने ₹45,000 करोड़ का गारंटी फंड बनाया है, ताकि खरीद में कोई कमी न आए। यह योजना न सिर्फ़ किसानों को फायदा देती है, बल्कि दाल और तिलहन जैसी फसलों के उत्पादन को भी बढ़ावा देती है, जिससे आयात पर निर्भरता कम होती है।

PM-AASHA योजना किसानों के लिए एक बड़ा सहारा है। यह न सिर्फ़ उनकी मेहनत का सही दाम दिलाती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करती है। 2025-26 तक इस योजना का विस्तार और ₹35,000 करोड़ का बजट दिखाता है कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। अगर आप किसान हैं, तो अपने नज़दीकी कृषि केंद्र पर जाकर इस योजना में रजिस्टर करें और अपनी फसल का पूरा दाम पाएँ। यह योजना न सिर्फ़ आपकी कमाई बढ़ाएगी, बल्कि देश की खेती को भी नई ताकत देगी।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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