किस तरह के 100 जिलों में लागू होगी पीएम धन धान्‍य कृषि योजना, जानें सभी जवाब

देश के कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत हुई है। सरकार ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दे दी है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने पास किया। यह योजना छह साल की अवधि के लिए लागू होगी, जो 2025-26 सत्र से शुरू होकर देश के 100 चुनिंदा जिलों में प्रभावी होगी।

नीति आयोग के आकांक्षी जिला कार्यक्रम से प्रेरित यह योजना, हर साल 24,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ 1.7 करोड़ किसानों को लाभान्वित करेगी। इसका उद्देश्य कृषि उत्पादकता बढ़ाना, फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करना, और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देना है। आइए, जानते हैं कि यह योजना देश के 100 जिलों में कैसे काम करेगी और किसानों के लिए क्या-क्या फायदे लाएगी।

चयनित जिले, किन्हें मिलेगा पहला मौका?

इस योजना के लिए जिलों का चयन तीन प्रमुख मानकों पर किया जाएगा: (1) प्रति हेक्टेयर कृषि उत्पादकता कम होना, (2) फसल सघनता में कमी और (3) अल्पकालिक कृषि ऋण की सीमित उपलब्धता। जिन जिलों में किसान एक ही फसल पर निर्भर हैं या जहां बैंकिंग सुविधाएं कमज़ोर हैं, उन्हें प्राथमिकता मिलेगी। नीति आयोग के आकांक्षी जिलों की तर्ज पर हर राज्य से कम से कम एक जिला शामिल किया जाएगा। यह एक संतुलित और समावेशी विकास की दिशा में कदम है।

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केंद्र से सीधी फंडिंग, पैसा कहां से और कैसे?

इस योजना का पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। इसके तहत कृषि, पशुपालन, डेयरी, ग्रामीण विकास, सिंचाई आदि क्षेत्रों की 36 मौजूदा योजनाओं को मिलाकर एकीकृत किया जाएगा। राज्यों को यह धन जिलों के अनुसार उपलब्ध कराया जाएगा। हर जिले के लिए एक विशिष्ट कृषि कार्यक्रम बनाया जाएगा। योजना की निगरानी केंद्र, राज्य और जिला — तीनों स्तरों पर की जाएगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी।

निजी भागीदारी से बदलाव की रफ्तार

योजना में निजी क्षेत्र को भी सक्रिय भूमिका दी जाएगी। निजी कंपनियां, कृषि उत्पादक संगठन (FPOs) और सहकारी समितियां फसल प्रसंस्करण, भंडारण, और वैल्यू एडिशन जैसी गतिविधियों में शामिल होंगी। इससे किसानों की फसल बर्बादी रुकेगी और उन्हें बेहतर बाजार मूल्य मिलेगा। सरकार ऐसे प्रयासों को प्रोत्साहन और अनुदान भी देगी।

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विविधीकरण से बढ़ेगा लाभ

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का एक बड़ा उद्देश्य है किसानों को पारंपरिक खेती से बाहर निकालकर नई संभावनाओं की ओर मोड़ना। योजना के तहत बागवानी, दलहन, तिलहन, पशुपालन और मत्स्य पालन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही जैविक और प्राकृतिक खेती को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे न केवल मृदा की गुणवत्ता सुधरेगी, बल्कि किसानों को अधिक आमदनी के अवसर भी मिलेंगे।

छोटे और महिला किसानों के लिए सुनहरा अवसर

सीमांत और छोटे किसानों के साथ-साथ महिला किसानों को योजना में विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। उन्हें क्लस्टर के रूप में संगठित कर तकनीकी सहायता, प्रशिक्षण, आधुनिक उपकरण और आसान ऋण मुहैया कराया जाएगा। महिला किसानों के लिए विशेष पहलें  जैसे ‘ड्रोन दीदी’, ‘लखपति दीदी’, ‘कृषि सखी’, ‘पशु सखी’ लागू की जाएंगी। इससे महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बनेंगी, बल्कि स्थानीय रोजगार सृजन में भी अहम भूमिका निभाएंगी।

परिवर्तन की ओर एक बड़ा कदम

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना न सिर्फ एक सरकारी पहल है, बल्कि यह किसानों के जीवन को बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह योजना कृषि क्षेत्र में समन्वित विकास, आधुनिक तकनीक का विस्तार, और किसानों की आय में स्थायी वृद्धि सुनिश्चित करेगी। 19 जुलाई 2025 से लागू यह योजना अगले कुछ वर्षों में भारत की कृषि प्रणाली को एक नई दिशा दे सकती है। यह किसानों के लिए एक नई सुबह और देश के लिए हरित समृद्धि की ओर बढ़ता कदम है।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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