किसान साथियों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने एक बार फिर अपनी शानदार उपलब्धि से देश के किसानों को नई उम्मीद दी है। हाल ही में ICAR ने ट्विटर पर अपनी नवीनतम उपलब्धि साझा की, जिसमें DRR Dhan 81 नामक चावल की नई किस्म की घोषणा की गई। यह किस्म One ICAR पहल के तहत विकसित की गई है, जो देश के कृषि अनुसंधान और नवाचार का प्रतीक है। प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, पीआईबी इंडिया, कृषि मंत्रालय, और मायगव इंडिया जैसे मंचों ने इस उपलब्धि को सराहा है। आइए, जानते हैं कि DRR Dhan 81 किसानों के लिए कितना महत्वपूर्ण है और यह कैसे उनकी मेहनत को मुनाफे में बदल सकता है।
DRR Dhan 81, एक नई क्रांति
DRR Dhan 81 Rice Variety- यह भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान (IIRR) द्वारा विकसित एक उन्नत चावल की किस्म है, जो ICAR के प्रयासों का परिणाम है। यह किस्म विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए डिज़ाइन की गई है, जहां पानी की उपलब्धता कम है और जलवायु परिवर्तन चुनौती बन रहा है। इसकी खासियत यह है कि यह कम पानी में भी अच्छी पैदावार देती है, जो सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए वरदान साबित हो सकती है। किसानों ने बताया कि यह किस्म न केवल जल्दी पकने वाली है, बल्कि दानों की गुणवत्ता और स्वाद में भी बेहतर है, जो बाजार में मांग को बढ़ा सकती है।
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जलवायु के अनुकूल खेती
आज के समय में, जहां मौसम की अनिश्चितता बढ़ रही है, वही यह (DRR Dhan 81) एक सशक्त समाधान है। यह किस्म सूखे और कम नाइट्रोजन की स्थिति में भी अच्छा प्रदर्शन करती है, जो इसे टिकाऊ खेती के लिए उपयुक्त बनाता है। इसके मजबूत तने और बेहतर जड़ प्रणाली इसे गिरने (लॉजिंग) से बचाते हैं, जो उच्च पैदावार के लिए जरूरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह किस्म मिट्टी की सेहत को बनाए रखते हुए पानी और उर्वरकों की खपत को कम करती है, जो पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है।
पैदावार में बढ़ोतरी
DRR Dhan 81 की सबसे बड़ी खूबी है इसके उच्च उत्पादन की क्षमता। प्रारंभिक परीक्षणों में इस किस्म ने प्रति हेक्टेयर 5-6 टन उपज दी है, जो पारंपरिक किस्मों से बेहतर है। इसके दाने मध्यम आकार के और चमकदार होते हैं, जो बाजार में अच्छी कीमत दिला सकते हैं। जल्दी पकने की वजह से यह फसल चक्र को छोटा करता है, जिससे किसान साल में दो फसलें उगा सकते हैं। यह खासतौर पर बिहार, ओडिशा, तेलंगाना, और गुजरात जैसे राज्यों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
खेती का आसान तरीका
इस किस्म को उगाने के लिए उपजाऊ दोमट मिट्टी और अच्छी जल निकासी वाली जमीन सबसे उपयुक्त है। बीज को मई-जून में बोया जा सकता है, और 100-120 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाता है। मिट्टी में 10-15 टन जैविक खाद और 50-60 किलो नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर डालें। ड्रिप सिंचाई या बारिश के पानी का बेहतर प्रबंधन इस फसल को स्वस्थ रखता है। कीटों से बचाव के लिए जैविक कीटनाशकों का प्रयोग करें, जो फसल की प्राकृतिक गुणवत्ता को बरकरार रखे।
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किसानों के लिए नई आशा
छोटे और मझोले किसानों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है, जो जलवायु परिवर्तन और संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं। युवा किसान आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रिप सिंचाई और मिट्टी परीक्षण को अपनाकर इस किस्म से शानदार परिणाम हासिल कर रहे हैं। सरकार और ICAR की ओर से दी जा रही सहायता, जैसे बीज वितरण और प्रशिक्षण, इसे और सुलभ बना रही है। यह किस्म न केवल पैदावार बढ़ाती है, बल्कि किसानों की आय को दोगुना करने में मदद कर सकती है।
तकनीक और नवाचार
ICAR का #OneICAR अभियान इस बात का प्रमाण है कि भारतीय कृषि विज्ञान नवाचार की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। DRR Dhan 81 को विकसित करने में आधुनिक प्रजनन तकनीकों का इस्तेमाल हुआ है, जो इसे जलवायु-अनुकूल बनाता है। यह किस्म किसानों को कम लागत में अधिक लाभ देने की क्षमता रखती है, जो टिकाऊ खेती को बढ़ावा देती है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में इस तरह के प्रयास देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करेंगे।
साथियों के लिए प्रेरणा
साथियों, DRR Dhan 81 आपकी खेती को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। यह न केवल पैदावार बढ़ाएगा, बल्कि पानी और संसाधनों की बचत भी करेगा। आधुनिक तकनीकों को अपनाएँ और अपने क्षेत्र के कृषि केंद्र से इस किस्म के बीज प्राप्त करें। सरकार के सहयोग का लाभ उठाएँ और अपनी मेहनत को मुनाफे में बदलें। किसान भाईयों, ICAR और सरकार के प्रयासों से विकसित DRR Dhan 81 आपकी खेती को सशक्त बनाएगा। इसे अपनाकर आप अपने खेतों को समृद्ध करें और देश की खाद्य सुरक्षा में योगदान दें।
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