मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के किसानों के लिए खुशखबरी है। खेती के साथ-साथ अब पशुपालन के जरिए भी कमाई बढ़ाने का सुनहरा मौका मिल रहा है। मध्य प्रदेश सरकार ने डॉ. भीमराव अंबेडकर पशुपालन योजना शुरू की है, जिसके तहत किसानों और युवाओं को 43 लाख रुपये तक का लोन और भारी सब्सिडी दी जा रही है। इस योजना से न सिर्फ किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं, बल्कि गाँवों में रोजगार के नए रास्ते भी खुलेंगे।
लोन और सब्सिडी से आसान शुरुआत
इस योजना के तहत सामान्य वर्ग के किसानों को पशुपालन के लिए 43 लाख रुपये का लोन मिलेगा, जिसमें 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के लोगों को भी 43 लाख रुपये का लोन मिलेगा, लेकिन उन्हें 33 प्रतिशत सब्सिडी का फायदा होगा। इस लोन से किसान 25 गायों या भैंसों की एक डेयरी यूनिट शुरू कर सकते हैं। बुरहानपुर के पशु चिकित्सा डॉक्टर अजय रघुवंशी ने बताया कि यह योजना गाँवों में दूध उत्पादन बढ़ाने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगी।
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केवल 3.5 एकड़ जमीन की जरूरत
योजना का लाभ उठाने के लिए किसान के पास कम से कम साढ़े तीन एकड़ जमीन होनी चाहिए। यह शर्त सुनिश्चित करती है कि डेयरी यूनिट के लिए जरूरी संसाधन और जगह उपलब्ध हो। हर यूनिट में 25 दुधारू पशु होंगे, जिनसे दूध उत्पादन के जरिए किसान सालाना लाखों रुपये कमा सकते हैं। खास बात यह है कि इस योजना से न सिर्फ किसान खुद का बिजनेस शुरू कर सकते हैं, बल्कि अपने गाँव में दूसरों को भी रोजगार दे सकते हैं। बुरहानपुर के एक किसान, श्यामलाल, ने बताया कि इस योजना से उनकी डेयरी यूनिट शुरू करने की हिम्मत बढ़ी है, क्योंकि सब्सिडी से लोन चुकाना आसान होगा।
दूध उत्पादन और रोजगार को बढ़ावा
डॉ. भीमराव अंबेडकर पशुपालन योजना का मकसद गाँवों में दूध उत्पादन को बढ़ाना और युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ना है। सरकार का कहना है कि एक व्यक्ति अधिकतम आठ यूनिट तक स्थापित कर सकता है, यानी 200 पशुओं तक की डेयरी शुरू की जा सकती है। इससे न सिर्फ दूध का उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि गाँवों में बेरोजगारी भी कम होगी। पशुपालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह योजना छोटे और मझोले किसानों के लिए खास तौर पर फायदेमंद है, क्योंकि इसमें कम जोखिम और ज्यादा मुनाफा है।
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कैसे शुरू करें और क्या करें
योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को मध्य प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए और उसकी उम्र 21 साल से ज्यादा होनी चाहिए। साथ ही, डेयरी फार्मिंग का प्रशिक्षण किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से लेना जरूरी है। यूनिट को कम से कम सात साल तक चलाना होगा या जब तक लोन चुकता न हो जाए। बुरहानपुर के किसान इस योजना के लिए अपने नजदीकी पशुपालन विभाग कार्यालय या जिला कृषि कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। यह योजना न सिर्फ खेती के साथ अतिरिक्त आय का रास्ता खोलेगी, बल्कि गाँवों को आर्थिक रूप से मजबूत भी बनाएगी।
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