उत्तर प्रदेश में खेती के साथ-साथ मछली पालन का धंधा तेजी से बढ़ रहा है। किसानों और पशुपालकों की इस ओर बढ़ती रुचि को देखते हुए योगी सरकार ने मछली पालकों के लिए कई शानदार योजनाएँ शुरू की हैं। इन योजनाओं के तहत सब्सिडी और आर्थिक मदद दी जा रही है, ताकि कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सके। मत्स्य विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अपनी राज्य सेक्टर की योजनाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू कर दिए हैं। आवेदन की आखिरी तारीख 14 अगस्त 2025 है। आइए जानते हैं कि कौन-सी योजनाएँ हैं और कैसे उठा सकते हैं इनका फायदा।
ऑनलाइन आवेदन का आसान रास्ता
लखनऊ के सहायक निदेशक मत्स्य और मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. महेश चौहान ने बताया कि मछली पालकों को सहायता देने के लिए मत्स्य विभाग की वेबसाइट http://fisheries.up.gov.in पर 24 जुलाई 2025 से 14 अगस्त 2025 तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते हैं। इस पोर्टल पर जाकर किसान और पशुपालक आसानी से आवेदन कर सकते हैं। हर योजना के लिए अलग-अलग आवेदन करना होगा। पोर्टल पर योजनाओं का पूरा विवरण, लागत, जरूरी दस्तावेज, और आवेदन की प्रक्रिया दी गई है। अगर भविष्य में योजनाओं में कोई बदलाव होता है, तो नई शर्तें लागू होंगी। खास बात यह है कि पहले के सालों में रद्द या लंबित आवेदन वाले भी दोबारा आवेदन कर सकते हैं।
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इन योजनाओं से मिलेगी ताकत
योगी सरकार की मत्स्य योजनाएँ मछली पालकों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। इनमें शामिल हैं मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना, जो मछली पालन को बढ़ावा देती है, और निषादराज बोट सब्सिडी योजना, जिसके तहत मछुआरों को नाव खरीदने के लिए आर्थिक मदद मिलती है। इसके अलावा, सघन मत्स्य पालन के लिए एयरेशन सिस्टम की स्थापना, मछली बेचने के लिए मोपेड विद आइसबॉक्स परियोजना, और मछली पालकों के लिए प्रशिक्षण, प्रदर्शनी, और अंतर्राज्यीय भ्रमण जैसी योजनाएँ भी हैं। वाराणसी के मछली पालक विक्रांत पाठक ने बताया कि इन योजनाओं की मदद से उन्होंने अपने मछली पालन के कारोबार को 42 हेक्टेयर तक बढ़ा लिया और अब अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
मछली पालन से रोजगार और कमाई
मछली पालन न सिर्फ किसानों की आय बढ़ा रहा है, बल्कि गाँवों में रोजगार के नए रास्ते भी खोल रहा है। उत्तर प्रदेश में गंगा नदी और तालाबों में मछली पालन की बड़ी संभावनाएँ हैं। सरकार की योजनाएँ छोटे और मझोले मछली पालकों को सस्ते में संसाधन और तकनीक मुहैया करा रही हैं। मछली पालन को कृषि का दर्जा देने और मछुआरों को मुफ्त दुर्घटना बीमा देने जैसी पहल से यह धंधा और आकर्षक हो गया है। पिछले कुछ सालों में यूपी ने 57 मछली बीज हैचरी और 385 मछली बीज पालन इकाइयाँ बनाकर मछली पालकों को बड़ा सहारा दिया है।
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कैसे करें आवेदन और कहाँ लें जानकारी
आवेदन करने के लिए मत्स्य विभाग की वेबसाइट पर जाकर जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे। अगर आपको योजना की पूरी जानकारी चाहिए, तो http://fisheries.up.gov.in पर जाकर देखें। इसके अलावा, लखनऊ में मत्स्य पालक विकास अभिकरण, कमरा नंबर F-26, पहली मंजिल, विकास भवन, सर्वोदय नगर, इंदिरा नगर में किसी भी कार्यदिवस पर संपर्क कर सकते हैं। जिला, मंडल, या मत्स्य निदेशालय के कार्यालयों से भी मदद ली जा सकती है। यह मौका उन मछली पालकों के लिए सुनहरा है, जो कम लागत में बड़ा मुनाफा कमाना चाहते हैं।
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