फरवरी में शुरू करें इन किस्मों के खीरे की खेती, 40 दिन में फसल तैयार, अप्रैल से छप्पर फाड़ कमाई

Cucumber Cultivation Tips: अगर आप अगेती फसल के रूप में खीरे की खेती करना चाहते हैं, तो यह समय सबसे उपयुक्त है। सही बीज का चयन कर खेती शुरू करें और मात्र 40-50 दिनों में तैयार फसल से अप्रैल तक अच्छी कमाई शुरू कर सकते हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि सही बीज और सही समय पर बुवाई करने से किसान को अधिक उपज और मुनाफा मिलेगा।

अगेती फसलों की खेती क्यों फायदेमंद है? 

अगेती खीरा की खेती किसानों के लिए कई मायनों में फायदेमंद है। गर्मियों में खीरा की डिमांड सबसे अधिक होती है, जिससे किसानों को अच्छा भाव मिलता है। अगेती फसल की कीमतें बाजार में ज्यादा होती हैं, क्योंकि इस समय उपज कम होती है। खीरा की फसल कम समय (40-50 दिन) में तैयार हो जाती है, जिससे किसान एक सीजन में दो फसलें ले सकते हैं। इसकी खेती में कम पानी और देखभाल की जरूरत होती है, जिससे लागत कम होती है और मुनाफा बढ़ता है।

खीरे की खेती के लिए सबसे उपयुक्त बीज कौन-से हैं?

हजारीबाग के तरबा खरवा स्थित आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डॉ. अरविंद कुमार के अनुसार, सही बीज का चयन ही अच्छी उपज की कुंजी है। फरवरी में बुवाई करने से मार्च के मध्य से अप्रैल तक फसल आना शुरू हो जाती है।

खीरे की प्रजातिफसल आने का समय (दिनों में)उपज (प्रति पौधा)
स्वर्ण अगेती40-45 दिन3-4 किलो
पूसा संयोग45-50 दिन2.5-4 किलो
स्वर्ण पूर्णिमा45-50 दिन2.5-4 किलो
पूसा उदय (बड़े स्तर पर खेती के लिए)50-55 दिन200-250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर

स्वर्ण अगेती खीरे की प्रजाति किसानों के लिए बेहतरीन विकल्प है। इसके पौधों से 40-45 दिनों में फसल आ जाती है, जिससे जल्दी कमाई शुरू हो जाती है। पूसा संयोग और स्वर्ण पूर्णिमा प्रजातियां भी 45-50 दिनों में फल देना शुरू कर देती हैं, और इनसे प्रति पौधे 2.5-4 किलो तक फसल प्राप्त की जा सकती है।

खीरा की अगेती खेती का सही तरीका

खेत की तैयारी

खीरा के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है। खेत की 2-3 बार जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बना लें। प्रति एकड़ 10-15 टन गोबर की खाद या कम्पोस्ट मिलाएं।

बुवाई का समय और तरीका

फरवरी के अंत तक बुवाई पूरी कर लें। बीजों को 2-3 सेमी की गहराई में बोएं। पंक्ति से पंक्ति की दूरी 1.5-2 फीट और पौधे से पौधे की दूरी 1 फीट रखें।

सिंचाई 

बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें। गर्मी के मौसम में हर 4-5 दिन में पानी दें। ध्यान रखें कि खेत में पानी जमा न हो, नहीं तो जड़ें सड़ सकती हैं।

खाद और उर्वरक

बुवाई से पहले नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का संतुलित मात्रा में इस्तेमाल करें। फूल आने के समय गोमूत्र या जीवामृत का छिड़काव करें।

कीट और रोग नियंत्रण

चेपा और थ्रिप्स से बचाव के लिए नीम का तेल (5 मिली प्रति लीटर पानी) छिड़कें। पाउडरी मिल्ड्यू से बचने के लिए गंधक का छिड़काव करें।

अगर कोई किसान बड़े स्तर पर खीरे की खेती करना चाहता है, तो पूसा उदय सबसे उपयुक्त वैरायटी है। इससे प्रति हेक्टेयर 200-250 क्विंटल तक की उपज आसानी से प्राप्त की जा सकती है।

अगर आप गर्मियों में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो अभी से अगेती खीरे की खेती की योजना बनाएं। सही बीजों का चयन कर समय पर बुवाई करें और 40-50 दिनों में तैयार फसल से अच्छी कमाई करें। बाजार में खीरे की बढ़ती मांग के कारण यह एक बेहतरीन व्यवसायिक खेती साबित हो सकती है।

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  • Shashikant

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