खेती में बीज किसी फसल की नींव होता है। अगर बीज अच्छा है, तो फसल की पैदावार और गुणवत्ता दोनों बेहतर होती हैं। लेकिन अगर बीज घटिया हुआ, तो खेत की तैयारी, खाद और मेहनत सब बेकार चली जाती है। उत्तर प्रदेश जैसे कृषि प्रधान राज्य में, जहाँ करीब 3 करोड़ परिवार खेती पर निर्भर हैं, अच्छे बीज की जरूरत और भी बढ़ जाती है।
आर्थिक सर्वे 2023-2024 के मुताबिक, भारत में 42.3 प्रतिशत लोग खेती से अपनी आजीविका चलाते हैं, और यूपी में यह संख्या और ज्यादा है। लेकिन घटिया बीज किसानों के लिए बड़ी मुसीबत बने हुए हैं। पिछले साल 2023-2024 में 1,33,588 बीज नमूनों की जाँच में 3,630 नमूने खराब पाए गए। ऐसे में योगी सरकार की नई पहल किसानों के लिए राहत लेकर आई है।
यूपी में बनेंगे पाँच सीड पार्क
किसानों को सस्ते और अच्छे बीज उपलब्ध कराने के लिए योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश में पाँच सीड पार्क बनाने की योजना तैयार की गई है, जो वेस्टर्न जोन, तराई जोन, सेंट्रल जोन, बुंदेलखंड और ईस्टर्न जोन में स्थापित होंगे। इन पार्कों को पीपीपी मॉडल पर बनाया जाएगा, और अगले तीन सालों में सरकार इसके लिए 2,500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इन पार्कों में बीज उत्पादन, प्रोसेसिंग, भंडारण, स्पीड ब्रीडिंग और हाइब्रिड लैब जैसी आधुनिक सुविधाएँ होंगी। ये पार्क पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर बनाए जाएँगे, जो किसानों के मसीहा माने जाते हैं।
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लखनऊ में शुरू हो रहा पहला सीड पार्क
योजना के तहत पहला सीड पार्क लखनऊ के अटारी में राजकीय कृषि प्रक्षेत्र की 130.63 एकड़ जमीन पर बनाया जा रहा है। इसके लिए सरकार 266.70 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस पार्क में 26 सीड ब्लॉक होंगे, जहाँ यूपी के जलवायु और मिट्टी के हिसाब से बीज तैयार किए जाएँगे। यह पार्क न सिर्फ गेहूं, धान, मक्का, दलहन और तिलहन जैसे बीज तैयार करेगा, बल्कि उनकी गुणवत्ता भी सुनिश्चित करेगा। लखनऊ के किसान रामप्रकाश ने बताया कि अगर यूपी में ही सस्ते और अच्छे बीज मिलने लगें, तो उनकी खेती की लागत कम होगी और मुनाफा बढ़ेगा।
बीजों की कमी से छुटकारा
उत्तर प्रदेश में 162 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य जमीन है, और हर साल 139.43 लाख क्विंटल बीज की जरूरत पड़ती है। लेकिन अभी तक गेहूं के 20%, धान के 51%, मक्का के 74%, जौ के 95%, दलहन के 50% और तिलहन के 52% बीज दक्षिण भारत के राज्यों जैसे तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश से मँगवाने पड़ते हैं। इसके लिए प्रदेश को हर साल करीब 3,000 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। सीड पार्क बनने से यूपी में ही हाइब्रिड और उन्नत बीज तैयार होंगे, जिससे यह खर्च बचेगा और किसानों को सस्ते दामों पर अच्छे बीज मिलेंगे।
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किसानों को रोजगार और मुनाफा
सीड पार्क न सिर्फ बीज की समस्या हल करेंगे, बल्कि रोजगार के नए मौके भी लाएँगे। हर पार्क से करीब 1,200 लोगों को प्रत्यक्ष और 3,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। साथ ही, 40,000 बीज उत्पादक किसान इन पार्कों से जुड़ेंगे। सरकार निवेशकों को प्रोत्साहन देने के लिए 30 साल की लीज देगी, जिसे जरूरत पड़ने पर 90 साल तक बढ़ाया जा सकता है। इन पार्कों से फसलों की पैदावार 15-20% तक बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि यूपी में अभी गेहूं की प्रति हेक्टेयर पैदावार 26.75 क्विंटल है, जो पंजाब के 40.35 क्विंटल से काफी कम है।
किसानों के लिए बड़ी राहत
योगी सरकार की यह पहल किसानों की सबसे बड़ी समस्या, यानी घटिया बीज, को खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम है। सस्ते और गुणवत्तापूर्ण बीज मिलने से न सिर्फ खेती की लागत कम होगी, बल्कि फसल की पैदावार और गुणवत्ता भी बढ़ेगी। बाराबंकी के किसान श्यामलाल ने कहा कि अगर अपने ही प्रदेश में अच्छे बीज मिलने लगें, तो उनकी मेहनत बेकार नहीं जाएगी। यह योजना न सिर्फ किसानों की आय बढ़ाएगी, बल्कि यूपी को खेती में आत्मनिर्भर भी बनाएगी।
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