IFFCO New MD: दुनिया की सबसे बड़ी सहकारी संस्था, इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइज़र कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको), को नया प्रबंध निदेशक (MD) मिल गया है। केजे पटेल को इफको का नया एमडी बनाया गया है। 31 जुलाई, 2025 को इफको के चेयरमैन दिलीप संघानी ने इसकी घोषणा की। आइए जानें कि केजे पटेल कौन हैं और ये नई ज़िम्मेदारी आपके लिए क्या मायने रखती है।
केजे पटेल
केजे पटेल का नाम इफको में कोई नया नहीं है। वो पहले इफको के तकनीकी निदेशक थे और खाद बनाने वाले कारखानों में 32 साल से ज्यादा का अनुभव रखते हैं। गुजरात की सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले पटेल ने इफको के फूलपुर और पारादीप जैसे बड़े कारखानों में काम किया है। खासकर, पारादीप का कारखाना, जो भारत का सबसे बड़ा जटिल उर्वरक संयंत्र है, उनकी देखरेख में शानदार काम कर रहा है। उनके इस अनुभव का फायदा अब किसानों को मिलेगा, क्योंकि वो इफको को और बेहतर खाद और तकनीक देने की दिशा में ले जाएँगे।
इफको का नया युग
इफको के चेयरमैन दिलीप संघानी ने कहा कि केजे पटेल का अनुभव और नई सोच इफको को एक नई ऊँचाई देगी। वो न सिर्फ खेती के लिए नई तकनीकों को बढ़ावा देंगे, बल्कि किसानों और सहकारी समितियों की भलाई के लिए भी काम करेंगे। गाँव के किसानों को सस्ती और अच्छी क्वालिटी की खाद मिले, ये इफको का सबसे बड़ा मकसद है। पटेल की अगुवाई में इफको नई खाद, जैसे नैनो यूरिया और नैनो डीएपी, को और सुलभ बनाने की कोशिश करेगा, ताकि खेती का खर्चा कम हो और पैदावार बढ़े।
डॉ. यूएस अवस्थी का शानदार योगदान
इससे पहले इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी थे, जिन्होंने 32 साल तक इफको की कमान संभाली। 31 जुलाई, 2025 को वो 80 साल की उम्र के कारण रिटायर हो गए। उनके कार्यकाल में इफको ने कई बड़े कदम उठाए, जैसे नैनो यूरिया और नैनो डीएपी की खोज, जिसने खेती को आसान और पर्यावरण के लिए बेहतर बनाया। इफको को दुनिया की नंबर 1 सहकारी संस्था बनाने में उनकी मेहनत का बड़ा हाथ रहा। दिलीप संघानी ने उनकी तारीफ की और कहा कि किसानों के लिए उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।
इफको के बोर्ड ने 29 जुलाई को नया एमडी चुनने के लिए दिलीप संघानी को ज़िम्मेदारी दी थी। कुछ और लोग, जैसे मनीष गुप्ता, भी इस रेस में थे, लेकिन केजे पटेल का नाम फाइनल हुआ। बोर्ड ने ये भी फैसला किया कि आने वाले दिनों में पाँच डायरेक्टर्स को भी बदला जाएगा, ताकि नए लोगों को मौका मिले। इससे इफको में नई सोच और ऊर्जा आएगी। गाँव के किसानों के लिए इसका मतलब है कि आपको और बेहतर खाद, नई तकनीकें और सस्ते दाम मिलेंगे।
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