Crop Procurement: केंद्र सरकार ने खेती को और मुनाफेदार बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्यसभा में बताया गया कि 2014-15 से 30 जून, 2025 तक सरकार ने 315.19 लाख मीट्रिक टन तिलहन, दलहन, और कोपरा खरीदा है। इसके लिए किसानों को 1,69,980.90 करोड़ रुपये दिए गए हैं। ये रकम सीधे आपके खेतों की मेहनत का फल है। सरकार की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और PM-AASHA योजना आपके लिए वरदान बन रही है।
MSP: किसानों का हक, पक्का दाम
केंद्र सरकार हर साल 22 प्रमुख फसलों, जैसे धान, गेहूँ, तिलहन, और दलहन, के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करती है। ये दाम इस तरह रखे जाते हैं कि आपको खेती की लागत से कम से कम 50 फीसदी ज्यादा मुनाफा मिले। 2018-19 से सरकार ने ये नियम बनाया कि MSP हमेशा लागत से डेढ़ गुना ज्यादा होगा। ये काम कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सलाह और राज्यों के सुझावों के आधार पर होता है। छोटे और सीमांत किसानों को इसका सबसे ज्यादा फायदा मिलता है, क्योंकि अगर बाजार में दाम गिरे, तो भी सरकार MSP पर आपकी फसल खरीदती है।
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PM-AASHA बनी किसानों का सहारा
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) योजना तिलहन, दलहन, और कोपरा जैसे फसलों की खेती करने वालों के लिए खास है। इस योजना का मकसद है कि आपको अपनी फसल का सही दाम मिले, भले ही बाजार में कीमतें कम हों। ये योजना दो तरह से काम करती है। पहला, मूल्य समर्थन योजना (PSS), जिसमें सरकार सीधे आपकी फसल MSP पर खरीदती है। दूसरा, मूल्य अंतर भुगतान योजना (PDPS), जिसमें अगर बाजार का दाम MSP से कम हो, तो सरकार उस अंतर को आपके खाते में डाल देती है। इससे गाँव का हर किसान बिना नुकसान के अपनी फसल बेच सकता है।
गाँव-गाँव तक फायदा
कृषि मंत्रालय ने बताया कि 2014-15 से अब तक तिलहन, दलहन, और कोपरा की बंपर खरीद हुई है। ये खरीद छोटे और सीमांत किसानों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है, क्योंकि उनकी फसल का दाम पक्का हो जाता है। गाँव में खेती करने वाले भाइयों को अब ये चिंता नहीं कि बाजार में दाम गिरेंगे। PM-AASHA और MSP ने आपके खेतों को नई ताकत दी है। चाहे आप तिल, मूंगफली, या दाल की खेती करें, सरकार आपके साथ है। बस, अपनी फसल को APMC मंडियों में रजिस्टर करवाएँ और MSP का फायदा लें।
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PM-AASHA और MSP जैसी योजनाएँ किसानों की मेहनत को सम्मान दे रही हैं। तिलहन और दलहन की खेती न सिर्फ आपकी जेब भरती है, बल्कि देश को खाद्य तेल और दालों में आत्मनिर्भर भी बनाती है। अगर आप इन फसलों की खेती करते हैं, तो अपने नजदीकी कृषि विभाग या मंडी से संपर्क करें। वहाँ आपको MSP और PM-AASHA के तहत रजिस्ट्रेशन की पूरी जानकारी मिलेगी। ये योजनाएँ आपके खेतों को और हरा-भरा करने का मौका दे रही हैं।
अगर आप तिलहन या दलहन की खेती करते हैं, तो फसल बेचने से पहले APMC मंडी में रजिस्टर कर लें। MSP का फायदा लेने के लिए अपने कागजात, जैसे आधार और बैंक खाता, तैयार रखें। अगर आपको रजिस्ट्रेशन या योजना की जानकारी चाहिए, तो अपने जिले के कृषि विभाग से संपर्क करें। ये छोटा-सा कदम आपकी फसल को सही दाम और आपकी मेहनत को पूरा फल दे सकता है।
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