Musturd Crop Tips: इस साल रबी सीजन में सरसों की खेती में थोड़ी कमी आई है, जिससे उत्पादन पर असर पड़ सकता है। अब सरसों के पौधों पर माहू या चेपा कीट का हमला बढ़ रहा है, जो किसानों के लिए चिंता का कारण बन गया है। अगर समय पर सही उपाय नहीं किए गए, तो पैदावार कम होने के साथ-साथ सरसों में तेल की मात्रा भी घट सकती है।
कैसा होता है यह कीट?
माहू या चेपा एक छोटे आकार का कीट होता है, जो हल्के हरे या पीले रंग का होता है। यह पौधों के तनों, पत्तियों, फूलों और नई फलियों का रस चूसकर उन्हें कमजोर कर देता है।
यह कीट ठंडे और बादल वाले मौसम में तेजी से फैलता है। माहू कीट मधुस्राव (चिपचिपा पदार्थ) छोड़ता है, जिस पर काली फफूंद उग जाती है, जिससे पौधों की प्रकाश संश्लेषण (फोटो सिंथेसिस) प्रक्रिया प्रभावित होती है। इस कारण पौधे कमजोर होने लगते हैं और उपज व तेल की मात्रा में गिरावट आ सकती है।
माहू कीट से बचाव के आसान उपाय
सरसों की फसल को माहू से बचाने के लिए किसान निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं:
1. रासायनिक उपाय:
- इमिडाक्लोप्रिड 17.8% एसएल – 40 मिलीलीटर दवा को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें।
- डाइमिथोएट युक्त दवाएं – जैसे अग्रोअर या प्रोफ़ेनोफ़ॉस 40% + साइपरमेथ्रिन 4% ईसी घटक युक्त हेलिओक्स का छिड़काव करें।
- मेटासिस्टोक, रोगोरे या मैंलाथियान जैसी दवाओं का छिड़काव करें।
2. जैविक उपाय:
- नीम का तेल – नीम के तेल को तरल साबुन के साथ मिलाकर छिड़काव करें।
- नीम की निंबोली का घोल – 5% घोल बनाकर छिड़काव करें।
- प्रभावित फूलों के गुच्छों को तोड़कर नष्ट कर दें।
माहू से होने वाले नुकसान
- पौधों की प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया प्रभावित होती है।
- पौधों की वृद्धि रुक जाती है।
- फसल के दाने कमजोर और सिकुड़ जाते हैं।
- उत्पादन और तेल की मात्रा कम हो जाती है।
किसान ध्यान दें:
सरसों की फसल को माहू से बचाने के लिए समय-समय पर खेतों की निगरानी करें और यदि कीट का प्रकोप दिखे, तो तुरंत जैविक या रासायनिक उपाय अपनाएं। सही समय पर कीटनाशकों का उपयोग करने से फसल सुरक्षित रह सकती है और पैदावार भी अच्छी होगी।
(Disclaimer: यह जानकारी कृषि विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर दी गई है, किसान उपयोग से पहले स्थानीय कृषि अधिकारी से परामर्श कर सकते हैं।)
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