चंदौली के किसानों के लिए बड़ा मौका! मखाना, स्ट्रॉबेरी और फूलों की खेती पर मिलेगा ₹40,000 अनुदान

चंदौली: जिले के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है! उद्यान विभाग ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत पहली बार सिंघाड़ा और मखाना जैसी नगदी फसलों की खेती शुरू करने का फैसला किया है। इस योजना में किसानों को प्रति हेक्टेयर 30,000 से 40,000 रुपये तक की आर्थिक मदद दी जाएगी। इसका मकसद है कि किसान पारंपरिक धान और गेहूं की खेती के साथ-साथ ऐसी फसलों की ओर बढ़ें, जो ज्यादा मुनाफा दें। फूलों, फलों, सब्जियों और मसालों की खेती को भी बढ़ावा देने की योजना है।

सिंघाड़ा और मखाना की खेती का सुनहरा मौका

जिले में पहली बार सिंघाड़ा और मखाना की खेती को बढ़ावा देने के लिए खास योजना शुरू की गई है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सिंघाड़ा की खेती के लिए 2 हेक्टेयर और मखाना के लिए 3 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। इन फसलों की खेती करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 30,000 से 40,000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। ये फसलें न सिर्फ कम लागत में उगाई जा सकती हैं, बल्कि बाजार में इनकी अच्छी मांग भी है। इच्छुक किसान अपने नजदीकी उद्यान विभाग कार्यालय या ऑनलाइन पोर्टल के जरिए मुफ्त में आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए आधार कार्ड, खसरा-खतौनी, बैंक पासबुक और फोटो जमा करने होंगे।

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फूलों की खेती से चमकेगी किसानों की किस्मत

इस बार उद्यान विभाग ने फूलों की खेती पर भी खास ध्यान दिया है। गेंदा की जगह ग्लेडियोलस, जरबेरा और रजनीगंधा जैसे फूलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिनकी बाजार में भारी मांग है। इसके लिए 4 हेक्टेयर का लक्ष्य तय किया गया है। ये फूल न सिर्फ शादी-समारोह और सजावट के लिए लोकप्रिय हैं, बल्कि इनसे किसानों को अच्छा मुनाफा भी मिलेगा। विभाग इन फसलों के लिए भी सब्सिडी दे रहा है, ताकि किसान कम लागत में ज्यादा कमाई कर सकें। यह योजना उन किसानों के लिए खास है, जो अपनी खेती को विविधता देना चाहते हैं।

सब्जियों और फलों की खेती को भी बढ़ावा

योजना में सब्जियों और फलों की खेती को बढ़ाने पर भी जोर है। संकर सब्जियों जैसे टमाटर, फूलगोभी, पत्ता गोभी और बैंगन की खेती के लिए 120 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। इन फसलों पर प्रति हेक्टेयर 24,000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा, 15 हेक्टेयर में केला, 1 हेक्टेयर में पपीता और 2 हेक्टेयर में स्ट्रॉबेरी की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इन फसलों के लिए अलग-अलग दरों पर आर्थिक मदद मिलेगी। ये फसलें न केवल स्थानीय बाजार में बिकती हैं, बल्कि बड़े शहरों में भी इनकी अच्छी कीमत मिलती है।

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मसालों से होगी अतिरिक्त कमाई

उद्यान विभाग ने मसाला फसलों को भी इस योजना में शामिल किया है। लहसुन, प्याज और हल्दी जैसी फसलों की खेती के लिए खास लक्ष्य तय किए गए हैं। ये फसलें किसानों के लिए अतिरिक्त आय का जरिया बन सकती हैं, क्योंकि इनकी मांग सालभर बनी रहती है। मसालों की खेती न केवल मुनाफा देती है, बल्कि कम पानी और देखभाल में भी उगाई जा सकती है। विभाग इन फसलों के लिए भी सब्सिडी दे रहा है, ताकि छोटे और सीमांत किसान भी इन्हें आसानी से उगा सकें।

पहले आओ, पहले पाओ का मौका

जिला उद्यान अधिकारी डॉ. शैलेंद्र देव दुबे ने बताया कि यह योजना जिले में पहली बार शुरू की जा रही है। इसका लाभ पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर मिलेगा। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे जल्द से जल्द आवेदन करें और इस मौके का फायदा उठाएं। आवेदन की प्रक्रिया बेहद आसान है, और उद्यान विभाग के कार्यालय या ऑनलाइन पोर्टल के जरिए इसे पूरा किया जा सकता है। यह योजना न सिर्फ किसानों की आय बढ़ाएगी, बल्कि पारंपरिक खेती को नए और लाभकारी रास्ते पर ले जाएगी।

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  • Shashikant

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