जाने चुने के पाउडर से कैसे बकरियों को रखें बीमारियों से मुक्त, मुनाफा होगा भरपूर

बकरी पालन हमारी कमाई का बड़ा जरिया है। बकरियाँ दूध देती हैं, मांस देती हैं, और खाल भी काम आती है। लेकिन अगर बकरियाँ बीमार पड़ जाएं, तो सारा मुनाफा चौपट हो जाता है। मेरे गाँव के एक पुराने बकरी पालक, गोपाल चाचा, ने मुझे एक देसी नुस्खा बताया कि बकरियों के बाड़े में चूने का पाउडर छिड़कने से बीमारियाँ दूर रहती हैं। मैंने ये तरीका अपने एक दोस्त के बाड़े में आजमाया और सचमुच फर्क दिखा। बकरियाँ पहले से ज्यादा चटपटी और स्वस्थ रहने लगीं। आइए, जानते हैं कि चूने का पाउडर बकरी पालन में कैसे कमाल करता है।

बाड़े को बीमारियों से मुक्त करें

बकरियों का बाड़ा अगर गंदा हो, तो वहाँ कीटाणु और बैक्टीरिया पनपते हैं, जो बकरियों को बीमार कर देते हैं। मेरे गाँव में एक बकरी पालक, रामलाल, हर 10 दिन में अपने बाड़े में चूने का पाउडर छिड़कता है। चूना एक प्राकृतिक कीटाणुनाशक है, जो हानिकारक बैक्टीरिया को मार देता है। इससे बकरियों को खाज-खुजली, त्वचा के रोग, और सांस की परेशानियाँ कम होती हैं। चूना नमी को भी सोख लेता है, जिससे बाड़ा सूखा रहता है और वहाँ कीड़े-मकोड़े कम पनपते हैं। रामलाल ने बताया कि चूना छिड़कने के बाद उसकी बकरियाँ पहले से कम बीमार पड़ती हैं, और दवा पर खर्चा भी बचता है।

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बकरियों को परजीवियों से बचाएं

बकरियों को जूँ, चीचड़ और दूसरे छोटे-मोटे परजीवी बहुत परेशान करते हैं। ये परजीवी बकरियों की त्वचा पर रहते हैं और उन्हें कमजोर कर देते हैं। मेरे गाँव के एक पशु चिकित्सक ने सलाह दी कि चूने का पाउडर इन परजीवियों को भगाने में बहुत असरदार है। बाड़े में चूना छिड़कने से जूँ और चीचड़ मर जाते हैं, जिससे बकरियों को राहत मिलती है। मेरे एक पड़ोसी ने अपने बाड़े में ये नुस्खा आजमाया और देखा कि उसकी बकरियों की त्वचा पहले से साफ और स्वस्थ हो गई। चूना मक्खियों और मच्छरों को भी दूर रखता है, जो बकरियों को बीमार करने का बड़ा कारण हैं।

बाड़े की सफाई का आसान तरीका

बकरियों का बाड़ा साफ रखना बहुत जरूरी है, वरना बदबू और बीमारियाँ बढ़ती हैं। मेरी बहन, जो गाँव में बकरियाँ पालती है, हमेशा कहती है कि चूने का पाउडर बाड़े को ताजा और साफ रखता है। इसे इस्तेमाल करना बहुत आसान है। बाड़े की सतह को पहले झाड़ू से साफ करें, फिर चूने का पाउडर बराबर छिड़क दें। इस दौरान बकरियों को बाहर रखें, ताकि वो चूने को न खा लें। हर 10-15 दिन में ये काम करें। इससे बाड़ा साफ रहता है और बकरियों को त्वचा या पेट की बीमारियाँ कम होती हैं। मेरी बहन ने ये तरीका अपनाया और उसने देखा कि उसका बाड़ा पहले से ज्यादा साफ और बदबू-मुक्त रहता है।

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कुछ जरूरी सावधानियाँ

चूने का पाउडर इस्तेमाल करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। मेरे गाँव के पशु चिकित्सक ने बताया कि ज्यादा चूना छिड़कने से बचें, क्योंकि इससे बकरियों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। छिड़काव के बाद बाड़े को थोड़ी देर हवादार रखें, ताकि चूने की धूल बैठ जाए। बकरियों के खाने-पीने की जगह पर चूना न छिड़कें, ताकि वो गलती से इसे न खा लें। अगर आपका बाड़ा छोटा है, तो महीने में एक बार चूना छिड़कना काफी है। अपने नजदीकी पशु चिकित्सक से सलाह लेते रहें, ताकि बकरी पालन में और नई जानकारी मिले।

बकरियाँ तंदुरुस्त, कमाई दुरुस्त

बकरी पालन में सबसे बड़ी चुनौती है बकरियों को बीमारियों से बचाना। चूने का पाउडर एक ऐसा देसी नुस्खा है, जो सस्ता, आसान और बहुत असरदार है। मैंने गाँव के कई बकरी पालकों से बात की और उनके अनुभव से सीखा कि चूना छिड़कने से बकरियाँ स्वस्थ रहती हैं और दवा पर खर्चा कम होता है। आप भी इस नुस्खे को आजमाएं और अपने बाड़े को साफ रखें। अगर कोई सवाल हो, तो अपने गाँव के अनुभवी बकरी पालकों या पशु चिकित्सक से पूछें। हम सब मिलकर अपनी बकरियों को तंदुरुस्त और अपने धंधे को मजबूत बना सकते हैं।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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