Jaitonic Potash: खेती में पोटाश का महत्व कोई नई बात नहीं है। यह फसलों की जड़ों को मजबूत करता है, पानी का अवशोषण बढ़ाता है, और पैदावार में इजाफा करता है। लेकिन केमिकल पोटाश के मुकाबले जैव उर्वरक “जायटॉनिक पोटाश” किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरा है। यह न केवल पोटाश की ताकत देता है, बल्कि मिट्टी की जैविक उर्वरता को भी बढ़ाता है। किसानों के अनुभव बताते हैं कि जायटॉनिक पोटाश से फसलें ज्यादा स्वस्थ होती हैं और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुँचता। यह जैव उर्वरक खेती को टिकाऊ बनाने में मदद करता है। आइए जानें कि यह केमिकल पोटाश से कैसे बेहतर है।
केमिकल पोटाश के फायदे और नुकसान
केमिकल पोटाश, जैसे पोटैशियम क्लोराइड (MOP) या पोटैशियम सल्फेट (SOP), फसलों को तुरंत पोटैशियम देता है। यह फोटोसिंथेसिस, प्रोटीन संश्लेषण, और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। लेकिन इसके ज्यादा इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता कम हो सकती है। केमिकल पोटाश मिट्टी में मौजूद सूक्ष्मजीवों को नुकसान पहुँचाता है और पानी के रिसाव से पर्यावरण को प्रदूषित करता है। वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, केमिकल उर्वरकों का अधिक उपयोग मिट्टी की संरचना को बिगाड़ता है और लंबे समय में पैदावार घटा सकता है। किसानों के अनुभव बताते हैं कि केमिकल पोटाश से शुरुआती नतीजे अच्छे मिलते हैं, लेकिन मिट्टी की सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
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जायटॉनिक पोटाश क्या है
जायटॉनिक पोटाश एक जैव उर्वरक है, जो प्राकृतिक स्रोतों और सूक्ष्मजीवों से बनाया जाता है। यह मिट्टी में पोटैशियम की आपूर्ति करता है और साथ ही मिट्टी की जैविक उर्वरता को बढ़ाता है। इसमें मौजूद सूक्ष्मजीव, जैसे पोटैशियम सॉल्यूबिलाइजिंग बैक्टीरिया, मिट्टी में मौजूद पोटैशियम को पौधों के लिए उपलब्ध कराते हैं। यह जैव उर्वरक मिट्टी की संरचना को बेहतर करता है और पानी के रिसाव को रोकता है। किसानों के अनुभव बताते हैं कि जायटॉनिक पोटाश से फसल की जड़ें मजबूत होती हैं और पैदावार में 20-30% तक की वृद्धि देखी गई है। यह पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है।
मिट्टी की उर्वरता में सुधार
केमिकल पोटाश के विपरीत, जायटॉनिक पोटाश मिट्टी में जैविक पदार्थ बढ़ाता है। यह मिट्टी के सूक्ष्मजीवों को सक्रिय करता है, जो पोषक तत्वों को धीरे-धीरे उपलब्ध कराते हैं। वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, जैव उर्वरक मिट्टी की उर्वरता को लंबे समय तक बनाए रखते हैं और पानी, नाइट्रोजन, और फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाते हैं। जायटॉनिक पोटाश मिट्टी की जल धारण क्षमता को भी सुधारता है, जो कम बारिश वाले क्षेत्रों में खास तौर पर फायदेमंद है। किसानों के अनुभव बताते हैं कि इसके इस्तेमाल से मिट्टी ढीली और उपजाऊ रहती है, जिससे बार-बार उर्वरक डालने की जरूरत कम होती है।
फसलों के लिए जायटॉनिक पोटाश के फायदे
जायटॉनिक पोटाश फसलों की पैदावार और गुणवत्ता दोनों को बढ़ाता है। यह फूलों और फलों वाली फसलों, जैसे टमाटर, आलू, और फलदार पौधों, के लिए खास तौर पर लाभकारी है। यह पौधों में प्रोटीन और स्टार्च संश्लेषण को बढ़ावा देता है, जिससे फल बड़े और स्वादिष्ट होते हैं। वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, जैव उर्वरक फसलों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं। जायटॉनिक पोटाश से गेहूँ, चावल, और मक्का जैसी फसलों में 20-30% तक पैदावार बढ़ सकती है। किसानों के अनुभव बताते हैं कि यह उर्वरक लागत में किफायती है और लंबे समय तक मिट्टी को उपजाऊ रखता है।
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पर्यावरण के लिए बेहतर
केमिकल पोटाश का ज्यादा उपयोग पानी और हवा को प्रदूषित करता है। यह नाइट्रेट और फॉस्फेट के रिसाव से नदियों और झीलों को नुकसान पहुँचाता है। इसके विपरीत, जायटॉनिक पोटाश पर्यावरण के लिए सुरक्षित है। यह मिट्टी में प्राकृतिक पोषक चक्र को बनाए रखता है और ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करता है। वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, जैव उर्वरक मिट्टी के सूक्ष्मजीवों की विविधता को बढ़ाते हैं, जो पर्यावरण संरक्षण में मदद करते हैं। किसानों के अनुभव बताते हैं कि जायटॉनिक पोटाश का उपयोग टिकाऊ खेती को बढ़ावा देता है।
जायटॉनिक पोटाश को अपनी खेती में शामिल करें। इसे बीज उपचार, मिट्टी में मिलाने, या जड़ों में डालने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। स्थानीय कृषि केंद्रों से संपर्क कर इसकी सही मात्रा और उपयोग की जानकारी लें। यह उर्वरक बाजार में आसानी से उपलब्ध है और केमिकल पोटाश की तुलना में किफायती है। किसानों के अनुभव बताते हैं कि शुरुआत में छोटे स्तर पर इसका उपयोग करें और परिणाम देखकर पूरी खेती में अपनाएँ। जायटॉनिक पोटाश से न सिर्फ फसल की पैदावार बढ़ेगी, बल्कि मिट्टी की सेहत भी बनी रहेगी।
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