Animal Care Tips for Monsoon: बरसात का मौसम पशुपालकों के लिए बड़ी चुनौती लेकर आता है। हरा चारा और पीने का पानी भी बीमारियों का कारण बन जाता है। जरा सी लापरवाही से गाय, भैंस, भेड़ या बकरी की जान खतरे में पड़ सकती है। पशु तनाव में आ जाते हैं, दूध कम होता है, और कभी-कभी मौत तक हो जाती है। इससे पशुपालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन अगर कुछ आसान टिप्स अपनाएँ, तो पशु स्वस्थ रहेंगे और आपकी कमाई भी बढ़ेगी। आइए, जानते हैं कि बरसात में पशुओं की देखभाल कैसे करें।
जरूरी टीके और दवाएँ
बरसात शुरू होने से पहले पशुओं को टीके लगवाना बहुत जरूरी है। गाय-भैंस के चार महीने के बच्चे से टीकाकरण शुरू होता है। खुरपका-मुंहपका, गलघोंटू, मिल्क फीवर, और थनेला जैसी बीमारियों से बचाव के लिए टीके उपलब्ध हैं। अगर पहले टीके नहीं लगवाए, तो बरसात के बीच में भी लगवा सकते हैं। अपने गाँव के पशु अस्पताल में जाकर ये टीके मुफ्त या कम दाम पर लगवाएँ। साथ ही, पेट के कीड़ों की दवा भी जरूर खिलाएँ, ताकि पशु की सेहत बनी रहे। ये छोटे कदम पशुओं को बड़ी बीमारियों से बचा सकते हैं।
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पशुओं को अलग-अलग रखें
बरसात में संक्रमण तेजी से फैलता है, इसलिए बाड़े में सभी पशुओं को एक साथ न बाँधें। स्वस्थ पशुओं को अलग रखें और बीमार को अलग। छोटे बच्चों को बड़े पशुओं से दूर रखें, ताकि वे संक्रमण से बचें। गाभिन या बच्चा दे चुकी गाय-भैंस को भी अलग रखें और उन्हें पौष्टिक खुराक दें। इससे वे कमजोर नहीं होंगी और दूध भी अच्छा आएगा। बाड़े में सफाई रखें और पशुओं को हाथ लगाने से पहले और बाद में हाथ साफ करें।
मक्खी-मच्छर और चमड़ी के रोग से बचाव
बरसात में मक्खी और मच्छर पशुओं को बहुत तंग करते हैं। इनसे बचाने के लिए बाड़े में फोगिंग करवाएँ। अगर कोई पशु मर जाए, तो उसे खुले में न फेंकें, बल्कि मिट्टी में गाड़ें और ऊपर नमक डालें। इससे संक्रमण नहीं फैलेगा। चमड़ी के रोगों से बचाव के लिए पशुओं को साफ रखें। नए आए पशु को 15 दिन तक अलग रखें, ताकि वे बाड़े में बीमारी न फैलाएँ।
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हरा चारा और पानी की सावधानी
बरसात में हरा चारा और जमा पानी बीमारियों का कारण बन सकता है। चारे में पानी की मात्रा ज्यादा होती है, जो पशुओं के पेट को खराब कर सकती है। साफ पानी दें और चारे को सुखाकर खिलाएँ। अगर पानी दूषित लगे, तो उसे उबालकर दें। ये छोटी सावधानियाँ पशुओं को बीमार होने से बचा सकती हैं।
पशुपालकों के लिए सलाह
पशुपालक भाइयों, बरसात में जरा सी सावधानी से आप अपनी मेहनत बचा सकते हैं। टीके लगवाएँ, पशुओं को अलग रखें, और सफाई का ध्यान रखें। अगर कोई समस्या हो, तो नजदीकी पशु चिकित्सालय से संपर्क करें। अपने गाँव के दूसरे पशुपालकों को भी ये टिप्स बताएँ, ताकि सभी के पशु स्वस्थ रहें और दूध की कमाई बढ़े। यह मौसम चुनौतीपूर्ण है, लेकिन सही देखभाल से आप इसे फायदेमंद बना सकते हैं।
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