कम लागत, बंपर मुनाफा! इस विधि से करें कुंदरू की खेती और 4 साल तक पाएं कमाई

कुंदरू की खेती आजकल किसान भाइयों के लिए कमाई का बड़ा जरिया बन रही है। खासकर बरसात के मौसम में इसकी मांग बढ़ जाती है। बहराइच जिले के किसान जियाउल हक ने मचान विधि से कुंदरू की खेती करके दिखा दिया है कि कम मेहनत और कम पैसे में भी बंपर मुनाफा कमाया जा सकता है। आइए, उनके इस देसी तरीके को समझें और जानें कि आप भी अपने खेत में इसे कैसे आजमा सकते हैं।

खेती का नया देसी जुगाड़

मचान विधि एक ऐसा तरीका है, जिसमें बांस या लोहे की जाली से खेत में एक ऊंचा ढांचा बनाया जाता है। इस पर कुंदरू की बेलें चढ़ाई जाती हैं। इससे फसल जमीन से ऊपर रहती है, जिससे बारिश में सड़न का डर नहीं रहता। बहराइच के जियाउल भाई ने अपने खेत में यही तरीका अपनाया है। उनका कहना है कि मचान विधि से न सिर्फ फसल खराब होने से बचती है, बल्कि कुंदरू का आकार भी बड़ा और चमकदार होता है। इससे बाजार में अच्छा दाम मिलता है। इस विधि से खेती करने में मेहनत भी कम लगती है, क्योंकि बेलें ऊपर चढ़ने के बाद अपने आप बढ़ती हैं।

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कम लागत, ज्यादा फायदा

कुंदरू की खेती में ज्यादा खर्चा नहीं आता। जियाउल भाई बताते हैं कि एक बीघा खेत में मचान तैयार करने और बीज बोने में सिर्फ 3 से 4 हजार रुपये लगते हैं। अगर मेहनत और देखभाल सही हो, तो बरसात के मौसम में एक बीघा से 20 से 25 हजार रुपये तक की कमाई आसानी से हो जाती है। कुंदरू की खास बात यह है कि यह परवल की तरह ही बिकता है। जब परवल का दाम बढ़ता है, तो कुंदरू का भी दाम बढ़ जाता है। बाजार में इसकी मांग हमेशा रहती है, क्योंकि लोग इसे सब्जी के रूप में खूब पसंद करते हैं। इसे बेचने के लिए ज्यादा भागदौड़ भी नहीं करनी पड़ती।

कीटों से बचाव का आसान तरीका

खेती में कीटों का डर हर किसान को सताता है, लेकिन जियाउल भाई ने इसका भी देसी जुगाड़ निकाला है। उन्होंने अपने खेत में मचान के साथ-साथ फ्लाइट ट्रैप लगाए हैं। ये ट्रैप कीटों को फंसाने का काम करते हैं, जिससे फसल को नुकसान नहीं होता। आप भी अपने खेत में नीम का तेल या देसी कीटनाशक छिड़क सकते हैं। मचान विधि में फसल जमीन से ऊपर रहती है, इसलिए कीटों और बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है। इससे न सिर्फ फसल सुरक्षित रहती है, बल्कि पैदावार भी बढ़ती है।

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खेत की तैयारी और देखभाल

कुंदरू की खेती शुरू करने के लिए सबसे पहले खेत को अच्छे से तैयार करना जरूरी है। खेत की गहरी जुताई करें और गोबर की खाद डालें। इसके बाद नर्सरी में बीज बोकर पौधे तैयार करें। जब पौधे थोड़े बड़े हो जाएं, तो उन्हें मचान के पास रोप दें। मचान बनाने के लिए बांस या तार का ढांचा बनाएं, जो मजबूत हो। बरसात में 4-5 दिन के अंतर पर हल्की सिंचाई करें, ताकि खेत में नमी बनी रहे। समय-समय पर खरपतवार हटाते रहें, ताकि पौधों को पूरा पोषण मिले।

कुंदरू की खेती एक ऐसा धंधा है, जो कम पैसे में ज्यादा मुनाफा देता है। बहराइच के जियाउल भाई ने अपने अनुभव से साबित किया है कि मचान विधि से न सिर्फ फसल की पैदावार बढ़ती है, बल्कि मेहनत और लागत भी कम लगती है। अगर आप भी अपने खेत में कुछ नया करना चाहते हैं, तो कुंदरू की खेती शुरू करें। यह एक बार लगाने के बाद कई सालों तक कमाई देता है। तो देर किस बात की? अपने खेत में मचान बनाओ, कुंदरू की बेल चढ़ाओ, और बंपर मुनाफा कमाओ!

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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