6000 रुपये किलो से 15 रुपये तक गिरा अदरक, लागत के लिए तरस गए किसान

Ginger Price: अदरक की खेती करने वाले किसानों के लिए यह साल काफी निराशाजनक साबित हो रहा है। पिछले साल जहां अदरक की कीमतें आसमान छू रही थीं, वहीं इस बार इसकी कीमतें इतनी नीचे गिर गई हैं कि किसान अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे। 2023 में 60 किलो अदरक की कीमत 5,000 से 6,000 रुपये थी, लेकिन इस साल यह घटकर मात्र 800 से 900 रुपये प्रति 60 किलो रह गई है। इस भारी गिरावट ने किसानों की कमर तोड़ दी है और वे सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।

अदरक की कीमतों में भारी गिरावट, किसान बेहाल

पिछले साल अदरक की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर थीं, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा हुआ था। लेकिन इस बार हालात पूरी तरह बदल गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अदरक की कीमतों में आगे और भी गिरावट आ सकती है, क्योंकि अभी इसकी खुदाई शुरू नहीं हुई है। मैसूर और आसपास के इलाकों में अदरक की खेती बड़े पैमाने पर होती है, लेकिन इस बार कीमतों में गिरावट से यहां के किसान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

अदरक की खेती में आठ महीने का समय लगता है और इसकी लागत भी अधिक होती है। इसमें बीज, उर्वरक, मजदूरी और पानी का खर्च शामिल होता है। जब कीमतें इतनी गिर जाती हैं कि किसान अपनी लागत भी नहीं निकाल पाते, तो वे भारी आर्थिक संकट में फंस जाते हैं।

व्यापारियों की मनमानी, किसानों को नहीं मिल रहा सही दाम

मैसूर के अदरक किसान बताते हैं कि यहां अदरक के लिए कोई स्थिर बाजार नहीं है। व्यापारी बाहरी राज्यों से आते हैं और खुद ही दाम तय करके खरीदारी करते हैं। किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिलता और कई बार तो ऐसा भी होता है कि व्यापारी भुगतान करने में देरी कर देते हैं या पूरी राशि नहीं देते।

कर्नाटक राज्य रायता संघ के नेता होसुर कुमार ने बताया कि अदरक की कीमतें इतनी गिर क्यों रही हैं, इसका कोई ठोस कारण अभी तक सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा, “हमने इस विषय पर राज्य सरकार से संपर्क किया है और मांग की है कि अदरक की खरीद-बिक्री के लिए उचित व्यवस्था बनाई जाए।”

लहसुन के किसानों की हालत भी खराब

अदरक के साथ-साथ लहसुन के किसानों की हालत भी इस साल खराब है। 2023 में 60 किलो लहसुन की कीमत 9,000 रुपये तक पहुंच गई थी। उस समय लहसुन की इतनी मांग थी कि खेतों और दुकानों से इसकी चोरी होने लगी थी और कई मामले पुलिस थानों में दर्ज किए गए थे। लेकिन इस साल हालात पूरी तरह बदल गए हैं। लहसुन की कीमतें इतनी गिर गई हैं कि किसान उसे बेच ही नहीं पा रहे।

किसानों की सरकार से मांग

मैसूर के अदरक किसान राज्य और केंद्र सरकारों से मांग कर रहे हैं कि बाजार को स्थिर करने के लिए कोई योजना बनाई जाए। किसानों का कहना है कि अदरक और लहसुन जैसी फसलों के लिए एक मजबूत बाजार तंत्र बनाया जाए, जिससे किसानों को उनके उत्पाद का सही दाम मिल सके।

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  • Shashikant

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