मार्च में ये सब्जी लगाइए, एक एकड़ 10 टन होगा उत्पादन 80 दिन में 3 लाख की कमाई

Kharbuje Ki Organic kheti: खरबूजा गर्मियों का एक लोकप्रिय फल है, जिसकी मांग बाजार में काफी अधिक होती है। यदि आप मार्च महीने में खरबूजे की ऑर्गेनिक खेती शुरू करना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद उपयोगी साबित होगा। इस लेख में हम खरबूजा उगाने की सही विधि, मिट्टी की तैयारी, उर्वरक, जल प्रबंधन और रोग नियंत्रण जैसी महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा करेंगे।

खरबूजे की ऑर्गेनिक खेती (Kharbuje Ki Organic kheti) के फायदे

ऑर्गेनिक खेती में किसी भी प्रकार के हानिकारक रसायनों का प्रयोग नहीं किया जाता, जिससे उत्पादन रासायनिक मुक्त होता है। जैविक विधि से उगाए गए खरबूजे अधिक मीठे और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। जैविक उत्पादों की बाजार में अधिक मांग होने के कारण किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है। इसके अलावा, यह खेती मिट्टी की गुणवत्ता को बनाए रखती है और पर्यावरण के अनुकूल होती है।

मार्च में खरबूजे की खेती क्यों करें? 

मार्च का महीना खरबूजे की बुवाई के लिए आदर्श समय होता है क्योंकि इस दौरान मौसम गर्म होना शुरू हो जाता है, जो खरबूजे के अंकुरण और विकास के लिए अनुकूल होता है। इस समय मिट्टी में पर्याप्त नमी होती है, जिससे पौधों को पोषक तत्वों की आपूर्ति सुचारू रूप से होती रहती है। मार्च में बुवाई करने से मई-जून में फसल तैयार हो जाती है, जब बाजार में इसकी उच्च मांग होती है।

जलवायु और मिट्टी

खरबूजे की अच्छी पैदावार के लिए 25 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त होता है। बलुई दोमट मिट्टी इस फसल के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है, जिसका pH स्तर 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए। खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए ताकि पानी का ठहराव न हो।

खेत की तैयारी

सबसे पहले खेत की गहरी जुताई करें। इसके बाद 20-25 टन सड़ी हुई गोबर की खाद प्रति एकड़ खेत में मिलाएं। खेत को समतल करके खरपतवार और अतिरिक्त कंकड़-पत्थर हटा दें। इससे मिट्टी उपजाऊ बनेगी और खरबूजे की वृद्धि बेहतर होगी।

बीज चयन और बुवाई का तरीका

खरबूजे की अच्छी पैदावार के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीज का चयन करना जरूरी है। प्रति एकड़ 500-600 ग्राम बीज पर्याप्त होता है। बीजों को 1-1.5 इंच गहराई में बोना चाहिए और हल्की मिट्टी डालकर ढक देना चाहिए। बुवाई से पहले बीजों को गौमूत्र या नीम की पत्तियों के अर्क से धोना फायदेमंद होता है।

सिंचाई और खरपतवार नियंत्रण

बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें। पहले 30 दिनों तक हर 3-4 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें। फूल आने और फल बनने की अवस्था में पानी की मात्रा बढ़ाएं। पानी की बचत और खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए ड्रिप सिंचाई प्रणाली का उपयोग करना लाभकारी रहेगा।

खेत में गहरी जुताई करें और मल्चिंग तकनीक अपनाएं। जैविक खेती में खरपतवार नियंत्रण के लिए हाथ से निराई-गुड़ाई करना सबसे अच्छा तरीका होता है।

जैविक खाद और उर्वरक प्रबंधन

खरबूजे की बेहतर वृद्धि के लिए खेत में गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट और नीम खली डालना चाहिए। पत्तों के अच्छे विकास के लिए नीम तेल और पंचगव्य का छिड़काव किया जा सकता है।

खरबूजे की फसल में अक्सर कीट और बीमारियों का प्रकोप देखने को मिलता है। पाउडरी मिल्ड्यू को रोकने के लिए ट्राइकोडर्मा फफूंद या नीम के अर्क का छिड़काव करें। लाल मकड़ी और एफिड्स से बचाव के लिए नीम तेल का स्प्रे करें। फल मक्खी को नियंत्रित करने के लिए खेत में पीले चिपचिपे जाल (Yellow Sticky Traps) लगाना चाहिए।

कटाई और बाजार में बिक्री

खरबूजे की फसल बुवाई के 75-90 दिनों में तैयार हो जाती है। जब खरबूजे का रंग हल्का पीला हो जाए और बेल से आसानी से अलग हो जाए तो कटाई करें। प्रति एकड़ 8-12 टन उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

जैविक खरबूजे की मांग अधिक होने के कारण इसे स्थानीय मंडियों, सुपरमार्केट और ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर बेचा जा सकता है। जैविक प्रमाणपत्र प्राप्त कर लेने से इसे प्रीमियम रेट पर बेचा जा सकता है। एक एकड़ में खरबूजे की खेती से लगभग 1.5-2 लाख रुपये का मुनाफा हो सकता है।

मार्च में खरबूजे की ऑर्गेनिक खेती (Kharbuje Ki Organic kheti) शुरू करना एक लाभदायक और टिकाऊ कृषि विकल्प है। सही विधियों का पालन करके किसान बेहतर गुणवत्ता और अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। जैविक खेती न केवल किसानों को आर्थिक रूप से लाभ देती है, बल्कि मिट्टी और पर्यावरण को भी स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होती है। यदि आप भी खरबूजे की जैविक खेती करने का विचार कर रहे हैं, तो इस गाइड को अपनाकर एक सफल फसल उगा सकते हैं।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र पिछले तिन साल से पत्रकारिता कर रहा हूँ मै ugc नेट क्वालीफाई हूँ भूगोल विषय से मै एक विषय प्रवक्ता हूँ , मुझे कृषि सम्बन्धित लेख लिखने में बहुत रूचि है मैंने सम्भावना संस्थान हिमाचल प्रदेश से कोर्स किया हुआ है |

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