WH-1402 गेहूँ किस्म, सिर्फ 2 सिंचाई में 68 क्विंटल तक उपज, जानें पूरी जानकारी

खेती में पानी की कमी किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इसी को देखते हुए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (CCSHAU), हिसार ने एक नई गेहूँ की किस्म WH-1402 विकसित की है। यह किस्म खासतौर पर उन इलाकों के लिए उपयुक्त है जहाँ जमीन रेतीली हो, उपजाऊ शक्ति कम हो और पानी की उपलब्धता सीमित हो। पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू–कश्मीर के किसान इस किस्म को सफलतापूर्वक बो सकते हैं।

सिर्फ 2 सिंचाई की ज़रूरत

WH-1402 किस्म की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे केवल दो बार सिंचाई में ही अच्छी उपज मिल जाती है।
पहली सिंचाई बुवाई के लगभग 20 से 25 दिन बाद, जब शिखर जड़ें निकलती हैं, करनी चाहिए। दूसरी सिंचाई बुवाई के 80 से 85 दिन बाद, जब बालियाँ निकलने लगें, करनी ज़रूरी है। इससे गेहूँ की फसल को पर्याप्त नमी मिलती है और पैदावार प्रभावित नहीं होती।

कितना देती है पैदावार

इस किस्म से औसतन 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज मिलती है। सही प्रबंधन और केवल दो सिंचाई के साथ भी किसान 68 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन पा सकते हैं। यह किस्म NIAW-3170 की तुलना में लगभग 7.5% ज्यादा उपज देती है।

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रोगों से सुरक्षा

WH-1402 गेहूँ किस्म में पीला रतुआ (yellow rust), भूरा रतुआ (brown rust) और अन्य प्रमुख रोगों के प्रति सहनशीलता पाई जाती है। यही कारण है कि यह किस्म रोगों के हमले में भी स्थिर पैदावार देती है।

पोषण और दाने की विशेषताएँ

फसल की अवधि में बालियाँ निकलने में करीब 100 दिन और कटाई तक लगभग 147 दिन लगते हैं। पौधे की औसत ऊँचाई करीब 100 सेंटीमीटर होती है, जिससे यह आसानी से गिरता नहीं है।

इसके दाने मोटे और चमकदार होते हैं, जो अच्छे मिलिंग और बेकिंग गुणवत्ता वाले माने जाते हैं। पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें लगभग 11.3% प्रोटीन, 37.6 ppm आयरन और 37.8 ppm जिंक मौजूद होता है। हेक्टोलीटर वजन करीब 77.7 किग्रा/hl है, जो इसकी गुणवत्ता को दर्शाता है।

खाद और बुवाई की जानकारी

WH-1402 की बेहतर पैदावार के लिए संतुलित खाद प्रबंधन ज़रूरी है।

  • नाइट्रोजन: 90 किलो प्रति हेक्टेयर

  • फॉस्फोरस: 60 किलो प्रति हेक्टेयर

  • पोटाश: 40 किलो प्रति हेक्टेयर

  • जिंक सल्फेट: 25 किलो प्रति हेक्टेयर

इस किस्म की बुवाई का सही समय अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से लेकर नवंबर के पहले सप्ताह तक है। बीज दर लगभग 100 किलो प्रति हेक्टेयर रखनी चाहिए।

WH-1402 गेहूँ किस्म उन किसानों के लिए बेहद उपयोगी है जो पानी की कमी और गिरते भूजल स्तर से परेशान हैं। सीमित सिंचाई और साधारण प्रबंधन में भी यह किस्म अच्छी उपज देती है। इसके मोटे और पौष्टिक दाने न केवल ज्यादा उत्पादन देते हैं बल्कि बाजार में भी अच्छी कीमत दिला सकते हैं। इस वजह से यह किस्म किसानों के लिए बेहतर मुनाफे और सुरक्षित खेती का विकल्प बन सकती है।

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  • Shashikant

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