Lado Lakshmi Yojana: यहाँ की सरकार देगी महिलाओं को हर महीने ₹2100, ऐसे करें रजिस्ट्रेशन

Lado Lakshmi Yojana: हरियाणा की सैनी सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एक नई शुरुआत कर रही है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना को 25 सितंबर 2025 से लागू करने का ऐलान किया है। इस योजना का सबसे बड़ा फायदा ये है कि पात्र महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये की आर्थिक मदद सीधे उनके बैंक खाते में मिलेगी। इससे परिवारों को बड़ा सहारा मिलेगा, खासकर गाँवों में जहाँ महिलाएँ घर की जिम्मेदारियाँ संभालती हैं। सरकार का अनुमान है कि इस योजना से करीब 20 लाख 97 हजार महिलाएँ लाभ उठाएँगी। रजिस्ट्रेशन के लिए एक खास मोबाइल एप तैयार किया गया है, जिसका ट्रायल शुरू हो चुका है। आइए, इस योजना की पूरी जानकारी लेते हैं ताकि गाँव की महिलाएँ इसका लाभ उठा सकें।

योजना का रजिस्ट्रेशन, आसान और पारदर्शी प्रक्रिया

दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं को एक मोबाइल एप के जरिए रजिस्टर करना होगा। समाज कल्याण विभाग, परिवार पहचान पत्र (PPP), और क्रिड की टीमें मिलकर इस एप का ट्रायल कर रही हैं। 25 सितंबर से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आधिकारिक रूप से शुरू होगी। एप को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि गाँव की महिलाएँ भी आसानी से मोबाइल से रजिस्टर कर सकें। आधार कार्ड और बैंक खाते से लिंक करके पैसे सीधे खाते में आएंगे।

सरकार ने सुनिश्चित किया है कि प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो, ताकि कोई पात्र महिला छूट न जाए। इस योजना पर सरकार को सालाना 5000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जो महिलाओं की उन्नति के लिए एक बड़ा निवेश है। गाँवों में ये योजना महिलाओं की छोटी-बड़ी जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगी।

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लाभार्थी महिलाओं का वर्गीकरण

योजना को और व्यवस्थित बनाने के लिए महिलाओं को दो समूहों में बाँटा गया है। पहला समूह 23 से 45 वर्ष की अविवाहित महिलाओं और युवतियों का है, जिनकी संख्या करीब 2 लाख 82 हजार है। दूसरा समूह 23 से 60 वर्ष की विवाहित महिलाओं का है। 45 वर्ष से ऊपर की अविवाहित महिलाएँ पहले से ही राज्य सरकार की पेंशन योजना का लाभ ले रही हैं, इसलिए उन्हें इस योजना में शामिल नहीं किया गया। इसी तरह, 60 वर्ष से ऊपर की महिलाएँ बुढ़ापा पेंशन लेती हैं, इसलिए वे भी इस दायरे से बाहर हैं। ये वर्गीकरण सुनिश्चित करता है कि योजना का लाभ उन महिलाओं तक पहुँचे, जिन्हें सबसे ज्यादा जरूरत है।

जिलों में लाभार्थियों की स्थिति

हरियाणा के अलग-अलग जिलों में लाभार्थियों की संख्या अलग है। नूँह जिला इस मामले में सबसे आगे है, जहाँ 1 लाख 51 हजार 939 महिलाएँ इस योजना का लाभ लेंगी। इसके बाद यमुनानगर में 1 लाख 37 हजार 853, करनाल में 1 लाख 28 हजार 450, जींद में 1 लाख 28 हजार 932, फतेहाबाद में 1 लाख 7 हजार 644, कैथल में 99 हजार 736, और पानीपत में 98 हजार 706 महिलाएँ लाभान्वित होंगी। गुरुग्राम में सबसे कम 27 हजार 919 महिलाएँ इस योजना के दायरे में हैं, जो शायद शहरीकरण और आय स्तर के कारण है। ये आँकड़े दिखाते हैं कि योजना का ज्यादा फोकस ग्रामीण क्षेत्रों पर है, जहाँ महिलाएँ आर्थिक मदद की सबसे ज्यादा जरूरतमंद हैं।

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पारदर्शिता के लिए आय छिपाने पर रोक

पहले कुछ लोग परिवार पहचान पत्र (PPP) में आय कम दिखाकर सरकारी योजनाओं का लाभ ले लेते थे। लेकिन इस योजना में ऐसी गड़बड़ी रोकने के लिए सरकार ने आय कम दिखाने की सुविधा बंद कर दी है। अब सिर्फ वास्तविक पात्र महिलाएँ ही लाभ लेंगी। परिवार पहचान पत्र के डेटा से पात्रता जाँची जाएगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहे। गाँवों में कई बार दस्तावेजों में गलत जानकारी दी जाती है, लेकिन ये कदम सुनिश्चित करेगा कि सही लाभार्थी तक मदद पहुँचे। इससे योजना का उद्देश्य और मजबूत होगा।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस योजना को पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिन पर शुरू करने का वादा किया था, और इसे एक साल में लागू कर दिखाया। उनका कहना है कि ये योजना महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता देगी और परिवारों की वित्तीय स्थिति सुधारेगी। खासकर कैंसर या दुर्लभ बीमारियों से जूझ रही महिलाओं को अतिरिक्त लाभ मिलेगा। गाँवों में ये योजना महिलाओं को छोटे-मोटे खर्चों के लिए सहारा देगी, जैसे बच्चों की पढ़ाई, घर का राशन, या स्वास्थ्य जरूरतें। ये कदम सामाजिक और आर्थिक न्याय की दिशा में एक मील का पत्थर है।

दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना हरियाणा की महिलाओं के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। 25 सितंबर 2025 से शुरू होने वाली इस योजना से 20 लाख से ज्यादा महिलाएँ हर महीने 2100 रुपये की मदद पाएँगी। रजिस्ट्रेशन के लिए मोबाइल एप का इस्तेमाल करें और इस मौके का फायदा उठाएँ। गाँव की महिलाएँ इस योजना से न सिर्फ आर्थिक रूप से मजबूत होंगी, बल्कि अपने परिवार को और बेहतर भविष्य दे सकेंगी। ये योजना हरियाणा की बेटियों और बहनों के लिए सम्मान और सहारा का प्रतीक है।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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