उत्तर प्रदेश सरकार ने रबी सीजन 2025 के लिए किसानों को एक बड़ा तोहफा दिया है। दलहन और तिलहन फसलों को बढ़ावा देने के लिए बीज मिनीकिट मुफ्त वितरित किए जाएंगे। यह योजना किसानों की आय बढ़ाने और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने का प्रयास है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इससे न सिर्फ उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि देश की तेल आयात पर निर्भरता भी कम होगी। सितंबर के मध्य से ऑनलाइन आवेदन शुरू हो चुके हैं, और किसान जल्दी आवेदन कर योजना का लाभ उठा सकते हैं। कई किसानों ने कहा कि यह कदम उनकी खेती को आत्मनिर्भर बनाने में मददगार साबित होगा।
कौन सी फसलें कवर होंगी योजना में
इस योजना के तहत दलहन फसलों जैसे मसूर, चना और मटर के लिए मिनीकिट दिए जाएंगे। मसूर के लिए 8 किलोग्राम, चने के लिए 16 किलोग्राम और मटर के लिए 20 किलोग्राम बीज प्रत्येक किट में शामिल होंगे। तिलहन फसलों में राई और सरसों के लिए 2-2 किलोग्राम बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। ये बीज उच्च गुणवत्ता वाले और रोग-प्रतिरोधी होंगे, जो रबी सीजन में अच्छी पैदावार सुनिश्चित करेंगे। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इन फसलों से न केवल मिट्टी की उर्वरता बनी रहेगी, बल्कि पोषण सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी।
आवेदन की आसान प्रक्रिया
किसानों को आवेदन के लिए कृषि दर्शन-2 पोर्टल पर जाना होगा। वेबसाइट https://agridarshan.up.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करके फॉर्म भरें। आवेदन की अंतिम तिथि 25 सितंबर 2025 है, इसलिए जल्दी आवेदन करें। चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी, जिसमें ऑनलाइन लॉटरी सिस्टम का उपयोग किया जाएगा। प्रत्येक किसान को केवल एक ही मिनीकिट मिलेगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हो सकें। विभाग ने सलाह दी है कि आवेदन से पहले दस्तावेज जैसे आधार कार्ड और खाता विवरण तैयार रखें।
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पात्रता और वितरण का तरीका
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान का कृषि विभाग में पंजीकृत होना अनिवार्य है। केवल वे ही आवेदन कर पाएंगे जो योजना की शर्तों जैसे छोटे-मध्यम भूमि धारक होने को पूरा करते हों। मिनीकिट का वितरण राजकीय कृषि बीज भंडारों से होगा, और पोज मशीन के माध्यम से ट्रांजेक्शन सुनिश्चित किया जाएगा। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और कोई गड़बड़ी नहीं होगी। अधिकारियों ने बताया कि वितरण नवंबर से शुरू हो जाएगा, ताकि किसान समय पर बुवाई कर सकें।
योजना के फायदे
यह योजना दलहन और तिलहन उत्पादन को बढ़ाकर किसानों की आय में इजाफा करेगी। रसायनमुक्त खेती को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे स्वस्थ आहार उपलब्ध होगा। तिलहन फसलों से देश की आयात निर्भरता कम होने से आर्थिक लाभ भी होगा। गाजीपुर और लखनऊ जैसे जिलों के किसानों ने कहा कि मुफ्त बीज से उनका खर्च कम होगा और रबी सीजन में अच्छी फसल की उम्मीद है। कृषि विभाग का कहना है कि यह योजना किसानों के लिए सुनहरा अवसर है, और अगले साल इसे और विस्तार दिया जाएगा। समय पर आवेदन करके आप भी इसका हिस्सा बनें।