छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में धान की एक नई किस्म किसानों के लिए उम्मीद की किरण बन रही है। नाम है ‘विक्रम टीसीआर’, जो कम समय और कम पानी में अच्छी पैदावार देने के लिए जानी जा रही है। इस साल 67 हेक्टेयर क्षेत्र में इसका बीज उत्पादन हो रहा है, जिसमें आदिवासी गांव झालम भी शामिल है। पारंपरिक धान की किस्मों से अलग, ये किस्म किसानों की मेहनत को जल्दी फल देती है और पानी की कमी वाले इलाकों में खास फायदा पहुंचाती है। जिले में जल संकट गहरा रहा है, जहां कई विकासखंड क्रिटिकल जोन में हैं, इसलिए ऐसी किस्में किसानों के लिए वरदान साबित हो रही हैं।
विक्रम टीसीआर की खासियतें
विक्रम टीसीआर धान की ये किस्म 125 से 130 दिनों में ही तैयार हो जाती है, जो सामान्य किस्मों से काफी कम समय है। इससे किसान जल्दी फसल काटकर अगली बुआई की तैयारी कर सकते हैं। प्रति हेक्टेयर 60 से 70 क्विंटल तक पैदावार मिल सकती है, जो बाजार में अच्छा दाम दिलाती है। सबसे बड़ी बात ये है कि ये कम पानी वाली फसल है, जिससे सिंचाई का खर्च कम होता है। पौधों की कम ऊंचाई के कारण तेज हवाओं या तूफानों में फसल गिरने का डर नहीं रहता। कृषि विभाग के उप संचालक मोरध्वज डड़सेना बताते हैं कि इसकी लंबाई कम होने से ये हवादार मौसम को आसानी से झेल लेती है।
बीज उत्पादन और विस्तार
बेमेतरा जिले में किसान इस किस्म का बीज तैयार कर रहे हैं, जो अगले साल अन्य किसानों को उपलब्ध होगा। पिछले साल सुगंधित धान की ‘सीजी देवभोग’ किस्म का उत्पादन 16 हेक्टेयर में हुआ था, लेकिन इस साल विक्रम टीसीआर पर फोकस बढ़ा दिया गया है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने साजा को सेमी-क्रिटिकल और बेमेतरा, बेरला तथा नवागढ़ को क्रिटिकल जोन में रखा है। ऐसे में कम पानी वाली किस्में अपनाकर किसान जल संकट से निपट सकते हैं। विभाग का कहना है कि ये बीज न सिर्फ स्थानीय बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए फायदेमंद साबित होगा।
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किसानों के लिए फायदे
विक्रम टीसीआर न सिर्फ समय बचाती है, बल्कि पानी की बचत से किसानों का खर्च कम करती है। कम ऊंचाई वाले पौधे मजबूत होते हैं, जो आंधी-तूफान में भी खड़े रहते हैं। पैदावार अच्छी होने से बाजार में बिक्री आसान होती है। अगर किसान सही तरीके से बुआई और देखभाल करें, तो ये किस्म उनकी आय को दोगुना कर सकती है। जल संकट वाले इलाकों में ये एक व्यावहारिक समाधान है, जो खेती को टिकाऊ बनाता है।
क्यों अपनाएं विक्रम टीसीआर?
आज के बदलते मौसम में धान की ऐसी किस्में जरूरी हैं, जो कम संसाधनों में ज्यादा दें। विक्रम टीसीआर किसानों को न सिर्फ आर्थिक फायदा देती है, बल्कि पर्यावरण को भी बचाती है। अगर आप भी धान की खेती करते हैं, तो इस नई किस्म को आजमाकर देखें। ये आपके खेत को नई ऊर्जा देगी।
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