मध्य प्रदेश में सोयाबीन किसानों के लिए 10 अक्टूबर से शुरू होगा भावांतर योजना का पंजीयन, CM ने दिए सख्त निर्देश

मध्य प्रदेश सरकार ने सोयाबीन उत्पादक किसानों के हित में एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भावांतर योजना को लागू करने के लिए कलेक्टर्स को सख्त निर्देश दिए हैं। योजना का पंजीयन 10 अक्टूबर से शुरू होगा, ताकि किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य मिल सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5328 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। सरकार किसानों को एमएसपी और बाजार मूल्य के अंतर की राशि सीधे उनके बैंक खाते में डालने का वादा कर रही है। ये योजना धान और गेहूं की तरह ही सोयाबीन किसानों को उनकी मेहनत का पूरा फल देगी।

CM की वीडियो कॉन्फ्रेंस में सख्त हिदायतें

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को समत्व भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर प्रशासनिक अमले को जिम्मेदारी सौंपी जाए और योजना की विशेषताओं का हर स्तर पर प्रचार हो। सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके किसानों तक जानकारी पहुंचाएं। वीडियो कॉन्फ्रेंस में वरिष्ठ विधायक हेमंत खंडेलवाल, विभिन्न मंत्री, सांसद, विधायक, मुख्य सचिव अनुराग जैन और कृषि-राजस्व विभाग के अधिकारी मौजूद थे। CM ने जोर देकर कहा कि किसी स्तर पर गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए और किसानों को सीधा लाभ मिले।

पंजीयन और योजना की अवधि

भावांतर योजना का पंजीयन ई-उपार्जन पोर्टल पर 10 अक्टूबर से 25 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। योजना की अवधि 1 नवंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक होगी। पंजीकृत किसानों के रकबे का सत्यापन राजस्व विभाग करेगा। भावांतर की राशि सीधे किसान के दर्ज बैंक खाते में हस्तांतरित हो जाएगी। ये प्रक्रिया किसानों के लिए आसान और पारदर्शी होगी, ताकि कोई कागजी घमासान न हो।

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भावांतर योजना क्या है?

प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के तहत 2018-19 से चल रही ये योजना तिलहनी फसलों के लिए है। किसान अपनी सोयाबीन मंडियों में ही बेचेंगे, लेकिन अगर बाजार मूल्य एमएसपी से कम हो, तो अंतर की राशि डीबीटी से मिलेगी। उदाहरण के तौर पर, अगर मॉडल भाव 4600 रुपये प्रति क्विंटल है, तो 5328 से घटाकर 628 रुपये की भावांतर राशि सरकार देगी। अगर विक्रय मूल्य एमएसपी से कम लेकिन राज्य के औसत मॉडल प्राइस के बराबर है, तो भी अंतर की राशि मिलेगी। अगर विक्रय मूल्य औसत मॉडल प्राइस से कम है, तो एमएसपी और औसत मॉडल प्राइस का अंतर मिलेगा। हर स्थिति में किसान को एमएसपी के बराबर लाभ सुनिश्चित है।

जनप्रतिनिधियों का समर्थन

वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े जनप्रतिनिधियों ने CM को योजना शुरू करने पर बधाई दी। किसान कल्याण मंत्री एदल सिंह कंषाना, कौशल विकास राज्य मंत्री गौतम टेटवाल, सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, विधायक राजेन्द्र पांडे, आशीष शर्मा, मुरली भंवरा, रमेश खटीक, हरदीप सिंह डंग, अरूण भीमावद, मधु गेहलोत और तेज बहादुर सिंह चौहान ने कहा कि ये सही समय पर उठाया गया सही कदम है। इससे सोयाबीन किसानों को पूरा लाभ मिलेगा।

ये योजना मध्य प्रदेश के सोयाबीन किसानों के लिए वरदान साबित होगी। बाजार की अस्थिरता से परेशान किसानों को अब एमएसपी का पूरा फायदा मिलेगा। सरकार का ये प्रयास किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। अगर आप सोयाबीन उगाते हैं, तो 10 अक्टूबर से पंजीयन करवाना न भूलें।

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  • Shashikant

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