हरियाणा में रबी फसल रजिस्ट्रेशन शुरू, मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर करें आवेदन

हरियाणा के किसान भाइयों के लिए एक बड़ी राहत वाली खबर है। राज्य सरकार ने रबी फसलों के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को पहले ही शुरू कर दिया है, ताकि किसान समय पर अपनी फसलें दर्ज करा सकें और सरकारी योजनाओं का पूरा फायदा उठा सकें। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने ‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा’ पोर्टल को 3 अक्टूबर 2025 से सक्रिय कर दिया है। इससे किसान घर बैठे अपनी फसल की जानकारी दर्ज कर सकेंगे, बिना किसी बिचौलिए के।

पहले यह प्रक्रिया अक्टूबर के आखिर या नवंबर की शुरुआत में शुरू होती थी, लेकिन इस बार जल्दी शुरू करने से किसानों को ज्यादा समय मिलेगा। हरियाणा में लाखों किसान इस पोर्टल के जरिए सब्सिडी, बीमा और अन्य सहायता पा चुके हैं, और अब 2025-26 के रबी सीजन में यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है।

पारदर्शिता और आसानी से पंजीकरण

‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा’ पोर्टल किसानों के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जहां वे अपनी जमीन, फसल और अन्य विवरण आसानी से अपलोड कर सकते हैं। पंजीकरण करने से किसान को फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद, उर्वरक सब्सिडी और फसल बीमा जैसी सुविधाएं मिलती हैं। सरकार का मकसद है कि हर किसान को समय पर सहायता पहुंचे, ताकि खेती की लागत कम हो और मुनाफा बढ़े। पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन मुफ्त है और मोबाइल ऐप के जरिए भी किया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सही जानकारी दर्ज करने से किसान भविष्य की योजनाओं जैसे पीएम किसान सम्मान निधि का भी लाभ ले सकेंगे।

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पिछले साल 11 लाख से ज्यादा किसानों ने उठाया फायदा

पिछले रबी सीजन 2024-25 में इस पोर्टल ने शानदार काम किया था। हरियाणा के 6,896 गांवों से 11 लाख 26 हजार से ज्यादा किसानों ने पंजीकरण कराया, और कुल 65 लाख 56 हजार एकड़ फसलें दर्ज की गईं। इससे किसानों को समय पर खाद, बीज और अन्य सामग्री मिली, और फसल बिक्री में भी आसानी हुई। इस साल सरकार का लक्ष्य है कि और ज्यादा किसान जुड़ें, खासकर छोटे और मझोले किसान। अगर आप भी हरियाणा के किसान हैं, तो देर न करें जल्दी पंजीकरण कराकर सीजन की शुरुआत मजबूत करें।

पंजीकरण कैसे करें

पंजीकरण की प्रक्रिया बिल्कुल सरल रखी गई है। सबसे पहले merifasal.gov.in पर जाएं या ऐप डाउनलोड करें। फिर, अपना आधार नंबर, मोबाइल और जमीन का विवरण भरें। फसल का प्रकार, क्षेत्रफल और अनुमानित उपज की जानकारी जोड़ें। सब कुछ चेक करके सबमिट कर दें। अगर ऑनलाइन में दिक्कत हो, तो नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) या कृषि कार्यालय से मदद लें। पंजीकरण के बाद आपको एक यूनिक आईडी मिलेगी, जिससे आप अपनी प्रगति ट्रैक कर सकेंगे। सरकार ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, जहां किसान सवाल पूछ सकते हैं।

इस पोर्टल से किसानों को न केवल तुरंत सहायता मिलेगी, बल्कि खेती की योजना बनाने में भी आसानी होगी। समय पर पंजीकरण से फसल नुकसान के समय बीमा क्लेम जल्दी पास होता है। हरियाणा सरकार का यह कदम किसानों को डिजिटल इंडिया से जोड़ रहा है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। अगर आप गेहूं, सरसों या अन्य रबी फसलों की खेती करते हैं, तो आज ही रजिस्टर करें। इससे न केवल आपकी फसल सुरक्षित रहेगी, बल्कि परिवार की समृद्धि भी बढ़ेगी।

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  • Shashikant

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