पंजाब के किसान भाइयों को धान की खरीद से अब राहत मिलने लगी है। इस साल की खरीफ सीजन में धान की बंपर फसल कटाई के बाद मंडियों में आवक बढ़ गई है। 4 अक्टूबर तक राज्य की अनाज मंडियों में 5 लाख 14 हजार से ज्यादा मीट्रिक टन धान पहुंच चुका है। सरकारी एजेंसियों ने 4 लाख 81 हजार मीट्रिक टन का उठाव कर लिया है, जो कुल आवक का 96 प्रतिशत है।
किसानों के खाते में अब तक 923 करोड़ रुपये ट्रांसफर हो चुके हैं, हालांकि 743 करोड़ रुपये का भुगतान अभी बाकी है। ये आंकड़े दिखाते हैं कि खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है, और किसान अपनी मेहनत का फल समय पर पा रहे हैं।
शुरुआती खरीद से किसानों को मिली बड़ी आसानी
पहले धान की खरीद अक्टूबर के बीच में शुरू होती थी, जिससे किसान घबरा जाते थे और जल्दबाजी में कटाई कर फसल बर्बाद हो जाती थी। लेकिन इस बार सरकार ने 15 सितंबर से ही खरीद शुरू कर दी, जिसका फायदा साफ नजर आ रहा है। खन्ना की अनाज मंडी में करीब 7 लाख बोरे धान पहुंचे, जिनमें से 6 लाख से ज्यादा का उठाव हो चुका है।
स्थानीय अढ़तिया एसोसिएशन के अध्यक्ष हरबंस सिंह रोशा ने कहा कि ये शुरुआती स्टार्ट किसानों और अढ़तियों दोनों के लिए वरदान साबित हुआ है। इससे न सिर्फ कटाई में देरी नहीं हुई, बल्कि खेतों में आग लगाने की घटनाएं भी कम रहीं। ऐसे बदलाव से छोटे किसान भाई भी सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
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पटियाला में नमी की समस्या से थोड़ी परेशानी
हालांकि पूरी तरह सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। पटियाला की मंडी में भारी बारिश की चेतावनी के बाद किसानों ने जल्दबाजी में कटाई की, जिससे धान में नमी ज्यादा हो गई। अढ़तिया एसोसिएशन के चेयरमैन पवन कुमार सिंгла ने बताया कि पिछले दो दिनों में पहुंचा धान गीला है, इसलिए बोरे भरने से पहले उसे सुखाया जा रहा है। उन्होंने किसानों से अपील की कि अगर आपके पास स्टोरेज है तो फसल को थोड़ा सूखने दें, वरना उठाव एजेंसियों से विवाद हो सकता है। ये समस्या मौसमी है, लेकिन सावधानी से निपट ली जाए तो नुकसान कम होगा।
गुरदासपुर में मिलरों की मनमानी से किसान नाराज
गुरदासपुर जिले के धारीवाल में भी किसान भाइयों को परेशानी हो रही है। किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल के मुताबिक, चावल मिल वाले संचालक 17 प्रतिशत से ज्यादा नमी वाले धान के उठाव के लिए प्रति क्विंटल 179 से 300 रुपये तक कटौती मांग रहे हैं। राजेवाल ने कहा कि बाढ़ से पहले ही भारी नुकसान झेल चुके किसानों का इस समय शोषण न हो। उन्होंने जिला प्रशासन से शिकायत की है, और उम्मीद है कि जल्द ही हल निकलेगा। ये मुद्दा उठाने से किसानों को न्याय मिलेगा, और खरीद प्रक्रिया और पारदर्शी बनेगी।
आगे की राह: समय पर भुगतान और सुचारू उठाव जरूरी
धान खरीद सीजन में ये शुरुआती अपडेट किसानों के लिए सकारात्मक हैं, लेकिन बाकी भुगतान और उठाव पर नजर रखनी होगी। सरकार ने 2927 मंडियों और अस्थायी यार्डों में व्यवस्था की है, ताकि कोई किसान परेशान न हो। अगर मौसम ने साथ दिया तो इस सीजन की खरीद रिकॉर्ड तोड़ सकती है। कृषितक पर पंजाब धान बाजार अपडेट 2025 और किसान भुगतान स्टेटस की ऐसी ही ताजा खबरों के लिए जुड़े रहें। आपकी कोई समस्या हो तो कमेंट में बताएं, हम मदद करेंगे।
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