Paddy Procurement: हरियाणा के करनाल जिले में धान खरीद सीजन की शुरुआत होते ही किसान भाइयों का सब्र जवाब दे गया। स्थानीय अनाज मंडी में धान न खरीदे जाने के आरोप लगाते हुए सैकड़ों किसानों ने जोरदार प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि अधिकारी नमी के बहाने फसल खरीदने से बच रहे हैं, जिससे उनकी मेहनत पर पानी फिर रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने मंडी गेट पर नारेबाजी की और सरकारी एजेंसियों पर धांधली का आरोप लगाया। ये घटना धान खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी को उजागर करती है, जो किसानों की चिंता बढ़ा रही है। स्थानीय किसान नेता ने बताया कि बिना देरी के खरीद शुरू न होने से आर्थिक नुकसान हो रहा है, और अगर जल्द हल न निकला तो आंदोलन और तेज होगा।
धान न खरीदने का आरोप
करनाल की मास्टर मुहल्ला अनाज मंडी में सुबह से ही किसान अपने धान के बोरे लेकर पहुंचे थे, लेकिन एजेंसियां खरीदने से इनकार कर दिया। किसानों का आरोप है कि अधिकारी बिना ठोस वजह बताए फसल को खारिज कर रहे हैं, जबकि नमी का स्तर निर्धारित मानक के अंदर ही है। एक किसान ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हमने पूरी मेहनत की, लेकिन अब बोरे मंडी में ही पड़े हैं और कोई लेने वाला नहीं।
ये समस्या सिर्फ करनाल तक सीमित नहीं, बल्कि आसपास के इलाकों में भी किसान इसी तरह परेशान हैं। खरीद केंद्रों पर भीड़ बढ़ने से हालात और बिगड़ गए, और किसान भाई अब रातें मंडी में ही गुजारने को मजबूर हो रहे हैं।
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प्रदर्शन में नारों का दौर
प्रदर्शन की शुरुआत दोपहर होते ही हुई, जब किसानों ने मंडी प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए और खरीद शुरू करने की मांग की। भीड़ इतनी उग्र हो गई कि स्थानीय पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा, लेकिन किसान पीछे हटने को तैयार नहीं। किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि सरकार ने धान खरीद की तारीख तो बढ़ा दी, लेकिन व्यवस्था सुधारने में कोताही बरती। एक नेता ने चेतावनी दी कि अगर कल तक खरीद न शुरू हुई तो पूरे जिले में चक्का जाम होगा। ये प्रदर्शन किसानों की एकजुटता दिखाता है, जो सालों से खरीद प्रक्रिया की कमियों से जूझ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं खरीद नीति में सुधार की जरूरत बताती हैं।
किसानों को कब मिलेगी राहत
प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि उच्च अधिकारियों से बात चल रही है। पिछले साल भी ऐसी ही शिकायतें आई थीं, जब नमी जांच में देरी से किसानों को नुकसान हुआ। अब सरकार ने 27 अक्टूबर तक खरीद की समय सीमा बढ़ाई है, लेकिन किसान भाई तत्काल कार्रवाई चाहते हैं। कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि मंडी में पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है, और जल्द ही समस्या हल हो जाएगी। लेकिन किसानों का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा, और ये मामला पूरे हरियाणा में फैल सकता है।