उत्तर प्रदेश के किसान भाइयों के लिए सरकार ने एक बड़ा तोहफा तैयार किया है। इस रबी सीजन में सरसों की खेती करने वालों को मुफ्त में उच्च गुणवत्ता वाला पूसा सरसों-32 का बीज मिलेगा। राज्य सरकार ने इसकी व्यवस्था की है, और इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है। कुल 25 हजार किसानों को 2-2 किलो बीज वितरित किया जाएगा। लेकिन याद रखें, पंजीकरण की आखिरी तारीख अक्टूबर के अंत तक है, तो देर न करें। यह स्कीम न सिर्फ किसानों की लागत बचाएगी, बल्कि बेहतर उपज भी दिलाएगी। आइए, जानते हैं पूरी डिटेल्स।
सरसों की खेती में क्रांति लाएगा पूसा-32
सरसों की फसल उत्तर प्रदेश के किसानों की कमाई का बड़ा जरिया है। लेकिन अच्छे बीज की कमी से कई बार उपज कम हो जाती है। इसी समस्या को दूर करने के लिए केंद्र सरकार के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने विकसित किया है पूसा सरसों-32। यह बीज देसी किस्मों से ज्यादा उत्पादक है, जो प्रति हेक्टेयर 25-30 क्विंटल उपज दे सकता है। इसमें कीट-रोग प्रतिरोधक क्षमता भी ज्यादा है, और यह कम पानी में भी अच्छी फसल देता है। सरकार का यह वितरण, प्रदर्शन और प्रसार कार्यक्रम किसानों को नई तकनीक से जोड़ेगा।
आगरा जिले के जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार ने बताया, “यह बीज सिर्फ 1 एकड़ या उससे ज्यादा जमीन वाले किसानों के लिए है। पंजीकरण भी इसी आधार पर होगा। एक किसान को न्यूनतम और अधिकतम 2 किलो बीज ही मिलेगा। अगर आवेदन लक्ष्य से ज्यादा आए, तो लॉटरी से चयन होगा।” उनके मुताबिक, यह स्कीम आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा जैसे जिलों के सरसों उत्पादक क्षेत्रों के लिए वरदान साबित होगी।
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रजिस्ट्रेशन कैसे करें? स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया बिल्कुल आसान है, लेकिन ऑनलाइन होना अनिवार्य है। बिना पंजीकरण के बीज नहीं मिलेगा। यहां स्टेप्स हैं:
वेबसाइट पर जाएं: agridarshan.up.gov.in पर क्लिक करें। अगर मोबाइल यूजर हैं, तो साइट मोबाइल फ्रेंडली है।
फॉर्म भरें: अपना नाम, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड डिटेल्स, जमीन का रिकॉर्ड (खसरा-खतौनी) और ईमेल आईडी डालें। 1 एकड़ जमीन का प्रमाण जरूरी है।
दस्तावेज अपलोड: आधार, बैंक अकाउंट डिटेल्स और जमीन के कागजात स्कैन करके अपलोड करें।
सबमिट करें: फॉर्म चेक करके सबमिट करें। ओटीपी वेरिफिकेशन होगा।
ट्रैकिंग: रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा, जिससे स्टेटस चेक कर सकेंगे।
अगर इंटरनेट की समस्या हो, तो नजदीकी कृषि केंद्र या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर मदद लें। जिला कृषि विभाग के कार्यालयों में भी गाइडेंस मिलेगी।
इस स्कीम से किसानों को कई फायदे होंगे। सबसे बड़ा तो बीज मुफ्त मिलना है, जो बाजार में 200-250 रुपये किलो बिकता है। इससे 400-500 रुपये की बचत प्रति किसान होगी। पूसा-32 की फसल ज्यादा तेलयुक्त होती है, जो बाजार में अच्छा दाम दिलाएगी। साथ ही, यह पर्यावरण के अनुकूल है और रासायनिक उर्वरकों की कम जरूरत पड़ती है।
लेकिन सावधानी बरतें: फर्जी वेबसाइट्स से बचें। सिर्फ आधिकारिक साइट यूज करें। अगर चयनित हुए, तो बीज वितरण केंद्र पर समय पर पहुंचें। सरकार ने साफ कहा है कि बीज की गुणवत्ता टेस्टेड होगी।
यह पहल उत्तर प्रदेश को सरसों उत्पादन में नंबर वन बनाने की दिशा में मजबूत कदम है। अगर आप भी 1 एकड़ या ज्यादा जमीन के मालिक हैं, तो आज ही रजिस्टर करें। समय बर्बाद न करें, वरना मौका हाथ से निकल जाएगा। सरकार किसानों के हित में लगातार ऐसे प्रयास कर रही है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएंगे।
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