Kharif Sowing: खरीफ बुवाई 1121 लाख हेक्टेयर पार, मक्का की खेती में 12% की शानदार बढ़ोतरी

Kharif Sowing: किसान भाइयों के लिए अच्छी खबर है कि इस खरीफ सीजन में देशभर की बुवाई ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। 3 अक्टूबर तक कुल खरीफ फसलों का रकबा 1121.46 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया, जो पिछले साल के मुकाबले 6.51 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। ये बढ़ोतरी अच्छे मानसून और ऊंचे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की वजह से हुई है, जिससे किसान भाई नई उम्मीद बांध रहे हैं।

मोटे अनाजों, दालों और धान जैसी फसलों में खासतौर पर उछाल आया है, जो खाद्य सुरक्षा और किसानों की आय दोनों को मजबूत करेगा। कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों से साफ है कि ये सीजन फसलों की बंपर पैदावार का वादा कर रहा है, और बाजार में भाव स्थिर रहने से जेब भी भरेगी।

मक्का की खेती में 12% का जोरदार उछाल, मोटे अनाजों का रकबा भी बढ़ा

मक्का की खेती इस सीजन की सबसे बड़ी सफलता की कहानी बन गई है। पिछले साल 84.30 लाख हेक्टेयर पर बोया गया मक्का अब 94.95 लाख हेक्टेयर तक फैल चुका है, जो 12 प्रतिशत की शानदार बढ़ोतरी दर्शाता है। ये उछाल मोटे अनाजों के कुल रकबे को भी ऊपर ले गया, जो अब 194.67 लाख हेक्टेयर हो गया है पिछले साल के 183.54 लाख हेक्टेयर से 11.13 लाख हेक्टेयर ज्यादा।

अच्छे मानसून ने खेतों को भरपूर पानी दिया, और ऊंचे एमएसपी ने किसानों को प्रोत्साहित किया कि वे ज्यादा जमीन पर मक्का लगाएं। मेरे ब्लॉग पर पहले भी मक्का की टिप्स शेयर की हैं, लेकिन इस बार ये आंकड़े बताते हैं कि सही फैसला लेने से कमाई कितनी आसान हो जाती है।

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दालों और धान में भी अच्छी बढ़ोतरी, गन्ने का रकबा भी चढ़ा

दालों की बुवाई भी पीछे नहीं रही, कुल रकबा 120.4 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया, जो पिछले साल के 119.04 लाख हेक्टेयर से 1.36 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। इसमें उड़द की खेती ने सबसे ज्यादा रफ्तार पकड़ी, जो 6.5 प्रतिशत बढ़कर 24.37 लाख हेक्टेयर हो गई। धान का रकबा 441.58 लाख हेक्टेयर तक फैल गया, जो 5.91 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी है। गन्ने की खेती भी मजबूत हुई, रकबा 59.07 लाख हेक्टेयर हो गया—पिछले साल से 1.86 लाख हेक्टेयर ज्यादा। ये सब फसलें किसानों के लिए जीवन रेखा हैं, और समय पर बुवाई ने इन्हें हरा-भरा रखा है।

अच्छे मानसून और ऊंचे एमएसपी ने दी किसानों को नई ताकत

इस सीजन की सफलता का सबसे बड़ा राज है भरपूर बारिश वाला मानसून, जिसने खेतों को नमी से भर दिया और बुवाई को आसान बना दिया। ऊपर से सरकार ने 28 मई 2025 को 14 खरीफ फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी की मंजूरी दी, जो किसानों की हिम्मत बढ़ाने वाली साबित हुई। इसमें नीजर सीड का एमएसपी 820 रुपये प्रति क्विंटल, रागी का 596 रुपये, कपास का 589 रुपये और तिल का 579 रुपये प्रति क्विंटल हुआ। ये बदलाव किसानों को आश्वासन देते हैं कि उनकी मेहनत बेकार नहीं जाएगी, और बाजार में अच्छा दाम मिलेगा।

ये बढ़ती बुवाई न सिर्फ फसलों की पैदावार को ऊंचा ले जाएगी बल्कि किसान भाइयों की जेब भी मजबूत करेगी। ज्यादा उत्पादन से खाद्य महंगाई पर काबू रहेगा, और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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