kapas kisan app: खरीफ सीजन में कपास उगाने वाले किसान भाइयों को अब मंडी में घंटों इंतजार की झंझट से मुक्ति मिल गई है। भारतीय कपास निगम (CCI) ने Kapas Kisan App लॉन्च किया है, जो किसानों को अपनी उपज बेचने का आसान और पारदर्शी तरीका देता है। इस ऐप से किसान 7 दिन पहले स्लॉट बुक कर सकते हैं और तय तारीख पर सीधे खरीद केंद्र पहुंचकर बिना लाइन लगाए फसल बेच सकते हैं।
अब तक देशभर के 16 लाख किसान इससे जुड़ चुके हैं, और संख्या लगातार बढ़ रही है। CCI के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर एल.के. गुप्ता ने कहा कि ये ऐप किसानों, मंडियों और CCI के बीच एक पारदर्शी स्मार्ट कड़ी बन गया है। इससे किसानों का समय बचेगा और बिक्री प्रक्रिया तेज हो जाएगी।
ऐप की मुख्य विशेषताएं जो किसानों को दे रही हैं सुविधा
Kapas Kisan App में रजिस्ट्रेशन से लेकर पेमेंट ट्रैकिंग तक सब कुछ डिजिटल है। किसान आधार कार्ड और खेती की बेसिक जानकारी दर्ज करके रजिस्टर कर सकते हैं, जिसकी राज्य सरकार जांच करती है। सत्यापन के बाद स्लॉट बुकिंग की सुविधा मिल जाती है, और पेमेंट का स्टेटस रीयल टाइम में चेक किया जा सकता है। ये ऐप किसानों को मंडी की भीड़भाड़ से बचाता है और बिक्री को सुगम बनाता है। खरीफ सीजन में जब फसल तैयार हो रही है, तब ये सुविधा किसानों की बड़ी मदद साबित हो रही है।
ऐप का इस्तेमाल कैसे करें, स्टेप बाय स्टेप प्रक्रिया
ऐप डाउनलोड करने के बाद सबसे पहले रजिस्ट्रेशन करें—आधार कार्ड और खेती की डिटेल्स भरें। राज्य सरकार की जांच के बाद रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा। फिर 7 दिन पहले मनचाहा स्लॉट बुक करें और तय दिन खरीद केंद्र पर पहुंचें। वहां बिना इंतजार के फसल बेच सकेंगे। पेमेंट स्टेटस ऐप पर हमेशा दिखेगा, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी। ये तरीका छोटे किसानों के लिए खासतौर पर फायदेमंद है, क्योंकि अब मंडी की यात्रा आसान हो गई है।
किसानों को मिलने वाले फायदे
इस ऐप से किसानों को सबसे बड़ा फायदा ये है कि मंडी में लाइन लगाने की परेशानी खत्म हो गई। स्लॉट बुकिंग से तय समय पर बिक्री हो जाती है, जिससे फसल खराब होने का डर नहीं रहता। पारदर्शी पेमेंट सिस्टम से भरोसा बढ़ता है, और समय की बचत से अन्य कामों पर ध्यान दिया जा सकता है। खरीफ सीजन में जब बाजार भाव ऊंचे होते हैं, तब ये ऐप किसानों की कमाई को सुरक्षित रखता है।
550 खरीद केंद्रों पर उपलब्ध
CCI ने इस सीजन में 10 प्रतिशत ज्यादा खरीद केंद्र खोले हैं, कुल 550 सेंटर देशभर में चल रहे हैं। हर केंद्र के लिए कम से कम 3,000 हेक्टेयर कपास क्षेत्र और एक जिनिंग मिल जरूरी है। पुराने कमजोर सेंटर बंद कर नए शुरू किए गए हैं। 2025-26 में कपास का रकबा 79.54 लाख हेक्टेयर हो गया है, जिसमें महाराष्ट्र 30.79 लाख हेक्टेयर के साथ आगे है। पिछले साल CCI ने 5.05 करोड़ क्विंटल कपास 37,500 करोड़ रुपये में खरीदा था। इस साल मीडियम स्टेपल का एमएसपी 7,710 रुपये प्रति क्विंटल और लॉन्ग स्टेपल का 8,110 रुपये प्रति क्विंटल है। अक्टूबर में भाव 6,800 से 7,200 रुपये प्रति क्विंटल रहने की उम्मीद है।
Kapas Kisan App ने कपास बिक्री को डिजिटल और आसान बना दिया है, जिससे किसान भाई बिना चिंता के फसल बेच सकेंगे। ये योजना खरीफ सीजन को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगी।
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