देश के किसानों के लिए एक और अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय कृषि बाजार यानी ई-नाम प्लेटफॉर्म को और मजबूत बनाने के लिए नौ नई फसलों को इसमें शामिल कर लिया है। इससे अब इस डिजिटल मंच पर कुल 247 कृषि उत्पादों का व्यापार हो सकेगा। यह कदम किसानों को पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में उठाया गया है, ताकि वे बिचौलियों की जकड़न से दूर होकर सीधे देशभर के खरीदारों से जुड़ सकें। गुणवत्ता के आधार पर सही दाम मिलने से किसानों की आय में इजाफा होगा और खेती का सफर और आसान बनेगा।
नई फसलें जो जुड़ीं ई-नाम से
ई-नाम पर अब ग्रीन टी, चाय, अश्वगंधा की सूखी जड़ें, सरसों तेल, लैवेंडर तेल, मेंथा तेल, वर्जिन ऑलिव ऑयल, लैवेंडर के सूखे फूल और टूटा चावल जैसे नौ नए उत्पाद शामिल हो गए हैं। ये फसलें किसानों के लिए नई संभावनाएँ खोलेंगी, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ हर्बल और तेल वाली फसलें उगाई जाती हैं। पहले 238 उत्पादों पर काम हो रहा था, लेकिन अब इन 9 के जुड़ने से मंच का दायरा और विस्तृत हो गया है। सभी ये उत्पाद ई-नाम की वेबसाइट enam.gov.in पर उपलब्ध हैं, जहाँ किसान आसानी से रजिस्टर करके व्यापार शुरू कर सकते हैं।
गुणवत्ता के मानक तय, किसानों को फायदा
इन नई फसलों के लिए डायरेक्टरेट ऑफ मार्केटिंग एंड इंस्पेक्शन ने राज्यों, व्यापारियों, विशेषज्ञों और स्मॉल फार्मर्स एग्री-बिजनेस कंसोर्टियम से लंबी चर्चा के बाद ट्रेडेबल पैरामीटर्स तैयार किए हैं। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन मानकों को हरी झंडी दे दी है। इससे किसानों को अपनी उपज की गुणवत्ता के हिसाब से सही मूल्य मिलेगा। बिचौलियों का दखल कम होगा और किसान खुद मोलभाव कर सकेंगे। यह व्यवस्था खेती को और पारदर्शी बनाएगी, जिससे छोटे किसानों को भी बड़े बाजारों तक पहुँच मिलेगी।
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किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम
सरकार का मानना है कि ई-नाम जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म से कृषि व्यापार में गुणवत्ता, पारदर्शिता और किसान-केंद्रित दृष्टिकोण आएगा। इससे किसानों को बेहतर बाजार पहुँच, उचित दाम और आर्थिक मजबूती मिलेगी। हर किसान को डिजिटल टूल्स से सशक्त बनाने का संकल्प लिया गया है, ताकि कृषि क्षेत्र में समावेशी विकास हो सके। यह पहल न सिर्फ फसलों की बिक्री को आसान बनाएगी, बल्कि किसानों को नई तकनीकों और बाजार की जानकारी भी देगी।
पीएम मोदी लॉन्च करेंगे नई कृषि योजनाएँ
इसी बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर 2025 को किसानों की भलाई के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएँ शुरू करेंगे। ये योजनाएँ रबी बुवाई के मौसम के साथ किसानों के लिए नया दौर लाएँगी। चौहान ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत का कृषि क्षेत्र नई ऊँचाइयों पर पहुँच रहा है और अब हम दुनिया की फूड बास्केट बनने की राह पर हैं। विकास को वैश्विक स्तर से तौलने का समय आ गया है।
खाद्य सुरक्षा, किसानों की आय दोगुनी करना और पौष्टिक अनाज को बढ़ावा देना सरकार की मुख्य प्राथमिकताएँ हैं। 2014 से अनाज उत्पादन में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जिसमें गेहूँ, धान, मक्का, मूंगफली और सोयाबीन की रिकॉर्ड पैदावार शामिल है। भारत अब गेहूँ और चावल में पूरी तरह आत्मनिर्भर है और चार करोड़ टन से ज्यादा कृषि निर्यात कर चुका है। दालों में अभी सुधार की गुंजाइश है, लेकिन कुल मिलाकर खेती का भविष्य उज्ज्वल है।
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