Onion AFDR Variety: प्याज की खेती किसानों के लिए हमेशा लाभकारी रही है, लेकिन सही किस्म चुनना सफलता की कुंजी है। ऑनियन AFDR एक ऐसी गहरे लाल, गोल आकार वाली किस्म है, जो मध्यम तीखापन और उत्कृष्ट भंडारण क्षमता के साथ किसानों का विश्वास जीत रही है। यह किस्म बाजार में अपनी चमकदार लाल छिलके और मजबूत गुणवत्ता के लिए जानी जाती है, जो सब्जी मंडियों और निर्यात के लिए आदर्श है। यदि आप कम समय में अच्छी उपज और लंबे समय तक बिक्री चाहते हैं, तो AFDR आपके लिए सही विकल्प है।
AFDR की अनोखी विशेषताएँ
ऑनियन AFDR का आकार गोल और समान होता है, जो बाजार में आकर्षक लगता है। इसका रंग गहरा लाल है, जो उपभोक्ताओं को लुभाता है। मध्यम तीखापन (माइल्ड पंगेंसी) इसे ताजा सब्जी, सलाद और मसालों के लिए उपयुक्त बनाता है। सबसे बड़ी खूबी है इसकी अच्छी कीपिंग क्वालिटी यह 4-6 महीने तक ताजा रहती है, बिना सड़न के। यह किस्म रोग प्रतिरोधी है, खासकर डाउन मिल्ड्यू और पर्पल ब्लच जैसे रोगों से लड़ने में सक्षम। उपज: प्रति हेक्टेयर 300-400 क्विंटल। यह उत्तर भारत के सर्दियों में (अक्टूबर-दिसंबर बुआई) उत्तम है, जहाँ तापमान 15-25 डिग्री रहता है। किसान बताते हैं कि AFDR की गोभी मजबूत होती है, जो परिवहन में टिकाऊ रहती है।
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बुआई का सही समय और विधि
AFDR प्याज की बुआई रबी मौसम में अक्टूबर के अंत से नवंबर के मध्य तक करें। बीज को पहले 12-24 घंटे पानी में भिगोएँ, अंकुरण तेज होगा। नर्सरी बेड में आधा इंच गहराई पर बोएँ, और 40-50 दिन बाद पौधे तैयार होने पर मुख्य खेत में ट्रांसप्लांट करें। दूरी: पंक्तियों में 15-20 सेंटीमीटर, पौधों में 7-10 सेंटीमीटर। प्रति हेक्टेयर 8-10 किलो बीज पर्याप्त। मिट्टी: दोमट या बलुई दोमट, पीएच 6.0-7.5। खेत को 2-3 बार जुताई देकर भुरभुरा करें। सरल उपाय: बुआई से पहले वर्मी कम्पोस्ट मिलाएँ, जड़ें मजबूत होंगी।
मिट्टी, खाद और सिंचाई
AFDR को पौष्टिक मिट्टी चाहिए। प्रति हेक्टेयर 10-12 टन गोबर खाद या 4-5 टन वर्मी कम्पोस्ट डालें। उर्वरक: 120 किलो नाइट्रोजन, 60 किलो फॉस्फोरस, 50 किलो पोटाश—आधा ट्रांसप्लांटिंग पर, शेष 30-40 दिन बाद। जैविक खेती के लिए जिवामृत या गोमूत्र का घोल हर 15 दिन में डालें। मिट्टी का मिश्रण: 50% बगीचे की मिट्टी, 30% गोबर खाद, 20% रेत। नीम की खली मिलाएँ, कीटों से सुरक्षा मिलेगी। यह संतुलित मिश्रण गोभी को बड़ा और चमकदार बनाएगा।
AFDR को 15-25 डिग्री तापमान और 6-8 घंटे धूप चाहिए। तेज गर्मी में छायादार नेट का उपयोग करें। मिट्टी हल्की नम रखें, सप्ताह में 2-3 बार हल्की सिंचाई करें। अधिक पानी से जड़ सड़न हो सकती है। सरल उपाय: सुबह जल्दी पानी दें, पौधा स्वस्थ रहेगा। सर्दियों में पानी कम करें।
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देखभाल और पोषण के सरल उपाय
हर 15-20 दिन में वर्मी वॉश या गोमूत्र का घोल डालें। गोभी बनने से पहले बोन मील मिलाएँ, गोभी सख्त होगी। खरपतवार नियंत्रण के लिए ट्रांसप्लांटिंग के 20-25 दिन बाद हल्की निराई करें। कटाई: 120-140 दिन में, जब गोभी गहरी लाल और सख्त हो। सरल उपाय: पत्तियों पर गोमूत्र का हल्का छिड़काव करें। थ्रिप्स या डाउन मिल्ड्यू पर नीम तेल (5 मिली/लीटर पानी) हर 10 दिन में छिड़कें। नेटिंग से तितलियों का बचाव करें। रोग दिखे तो बोर्डो मिश्रण डालें। AFDR रोग प्रतिरोधी है, फिर भी सतर्क रहें। जैविक उपाय: ट्राइकोडर्मा मिट्टी में मिलाएँ।
मुनाफे का गणित
AFDR से 300-400 क्विंटल/हेक्टेयर उपज, बाजार भाव 30-50 रुपये/किलो। 0.5 हेक्टेयर से 40,000-70,000 रुपये मुनाफा। बड़े खेतों में 2-4 लाख तक! निर्यात में मांग। राष्ट्रीय बागवानी मिशन से सब्सिडी लें।
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