Dragon Fruits Farming Tips: उत्तर प्रदेश के किसान अब पारंपरिक खेती के साथ ड्रैगन फ्रूट की बागवानी की ओर रुख कर रहे हैं। यह फसल एक बार लगाने के बाद 30 से 35 साल तक मुनाफा देती है। शाहजहांपुर के जिला उद्यान अधिकारी डॉ. पुनीत कुमार पाठक बताते हैं कि ड्रैगन फ्रूट का पौधा गर्मियों में तेजी से बढ़ता है, लेकिन सर्दियों में इसकी ग्रोथ रुक सकती है। अगर सही समय पर देखभाल की जाए, तो ठंड में भी पौधे हरे-भरे रहते हैं और फल अच्छे मिलते हैं। खासकर फंगस और कीटों से बचाव जरूरी है। सर्दी शुरू होने से पहले कुछ आसान उपायों से आप अपने खेत को तैयार कर सकते हैं।
फंगस से बचाव के लिए करें यह उपाय
ड्रैगन फ्रूट में फंगस एक बड़ी समस्या है, जो पौधों को कमजोर कर देता है। अगर आपके खेत में बारिश का पानी जमा हुआ है, तो फंगस का खतरा बढ़ जाता है। डॉ. पाठक सलाह देते हैं कि बावस्तीन और ट्राइकोडर्मा का घोल बनाकर पौधों की जड़ों में डालें। अगर शाखाओं पर फंगस दिखे, तो इस घोल का छिड़काव करें। यह उपाय पौधों को नुकसान से बचाएगा और उनकी सेहत सुधारेगा। खासकर जून-जुलाई में लगाए गए नए पौधों की देखभाल अभी से शुरू कर देनी चाहिए।
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धूप और खरपतवार पर रखें नजर
ड्रैगन फ्रूट को रोजाना कम से कम 6 घंटे धूप चाहिए। अगर आपके बाग के आसपास छायादार पेड़ हैं, तो उनकी छंटाई कर दें। इससे पौधों को पर्याप्त रोशनी मिलेगी और वे स्वस्थ रहेंगे। इसके अलावा, खेत में खरपतवार दिखें, तो निराई-गुड़ाई जरूर करें। खरपतवार पौधों का पोषण छीन लेते हैं, जिससे ग्रोथ रुक सकती है। साफ-सुथरा खेत ड्रैगन फ्रूट की पैदावार बढ़ाने में मदद करता है।
कीटों से बचाव के लिए नीम तेल का उपयोग
कीट ड्रैगन फ्रूट के पौधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, खासकर रस चूसने वाले कीट। इन्हें रोकने के लिए नीम तेल का छिड़काव करें। यह प्राकृतिक उपाय कीटों को भगाने में कारगर है। साथ ही, नीम की खली को गुड़ाई के बाद जड़ों के पास डालें। इससे मिट्टी में मौजूद रोग नियंत्रित होंगे और पौधों की जड़ें मजबूत होंगी। पुरानी या रोगग्रस्त शाखाओं पर फंगीसाइड का छिड़काव करें और संतुलित उर्वरक का उपयोग करें। यह पौधों को ठंड में भी हरा-भरा रखेगा।
कम लागत, लंबा मुनाफा
ड्रैगन फ्रूट की खेती किसानों के लिए कम लागत में ज्यादा मुनाफे का रास्ता है। सही देखभाल से यह फसल लंबे समय तक फल देती है। ठंड से पहले इन छोटे-छोटे उपायों को अपनाकर आप अपने पौधों को स्वस्थ रख सकते हैं। अगर आप शाहजहांपुर या आसपास के इलाकों में खेती कर रहे हैं, तो स्थानीय उद्यान विभाग से संपर्क करें। वहां मुफ्त सलाह और ट्रेनिंग भी मिलती है। इन आसान कदमों से आपकी फसल न सिर्फ बचेगी, बल्कि पड़ोसी भी आपके खेत का राज पूछेंगे।
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