Gehu HD 3410 Ki Kheti: गेहूं भारत की प्रमुख फसल है, जो लाखों किसानों की आजीविका का आधार है। गेहूं की उन्नत किस्म HD 3410, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) द्वारा विकसित, किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। यह जल्दी पकने वाली, रोग प्रतिरोधी और कम पानी में उच्च उपज देने वाली किस्म है। पौधे की ऊँचाई 100-105 सेमी, अवधि 130 दिन और औसत उपज 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। यह पीला-भूरा रतुआ और कंडवा जैसे रोगों से लड़ने में सक्षम है। प्रोटीन (12-13%), आयरन (41.1 ppm) और जिंक (41.8 ppm) की उच्च मात्रा इसे बाजार में प्रीमियम बनाती है। कम पानी की जरूरत इसे सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए आदर्श बनाती है, लेकिन समय पर सिंचाई जरूरी है। आइए, सरल और सम्मानजनक भाषा में जानें कि HD 3410 की खेती कैसे करें और मुनाफा कैसे बढ़ाएँ।
HD 3410 की प्रमुख विशेषताएँ
HD 3410 मध्य भारत के सिंचित क्षेत्रों (उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान) के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई है। यह जल्दी पकने वाली किस्म 130 दिन में तैयार हो जाती है, जो देर से बुवाई वाले किसानों के लिए उपयुक्त है। पौधे की ऊँचाई 100-105 सेमी होने से लॉजिंग (झुकने) का खतरा कम रहता है। यह पीला रतुआ, भूरा रतुआ और कंडवा रोगों के प्रति प्रतिरोधी है। कम पानी में भी यह 65 क्विंटल/हेक्टेयर तक उपज देती है, जो सामान्य किस्मों से 10-15% अधिक है। उच्च प्रोटीन और सूक्ष्म पोषक तत्वों के कारण यह आटा, ब्रेड और बिस्किट उद्योग में मांग वाली है। इसकी अनाज की गुणवत्ता और चमक बाजार में ₹25-30/क्विंटल की प्रीमियम कीमत दिलाती है।
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बुवाई का सही समय और विधि
इसकी बुवाई का सबसे अच्छा समय 20 अक्टूबर से 15 नवंबर तक है। देर से बुवाई (नवंबर अंत तक) में भी यह अच्छी उपज देती है, लेकिन उपज 5-10% कम हो सकती है। बीज दर 100 किलो प्रति हेक्टेयर रखें। पंक्ति दूरी 20-22 सेमी और बीज गहराई 4-5 सेमी होनी चाहिए। बीज को वीटावैक्स (कार्बोक्सिन 37.5% + थिरम 37.5%) से उपचारित करें (2-3 ग्राम/किलो बीज), ताकि कंडवा और अन्य फफूंदी रोगों से बचाव हो। खेत को 2-3 बार जुताई देकर भुरभुरा बनाएँ। सरल उपाय: बुवाई के लिए सीड ड्रिल मशीन उपयोग करें, ताकि बीज समान गहराई पर बोए जाएँ। बुवाई शाम को करें, ताकि बीज नमी ग्रहण करें और अंकुरण तेज हो।
मिट्टी और खाद का संतुलन
HD 3410 दोमट, काली या बलुई दोमट मिट्टी में अच्छी तरह बढ़ती है, जिसमें pH 6.0-7.5 हो। जल निकासी अच्छी होनी चाहिए, क्योंकि जलभराव से जड़ें प्रभावित होती हैं। खेत की तैयारी के लिए 10-12 टन गोबर खाद या 5 टन वर्मी कम्पोस्ट प्रति हेक्टेयर डालें। उर्वरक: नाइट्रोजन 120 किलो (आधा बुवाई पर, आधा 30-35 दिन बाद), फॉस्फोरस 60 किलो और पोटाश 40 किलो प्रति हेक्टेयर। जैविक खेती के लिए जिवामृत (500 मिली/10 लीटर पानी) हर 15 दिन में डालें। सरल उपाय: नीम की खली (200 किलो/हेक्टेयर) मिलाने से प्रारंभिक कीट नियंत्रण होगा। उर्वरक का सही समय और मात्रा उपज को 15% तक बढ़ा सकती है।
सिंचाई और पानी प्रबंधन
यह गेहूं कम पानी में अच्छी उपज देती है, लेकिन समय पर सिंचाई जरूरी है। कुल 5-6 सिंचाई पर्याप्त हैं—पहली बुवाई के 20-25 दिन बाद (क्राउन रूट स्टेज), फिर तिल्लरिंग, फूल और दाना भरने के समय। देरी से सिंचाई उपज को 10-15% कम कर सकती है। ड्रिप सिंचाई से पानी की बचत 30% तक होती है। मिट्टी की नमी जाँचें—सूखने पर ही पानी दें। सरल उपाय: मल्चिंग (सूखी घास) से नमी बनी रहेगी। सर्दियों में सुबह सिंचाई करें, ताकि पौधे तरोताजा रहें।
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देखभाल और खरपतवार नियंत्रण
खरपतवार पौधों की बढ़वार रोकते हैं। बुवाई के 20-25 दिन बाद पहली नीराई-गुड़ाई करें। पेंडीमेथालिन (1 लीटर/हेक्टेयर) का छिड़काव बुवाई के 2-3 दिन बाद करें। सरल उपाय: मल्चिंग से खरपतवार 50% तक कम हो सकते हैं। पौधों को हवा से बचाने के लिए खेत की मेड़ें मजबूत करें। नियमित निगरानी से कीट और रोग जल्दी पकड़ में आएँगे।
रोग और कीट नियंत्रण
HD 3410 पीला रतुआ, भूरा रतुआ और कंडवा के प्रति प्रतिरोधी है। फिर भी, लक्षण दिखने पर मैनकोजेब (2.5 ग्राम/लीटर पानी) या प्रोपीकोनाजोल (1 मिली/लीटर) का छिड़काव करें। कीट जैसे तना छेदक या एफिड्स के लिए नीम तेल (5 मिली/लीटर) या इमिडाक्लोप्रिड (0.3 मिली/लीटर) उपयोगी। सरल उपाय: जैविक खेती में दशपर्णी अर्क (200 मिली/10 लीटर पानी) हर 10 दिन में छिड़कें। छिड़काव शाम को करें, ताकि प्रभाव बढ़े।
कटाई, उपज और मुनाफा
HD 3410 की कटाई 130 दिन में करें, जब बालियाँ सुनहरी और दाने सख्त हों। औसत उपज 65 क्विंटल/हेक्टेयर, अच्छी देखभाल से 70 क्विंटल तक। कटाई सुबह करें, ताकि दाने ताजे रहें। साफ दानों को 12-14% नमी पर भंडारित करें। सरल उपाय: टारपॉलिन पर सुखाएँ, ताकि मिट्टी न मिले। HD 3410 की उपज से प्रति हेक्टेयर ₹1.5-2 लाख मुनाफा संभव। बाजार भाव ₹25-30/क्विंटल, MSP के तहत ₹2,275/क्विंटल (2025)। प्रोटीन और गुणवत्ता के कारण ब्रेड उद्योग में मांग।
गेहूं HD 3410 कम पानी, रोग प्रतिरोध और उच्च उपज के साथ किसानों के लिए वरदान है। वैज्ञानिक बुवाई, संतुलित खाद और समय पर सिंचाई से 65 क्विंटल/हेक्टेयर तक उपज संभव। यह किस्म न केवल खेत की पैदावार बढ़ाती है, बल्कि बाजार में प्रीमियम कीमत भी दिलाती है। किसान भाइयों, इस रबी सीजन HD 3410 की खेती अपनाएँ, और अपनी मेहनत का पूरा फल पाएँ।
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