अक्टूबर में बोएँ 2 शानदार कद्दू की किस्में – HyVeg Golden Baby और Nayra F1 से कम मेहनत में ₹2 लाख तक मुनाफा!

Pumpkin Farming: किसान भाइयों, अक्टूबर ख़त्म हो रहा है नवम्बर शुरू हो रहा है, ऐसे में इस मौसम में कद्दू की  HyVeg Golden Baby और East-West Nayra F1 जैसी प्रीमियम हाइब्रिड किस्में बोने से 55-65 दिन में ही सुनहरे, मीठे और बाजार में प्रीमियम कीमत दिलाने वाले फल तैयार हो जाते हैं। ये फसलें न सिर्फ जल्दी पकती हैं, बल्कि उच्च उपज, रोग प्रतिरोध और आकर्षक रंग-रूप के कारण किसानों की पहली पसंद बन गई हैं। प्रति हेक्टेयर 150-220 क्विंटल उपज और ₹1.5 से ₹2.2 लाख तक का शुद्ध मुनाफा। आइए, जानें कि इन दो शानदार किस्मों की खेती कैसे करें और अपने खेत को समृद्धि से भर दें।

HyVeg Golden Baby कद्दू – छोटा फल, बड़ा मुनाफा

HyVeg Seeds (Mahyco समूह) द्वारा विकसित यह हाइब्रिड किस्म सूरज की किरणों-सी चमकदार और मीठी है। यह मात्र 55-60 दिन में तोड़ाई के लिए तैयार हो जाती है, जिससे किसान जल्दी बाजार में उतर सकते हैं। इसके फल छोटे, गोलाकार और 1.0 से 1.5 किलोग्राम वजन के होते हैं। गहरा नारंगी रंग और अंदर से रसीला, मीठा गूदा इसे घरेलू रसोई से लेकर होटलों तक का पसंदीदा बनाता है। एक हेक्टेयर में 150 से 180 क्विंटल तक की उपज आसानी से मिलती है। यह किस्म कम पानी में भी अच्छी बढ़वार करती है और फल लंबे समय तक ताजे रहते हैं, जिससे भंडारण और परिवहन में नुकसान कम होता है। छोटे आकार के कारण पैकेजिंग आसान और बाजार में डिमांड हमेशा बनी रहती है।

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East-West Nayra F1 कद्दू – मिठास का बादशाह

East-West Seed India की यह F1 हाइब्रिड किस्म बादलों से बरसती मिठास की तरह भरपूर और मजबूत है। यह 60-65 दिन में तैयार हो जाती है और इसके फल गोल, थोड़े बड़े – 2 से 3 किलोग्राम तक के होते हैं। शुरुआत में हल्का हरा रंग, पकने पर हल्का पीला हो जाता है, जबकि गूदा गहरा पीला और अत्यधिक मीठा होता है। यह किस्म फल मक्खी और फफूंदी जैसे रोगों से काफी हद तक सुरक्षित रहती है, जिससे नुकसान न्यूनतम होता है। एक पौधे पर 10 से 12 फल तक लगते हैं, जो आकार में एकसमान और बाजार योग्य होते हैं। प्रति हेक्टेयर 200 से 220 क्विंटल तक की उपज इसे उच्च उत्पादक बनाती है। निर्यात, प्रोसेसिंग यूनिट्स और सुपरमार्केट में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है।

मिट्टी और खेत की तैयारी – नींव मजबूत, फसल शानदार

दोनों किस्मों के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है, जिसमें pH मान 6.0 से 7.5 के बीच हो। जल निकासी का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि जलभराव से जड़ें सड़ सकती हैं। खेत की दो से तीन बार गहरी जुताई करें, ताकि मिट्टी पूरी तरह भुरभुरी हो जाए। प्रति हेक्टेयर 10 से 15 टन अच्छी सड़ी गोबर की खाद डालें और इसके साथ NPK उर्वरक (60:40:40 किलोग्राम) मिलाएँ। नीम की खली 200 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर डालने से कीटों से प्रारंभिक सुरक्षा मिलती है। गड्ढे 45x45x45 सेमी के बनाएँ और प्रत्येक गड्ढे में 100 ग्राम गोबर खाद के साथ 10 ग्राम ट्राइकोडर्मा मिलाएँ। यदि मिट्टी में हल्की नमी हो, तो बुवाई तुरंत करें – अंकुरण शत-प्रतिशत होगा।

बुवाई का सही तरीका – बीज से बेल तक

अक्टूबर एवं नवम्बर का पहला सप्ताह इन किस्मों की बुवाई के लिए स्वर्णिम समय है। HyVeg Golden Baby के लिए 1 किलोग्राम और Nayra F1 के लिए 1.2 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर पर्याप्त है। पंक्ति से पंक्ति की दूरी 2 मीटर और पौधे से पौधे की दूरी 1.5 मीटर रखें। बीज को 24 घंटे पानी में भिगोकर बोएँ और शाम के समय बुवाई करें, ताकि रात भर नमी सोखकर अंकुरण तेज हो। बुवाई से पहले बीज को थायरम (2 ग्राम प्रति किलो बीज) से उपचारित करें, जिससे फफूंदी जनित रोगों से बचाव हो। बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें। गड्ढों में रोपाई करते समय पौधे की जड़ें अच्छी तरह फैलाएँ, ताकि बढ़वार तेज और मजबूत हो।

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सिंचाई और पोषण – फुहारों-सी देखभाल

बुवाई के तुरंत बाद पहली सिंचाई करें और फिर हर 6 से 8 दिन के अंतराल पर पानी दें। गर्मी के दिनों में यह अंतराल 5-6 दिन का रखें। फूल आने के समय बोरॉन और जिंक (0.5 ग्राम प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करें, जिससे फल का आकार समान और बड़ा बने। Nayra F1 में फूल झड़ने से बचाने के लिए ट्राइकोडर्मा और ह्यूमिक एसिड का स्प्रे करें। मल्चिंग के लिए प्लास्टिक शीट या सूखी घास का उपयोग करें, जिससे पानी की बचत 40 प्रतिशत तक हो और खरपतवार नियंत्रित रहें। फलन के दौरान अतिरिक्त पोटाश देने से फलों की मिठास और चमक बढ़ती है।

रोग-कीट नियंत्रण – सुरक्षा का कवच

फल मक्खी से बचाव के लिए नीम तेल (5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी) का छिड़काव हर 10 दिन में करें। फफूंदी या पाउडरी मिल्ड्यू के लक्षण दिखते ही मैनकोजेब (2.5 ग्राम प्रति लीटर) या सल्फर (2 ग्राम प्रति लीटर) का स्प्रे करें। जैविक खेती के लिए दशपर्णी अर्क (200 मिलीलीटर प्रति 10 लीटर पानी) हर 10 दिन में छिड़कें। खेत की नियमित निगरानी करें और प्रभावित पत्तियों या फलों को तुरंत हटा दें। शाम के समय छिड़काव करें, ताकि दवा का प्रभाव अधिक रहे।

कटाई, भंडारण और बाजार – मुनाफे की बरसात

जब फल का रंग पूरी तरह बदल जाए (Golden Baby में गहरा नारंगी, Nayra F1 में हल्का पीला) और हल्का दबाने पर नरम लगे, तो कटाई करें। कटाई सुबह के समय करें, ताकि फल ताजे और रसदार रहें। कटाई के बाद फलों को छायादार, हवादार जगह पर सुखाएँ। नेट बैग या प्लास्टिक क्रेट में पैक करें। स्थानीय मंडी, सुपरमार्केट, होटल या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स (eNAM, AgriBazaar, KisanMandi) के माध्यम से बिक्री करें। सर्दियों में मांग बढ़ने से कीमतें और ऊँची हो जाती हैं। HyVeg Golden Baby ₹25-35 प्रति किलो और Nayra F1 ₹20-30 प्रति किलो तक बिकती है।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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