धान के खेतों में कटाई का शोर शुरू हो चुका है। पराली की चिंता अलग है, ऊपर से गेहूँ बोने का समय भी सर पर आ गया है। ऐसे में अगर सरकार की तरफ से कोई मदद मिल जाए तो किसान का बोझ हल्का हो जाता है। अच्छी खबर यह है कि अब धान कटने से लेकर गेहूँ बोने तक के हर जरूरी यंत्र पर भारी छूट दी जा रही है। कृषि विभाग ने साफ कहा है कि छोटे-मध्यम किसान भी आधुनिक मशीनें ले सकें, इसलिए 50 फीसदी से लेकर 75 फीसदी तक की सब्सिडी का इंतजाम किया गया है।
योजना कब से चल रही, कैसे करें आवेदन
15 अक्टूबर से यह सुविधा शुरू हो गई है। गांव के नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर यानी सीएससी पर पहुंचकर कोई भी किसान आवेदन कर सकता है। बस अपनी खतौनी और बैंक पासबुक की कॉपी साथ ले जानी है। बाकी काम सीएससी वाला ही कर देगा। दस्तावेज कृषि विभाग के पोर्टल पर अपलोड हो जाएंगे। अभी तक कोई आखिरी तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन जितनी जल्दी आवेदन करेंगे, उतना ही फायदा।
कृषि अधिकारियों का कहना है कि कुछ यंत्रों के लिए लक्ष्य रखा गया है। अगर आवेदन ज्यादा आए तो लॉटरी से नाम निकाले जाएंगे। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रखी गई है ताकि सही किसान को फायदा पहुंचे।
कौन से यंत्रों पर मिल रही छूट
धान की कटाई के लिए रीपर-कम-बाइंडर, पराली प्रबंधन के लिए हैपी सीडर, सुपर सीडर, श्रब मास्टर और जुताई-बुवाई के लिए रोटावेटर, जीरो टिलेज मशीन जैसे कई यंत्र इस योजना में शामिल हैं। इनकी कीमत लाखों में होती है, लेकिन सब्सिडी के बाद किसान को सिर्फ एक चौथाई या आधा खर्च ही करना पड़ेगा। मिसाल के तौर पर एक रोटावेटर की कीमत 1.5 लाख रुपये है, सब्सिडी के बाद किसान को सिर्फ 50-60 हजार देने पड़ सकते हैं।
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छोटे किसानों को सबसे ज्यादा फायदा
गांव के छोटे किसान अक्सर कहते हैं कि मशीन तो चाहिए, पर पैसा कहां से लाएं। इस योजना से उनकी यह परेशानी दूर हो रही है। कम खर्च में मशीन आएगी तो मेहनत कम होगी, समय बचेगा और फसल भी अच्छी होगी। पराली जलाने की मजबूरी भी खत्म हो जाएगी क्योंकि हैपी सीडर जैसे यंत्र पराली को खेत में ही दबाकर गेहूँ बो देंगे। इससे मिट्टी की सेहत भी बनी रहेगी।
मौसम का भी रखें ध्यान
इस बार उत्तर भारत में मानसून देर से विदा हुआ है। धान की कटाई नवंबर के पहले हफ्ते तक चलेगी। इसके तुरंत बाद गेहूँ की बुवाई करनी है। अगर यंत्र पहले से तैयार हों तो किसान बारिश के झमके का फायदा उठाकर समय पर बुवाई कर लेंगे। कृषि विशेषज्ञ कहते हैं कि नवंबर के मध्य तक गेहूँ बो दिया जाए तो पैदावार दस फीसदी तक बढ़ सकती है।
क्या करें, क्या न करें
सबसे पहले अपने सीएससी पर जाकर योजना की पूरी जानकारी ले लें। खतौनी में अपना नाम सही है या नहीं, यह चेक कर लें। बैंक पासबुक भी सक्रिय होनी चाहिए। आवेदन के बाद मैसेज का इंतजार करें। लॉटरी में नाम आए तो तुरंत यंत्र चुन लें क्योंकि स्टॉक सीमित है।
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