मानसून और प्राकृतिक आपदाओं का कहर खेतों पर अभी भी छाया हुआ है, जहां भारी बारिश और बाढ़ ने किसान भाइयों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में राज्य सरकार ने किसानों को आर्थिक तनाव से निजात दिलाने के लिए एक विशेष योजना शुरू की है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने घोषणा की है कि जुलाई 2025 से दिसंबर 2025 तक के सभी कृषि ट्यूबवेल बिजली बिलों का भुगतान छह महीने के लिए टाल दिया गया है।
इससे किसान भाई बिना किसी चिंता के अपनी खेती को फिर से पटरी पर ला सकेंगे, क्योंकि बिल जनवरी 2026 से बिना किसी विलंब शुल्क के जमा करने का विकल्प मिलेगा। ऊर्जा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कदम प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे किसानों को तुरंत राहत देने के लिए उठाया गया है, ताकि वे सिंचाई और फसल पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
योजना के तहत बिल स्थगन का शेड्यूल
इस योजना में कोई जटिलता नहीं है – सब कुछ सरल और किसान-अनुकूल रखा गया है। जुलाई 2025 का बिजली बिल जनवरी 2026 में, अगस्त 2025 का फरवरी 2026 में, सितंबर का मार्च 2026 में, अक्टूबर का अप्रैल 2026 में, नवंबर का मई 2026 में और दिसंबर 2025 का जून 2026 में जमा करना होगा।
ऊर्जा विभाग, हरियाणा के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया है कि इस दौरान यूपीएचवीएन और डीएचवीएन जैसे बिजली निगमों द्वारा किसी भी कृषि उपभोक्ता से लेट फीस या विलंब अधिभार नहीं लिया जाएगा। बिजली की आपूर्ति बिना रुकावट के जारी रहेगी, जिससे किसान भाई रबी की तैयारी में कोई कमी न महसूस करें। यह व्यवस्था न सिर्फ वित्तीय दबाव कम करेगी, बल्कि किसानों को अपनी बचत का सही इस्तेमाल करने का मौका देगी।
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7 लाख से ज्यादा किसान होंगे लाभान्वित
हरियाणा के करीब 7.10 लाख कृषि ट्यूबवेल कनेक्शन वाले उपभोक्ता इस योजना से सीधे फायदा उठाएंगे। ये वो किसान हैं जो रोजाना सिंचाई के लिए बिजली पर निर्भर हैं, खासकर पानी की कमी वाले इलाकों में। योजना के लागू होने से बिजली निगमों पर जो वित्तीय दबाव पड़ेगा, उसे पूरी तरह राज्य सरकार वहन करेगी। इसका मतलब है कि निगमों की आय प्रभावित नहीं होगी और किसानों को कोई अतिरिक्त कागजी कार्रवाई नहीं करनी पड़ेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी योजनाएं नुकसान की भरपाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, क्योंकि बाढ़ जैसी आपदाओं से फसलें बर्बाद होने पर किसानों का पहला झटका बिजली और अन्य उपयोगिता बिलों पर पड़ता है। इससे न सिर्फ तात्कालिक राहत मिलेगी, बल्कि अगले सीजन में उत्पादकता बढ़ाने में भी मदद होगी।
किसानों की कमर मजबूत करेगी यह पहल
हरियाणा सरकार का यह फैसला किसानों के प्रति संवेदनशीलता दिखाता है, जहां प्राकृतिक विपत्तियों से जूझने वालों को हर संभव सहारा दिया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित जिलों में सिंचाई बुनियादी ढांचे को बहाल करने के साथ-साथ ऐसी वित्तीय राहतें किसानों को नई उम्मीद देती हैं। ऊर्जा विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी बिजली कनेक्शन को सुरक्षित रखें और विभाग की वेबसाइट या हेल्पलाइन से अपडेट्स लें। अगर कोई समस्या हो तो नजदीकी बिजली कार्यालय में संपर्क करें। यह योजना निश्चित रूप से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएगी, क्योंकि बिना बिजली के खेती अधर में लटक जाती है।
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