रबी सीजन की शुरुआत होते ही उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान भाई अब शरदकालीन बुआई की तैयारी में जुट गए हैं। अक्टूबर-नवंबर का यह समय गन्ने की सबसे अच्छी पैदावार के लिए जाना जाता है, क्योंकि ठंडी हवाओं और सही नमी से पौधे मजबूत होते हैं। राज्य के गन्ना विकास विभाग ने 2025-26 के सीजन के लिए 3.20 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य तय किया है और इसकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए 46.1 लाख स्वस्थ बड तैयार करने का ऐलान किया है।
गन्ना आयुक्त के अनुसार, यह कदम किसानों को रोगरहित बीज उपलब्ध कराने पर केंद्रित है, ताकि उत्पादकता बढ़े और चीनी मिलों को भी फायदा हो। विभाग ने उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर के अधीन शोध केंद्रों, निजी-सहकारी चीनी मिल फार्मों और प्रगतिशील किसानों से अभिजनक बीज इकट्ठा कर वितरण की रूपरेखा तैयार की है।
परिक्षेत्रों में 64,856 क्विंटल का वितरण
गन्ना आयुक्त ने बताया कि शरदकालीन बुआई के लिए कुल 64,856 क्विंटल अभिजनक बीज (ब्रीडर सीड) का आवंटन कर दिया गया है। यह बीज किसानों के खेतों पर आधार पौधशालाएं स्थापित करने के लिए इस्तेमाल होगा, जिससे अगले सीजन में स्वस्थ बीज की कोई कमी न रहे। सहारनपुर परिक्षेत्र को 5147 क्विंटल, मेरठ को 5751 क्विंटल, मुरादाबाद को 8319 क्विंटल, बरेली को 11579 क्विंटल, लखनऊ को 16652 क्विंटल, अयोध्या को 1892 क्विंटल, देवीपाटन को 5925 क्विंटल, गोरखपुर को 5053 क्विंटल और देवरिया को 4538 क्विंटल बीज मिलेंगे।
ये आंकड़े गन्ना उत्पादक जिलों की जरूरत के हिसाब से तय किए गए हैं। विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों को वितरण के सख्त निर्देश जारी हो चुके हैं, ताकि कोई किसान भाई बीज के लिए इधर-उधर न भटके।
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सिंगल बड विधि से नई किस्मों का बंपर आवंटन
शरदकालीन बुआई में नई तकनीक को बढ़ावा देने के लिए सिंगल बड विधि पर जोर दिया जा रहा है। इससे बीज गन्ने की त्वरित और अधिक उपलब्धता होगी। को.लख.16202 किस्म के लिए कुल 20.34 लाख बड और को.शा.18231 के लिए 25.76 लाख बड आवंटित किए गए हैं। सहारनपुर को को.लख.16202 के 1.50 लाख और को.शा.18231 के 2.70 लाख बड, मेरठ को क्रमशः 2 लाख और 3.10 लाख, मुरादाबाद को 2.90 लाख और 3.20 लाख, बरेली को 2.68 लाख और 3.47 लाख, लखनऊ को 4.44 लाख और 5.24 लाख, अयोध्या को 1.25 लाख और 2 लाख, देवीपाटन को 1.50 लाख और 2 लाख, गोरखपुर को 2.27 लाख और 2.25 लाख, तथा देवरिया को 1.80 लाख-1.80 लाख बड मिलेंगे।
ये किस्में रोग प्रतिरोधी हैं और त्रिस्तरीय बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत किसानों के खेतों पर पौधशालाएं लगेंगी, जिससे गन्ने की पैदावार 20-30 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।
रोगरहित बीज से कम लागत, ज्यादा मुनाफा
यह पहल न सिर्फ बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी, बल्कि गन्ने की कुल उत्पादकता और चीनी उत्पादन को नई गति देगी। पारंपरिक बुआई में रोगों से 10-15 प्रतिशत नुकसान होता है, लेकिन ये रोगरहित बड इससे बचाव करेंगे। गन्ना विकास विभाग के मुताबिक, शरदकालीन बुआई से प्रति हेक्टेयर 80-100 क्विंटल तक उपज संभव है, जो किसानों की आय को दोगुना कर सकती है। सभी गन्ना किसान अपने जिला गन्ना अधिकारी या गन्ना विकास निरीक्षक से संपर्क कर बीज प्राप्त कर सकते हैं। विभाग ने वितरण शेड्यूल भी जारी कर दिया है, तो देर न करें।
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