फसल के दामों में गिरावट जारी: गेहूं, मक्का, सोयाबीन से मूंग तक MSP से नीचे भाव, किसानों की चिंता बढ़ी

देश की मंडियों में फसलों के दाम लगातार नीचे बने हुए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, गेहूं, मक्का, सोयाबीन, मूंग, अरहर, सूरजमुखी जैसी प्रमुख खरीफ और रबी फसलों के थोक भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी से कम चल रहे हैं। 24 अक्टूबर 2025 तक के आंकड़ों में कई फसलों पर 15 से 27 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है। कृषि मंत्रालय के डेटा से पता चलता है कि बेमौसमी बारिश और बाढ़ से प्रभावित फसलें अब बाजार में सस्ते दामों पर बिक रही हैं। इससे किसानों को लागत निकालने में भी परेशानी हो रही है।

तिलहन फसलों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई है। सूरजमुखी का एमएसपी 7,721 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन मंडी भाव 5,620 रुपये पर अटका हुआ है यह 27.21 फीसदी कम है। मूंगफली के दाम एमएसपी से 24.37 फीसदी नीचे चल रहे हैं। सोयाबीन में भी 21 फीसदी की कमी है, जहाँ एमएसपी 5,328 रुपये है लेकिन औसत भाव 4,037 रुपये प्रति क्विंटल है। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में तिलहन किसानों पर सबसे ज्यादा दबाव है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, आयातित तेलों की सस्ती आपूर्ति और घरेलू उत्पादन में बढ़ोतरी ने दामों को नीचे धकेला है।

अनाज फसलों में भी MSP से कम भाव, मक्का पर 14 फीसदी से ज्यादा घाटा

अनाजों की स्थिति भी चिंताजनक है। धान का एमएसपी 2,369 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन मंडियों में औसत भाव 2,343 रुपये चल रहा है यानी 1.10 फीसदी की कमी। गेहूं का एमएसपी 2,585 रुपये है, जबकि बाजार में 2,539 रुपये मिल रहे हैं, जो 1.78 फीसदी कम है। मक्का के दाम सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इसका एमएसपी 2,400 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन मंडी भाव 2,053 रुपये पर है 14.46 फीसदी नीचे। ज्वार में 17.63 फीसदी और बाजरा में 22.16 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। बिजनेस स्टैंडर्ड के 5 नवंबर 2025 के आंकड़ों के अनुसार, मक्का और बाजरा जैसे अनाजों के दाम सितंबर से ही दबाव में हैं। पंजाब और हरियाणा में धान की सरकारी खरीद से कुछ राहत मिली, लेकिन अन्य राज्यों में निजी व्यापारियों पर निर्भरता ज्यादा है।

फसल के दामों में गिरावट जारी: गेहूं, मक्का, सोयाबीन से मूंग तक MSP से नीचे भाव, किसानों की चिंता बढ़ी

ये भी पढ़ें- गेहूं की नई किस्म HD 3388 से किसानों को मात्र इतने दिनों में मिलेगा, 52 क्विंटल तक उपज

कृषि मंत्रालय ने खरीफ सीजन के पहले महीने अक्टूबर में नौ प्रमुख फसलों उड़द, अरहर, मूंग, सोयाबीन, मूंगफली, मक्का, बाजरा, ज्वार और धान के दाम एमएसपी से नीचे रहने की पुष्टि की है। हिंदू बिजनेसलाइन की 6 नवंबर 2025 की रिपोर्ट में बताया गया कि तेलहन और दालों में 17 से 25 फीसदी तक की कमी आई, जबकि अनाजों में 3 से 32 फीसदी। यह असंतुलन मांग और आपूर्ति के बीच खाई से उत्पन्न हुआ है, जहाँ बंपर उत्पादन ने दामों को कमजोर किया है।

दालों के दाम भी MSP से 6 से 34 फीसदी तक कम

दालों में अरहर (तुअर) का एमएसपी 8,000 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन मंडी में 7,470 रुपये मिल रहे 6.6 फीसदी कम। उड़द का एमएसपी 7,800 रुपये है, जबकि भाव 6,870 रुपये पर 11.9 फीसदी की गिरावट। साबुत मूंग पर एमएसपी 8,768 रुपये है, लेकिन मंडी भाव 6,693 रुपये रह गया 23.6 फीसदी नीचे। रागी के दाम एमएसपी से 34.67 फीसदी कम हैं। लिवमिंट की 24 अक्टूबर 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, मूंग 8,259 रुपये पर बिक रही, जबकि अरहर 6,579 रुपये पर। राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे दाल उत्पादक क्षेत्रों में यह गिरावट सबसे ज्यादा दिख रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अफ्रीकी देशों से आयात ने भारतीय दालों के बाजार को प्रभावित किया है।

कुल मिलाकर, ये गिरते दाम ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ रहे हैं। लागत में वृद्धि के बावजूद उचित मूल्य न मिलने से किसानों का कर्ज बढ़ रहा है। सरकार ने खरीद नीतियों पर विचार करने की बात कही है, लेकिन अभी मंडियों में सरकारी हस्तक्षेप सीमित है। नवंबर में मौसम स्थिर रहने पर कुछ फसलों के दाम सुधर सकते हैं, लेकिन तिलहन और दालों पर दबाव बना रहेगा।

ये भी पढ़ें- Paddy Mandi Price Today: मेरठ मंडी में ₹2950 पर बिका बासमती धान, लखनऊ में ₹3450 रहा सामान्य चावल का रेट, जानिए आज का मंडी भाव

Author

  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

    View all posts

Leave a Comment