PM KISAN YOJANA: देशभर के करोड़ों किसान भाइयों के लिए केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एक बड़ा सहारा बनी हुई है। 2019 में शुरू हुई इस महत्वाकांक्षी स्कीम के तहत हर साल छोटे और सीमांत किसानों को 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। यह राशि तीन बराबर किस्तों प्रति किस्त 2 हजार रुपये में सीधे बैंक खातों में हस्तांतरित की जाती है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अब तक 20 सामान्य किस्तें जारी हो चुकी हैं, जो 9.7 करोड़ से ज्यादा किसानों को लाभ पहुँचा चुकी हैं।
कुल 20वीं किस्त अगस्त 2025 में जारी हुई थी, जिसमें 20,500 करोड़ रुपये वितरित किए गए। लेकिन 21वीं किस्त का इंतजार अब खत्म होने वाला है। मीडिया रिपोर्ट्स और सरकारी स्रोतों से पता चलता है कि यह नवंबर 2025 के पहले या दूसरे हफ्ते में जारी हो सकती है, खासकर बिहार विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सितंबर-अक्टूबर 2025 में बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित राज्यों पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के किसानों को पहले ही 21वीं किस्त जारी कर दी थी। इन राज्यों में लाखों किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की भरपाई के लिए जल्दी राहत पहुँचाई गई। बाकी राज्यों के किसान अब बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिहार चुनाव के पहले चरण (6 और 11 नवंबर) और परिणाम (14 नवंबर) को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का पालन करते हुए किस्त जारी करेगी। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) सिस्टम से यह राशि स्वचालित रूप से योग्य खातों में पहुँचेगी। योजना का कुल बजट 2025-26 के लिए 75,000 करोड़ रुपये से ऊपर है, जो किसानों की आय स्थिर करने में मदद कर रहा है।
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21वीं किस्त कब और कैसे मिलेगी
सरकारी स्रोतों और मीडिया अपडेट्स से स्पष्ट है कि 21वीं किस्त नवंबर 2025 में जारी होगी। जगरण जोश और फाइनेंशियल एक्सप्रेस की 30 अक्टूबर 2025 की रिपोर्ट्स में कहा गया कि यह पहले हफ्ते में संभव है, जबकि टाइम्स बुल की 8 नवंबर की खबर में 14 नवंबर के बाद की तारीख का जिक्र है। हालांकि, आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है। किसान भाई अपने बैंक खाते की जाँच करते रहें। अगर किस्त न आए, तो pmkisan.gov.in पर “नो योर स्टेटस” से चेक करें। आधार नंबर या खाता विवरण डालकर स्टेटस देख सकते हैं।
कृषि मंत्रालय ने साफ कहा है कि किस्त पाने के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य है। अगर आपने अभी तक नहीं कराई, तो पोर्टल पर आधार आधारित ओटीपी से या नजदीकी सीएससी सेंटर पर बायोमेट्रिक से पूरा करें। गलत जानकारी या अपूर्ण सत्यापन वाले आवेदन रद्द हो जाते हैं। भूलेखों का सत्यापन भी जरूरी है, ताकि भूमि रिकॉर्ड सही हो। योजना में पंजीकृत किसानों की संख्या अब 11 करोड़ से ऊपर है, लेकिन हर किस्त से पहले 5-10 लाख नाम कट जाते हैं अगर दस्तावेज अपडेट न हों।
कौन से किसान 21वीं किस्त से वंचित रहेंगे
नहीं मिलेगी 21वीं किस्त। योजना के नियम सख्त हैं। अगर आवेदन में कोई गलत जानकारी भरी गई है जैसे भूमि विवरण, बैंक खाता या आधार लिंकिंग तो लाभ रुक जाता है। ई-केवाईसी न करने वाले किसानों के खाते में 2 हजार रुपये नहीं आएंगे। इसके अलावा, सरकारी कर्मचारी, उच्च आय वाले पेशेवर (डॉक्टर, इंजीनियर, वकील आदि), संस्थागत भूमि मालिक और पेंशनभोगी किसान योजना से बाहर हैं। बाढ़ प्रभावित राज्यों को छोड़कर बाकी किसानों को सामान्य प्रक्रिया से गुजरना होगा। आउटलुक मनी की 18 अक्टूबर 2025 की रिपोर्ट में बताया गया कि अपडेटेड बैंक डिटेल्स न होने पर भी किस्त रुक सकती है।
कुल मिलाकर, पीएम किसान योजना किसानों की आर्थिक रीढ़ बनी हुई है। 21वीं किस्त से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी। अगर आप लाभार्थी हैं, तो तुरंत ई-केवाईसी और स्टेटस चेक करें। कृषि विभाग के हेल्पलाइन 155261 या 1800115526 पर संपर्क करें। यह योजना न सिर्फ आय बढ़ाती है, बल्कि खेती को मजबूत बनाती है।
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