बोकारो जिले के किसान भाइयों के लिए केंद्र सरकार की राष्ट्रीय बागवानी मिशन (NHM) योजना एक बड़ा अवसर लेकर आई है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नकदी फसलों की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 40 से 100 प्रतिशत तक का सरकारी अनुदान उपलब्ध होगा। जिला उद्यान पदाधिकारी अंजली रोय ने बताया कि यह पहल किसानों की आय बढ़ाने और आर्थिक स्थिति मजबूत करने पर केंद्रित है। MIDH (मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर) के तहत चलने वाली इस योजना में स्ट्रॉबेरी, ड्रैगन फ्रूट, केला, पपीता जैसी उच्च मूल्य वाली फसलों पर विशेष जोर दिया गया है।
कृषि मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, अनुदान क्रेडिट लिंक्ड बैक एंडेड सब्सिडी के रूप में मिलेगा, जो किसानों को कम लागत में आधुनिक खेती अपनाने में मदद करेगा।
बोकारो जिले में बागवानी क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए यह योजना महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार के सहयोग से NHM के तहत 2025-26 का बजट 50 करोड़ रुपये से ऊपर आवंटित किया गया है, जो पिछले वर्ष से 15 फीसदी अधिक है। अंजली रोय ने कहा कि योजना से छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता मिलेगी, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिले। ICAR और NHB (नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड) के आंकड़ों के मुताबिक, ऐसी सब्सिडी से फसल उत्पादकता 20-30 फीसदी बढ़ सकती है, और बाजार मूल्य में वृद्धि से किसानों की कमाई दोगुनी हो सकती है।
योजना के तहत अनुदान
राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत विभिन्न फसलों और तकनीकों पर अलग-अलग दरों से अनुदान मिलेगा। स्ट्रॉबेरी, ड्रैगन फ्रूट, टिश्यू कल्चर केला, पपीता, कटहल, संकर सब्जी, प्याज, लहसुन, बल्बस फूलों और मसाला फसलों की खेती पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। यह सहायता प्रति हेक्टेयर अधिकतम 25,000 रुपये तक सीमित रहेगी, और अधिकतम 5 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए उपलब्ध होगी। आम, अमरूद, लीची, नींबू, बेल, आंवला, कटहल की बागवानी, पॉलीहाउस निर्माण, शेड नेट, एंटी-बर्ड नेट, तथा पॉलीहाउस में सब्जी, गुलाब और जरबेरा की खेती पर 50 प्रतिशत अनुदान होगा। यह क्रेडिट लिंक्ड होगा, और अधिकतम 10 लाख रुपये प्रति यूनिट तक मिल सकता है।
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इसके अलावा, मशरूम उत्पादन, बाग का जीर्णोद्धार, हाइड्रोपोनिक खेती, वर्मी कंपोस्ट, सोलर क्रॉप ड्रायर और जीरो एनर्जी कोल्ड चैंबर जैसी आधुनिक तकनीकों पर भी अनुदान का प्रावधान है। राज्य के अंदर या बाहर कृषि प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए 100 प्रतिशत अनुदान मिलेगा, जिसमें पूरा खर्च सरकार वहन करेगी। NHB की गाइडलाइंस के अनुसार, ये दरें 2025-26 के लिए अपडेटेड हैं, और लाभार्थियों को बैंक लिंकेज के साथ बैक एंडेड सब्सिडी मिलेगी। बोकारो जैसे क्षेत्रों में ड्रैगन फ्रूट और स्ट्रॉबेरी की खेती बढ़ रही है, जहाँ प्रति एकड़ 2-3 लाख रुपये की कमाई संभव है।
आवेदन प्रक्रिया
इच्छुक किसान जिला उद्यान कार्यालय (बोकारो), प्रखंड स्तर के कृषि तकनीकी सूचना केंद्र (ATIC), JSLPS कार्यालय या उद्यान मित्र से आवेदन फॉर्म प्राप्त कर सकते हैं। फॉर्म पर मुखिया या किसी जनप्रतिनिधि की अनुशंसा अनिवार्य है। आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज हैं: पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ, आधार कार्ड की प्रति, बैंक पासबुक की छाया प्रति, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र या शपथ पत्र, भूमि का अद्यतन रसीद, तथा मुखिया द्वारा प्रमाणित भूमि संबंधी वंशावली। सभी दस्तावेज पूर्ण होने पर ही आवेदन स्वीकार होगा।
चयन प्रक्रिया JSLPS के माध्यम से कृषक समूहों या महिला स्वयं सहायता समूहों की सूची पर आधारित होगी। अगर लक्ष्य के अनुरूप समूह उपलब्ध न हों, तो व्यक्तिगत किसानों को भी शामिल किया जाएगा। प्राथमिकता उन किसानों को दी जाएगी, जिन्हें पिछले तीन वर्षों में किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 18 नवंबर 2025 शाम 5 बजे तक है। चयनित लाभार्थियों को NHM पोर्टल (hortnet.nhb.gov.in) पर रजिस्ट्रेशन भी करना होगा, जहाँ स्टेटस ट्रैक किया जा सकता है।
कुल मिलाकर, यह योजना बोकारो के किसानों को नकदी फसलों की ओर प्रेरित करेगी। सब्सिडी से लागत कम होगी और मुनाफा बढ़ेगा। किसान भाई जल्द आवेदन करें, ताकि रबी सीजन से पहले लाभ मिल सके। जिला उद्यान कार्यालय से संपर्क करें।