उत्तराखंड के किसान भाइयों के लिए एक नई खुशखबरी लेकर आया है भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR)। उनकी नई मटर किस्म “VL Sabji Matar 13” रबी सीजन में धमाल मचा सकती है। यह बीज अल्मोड़ा स्थित ICAR-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने तैयार किया है, जो पहाड़ी इलाकों के लिए खास तौर पर उपयुक्त है। इसकी खासियत है कि यह प्रति हेक्टेयर 11.5 टन तक हरी मटर की पैदावार देता है और छिलाई में 46 फीसदी तक का रेट निकलता है। मौसम विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 2025 में उत्तराखंड में ऑफ-सीजन बारिश 20 फीसदी बढ़ी है, जो इस बीज के लिए अनुकूल मानी जा रही है।
इस मटर की किस्म को 2020 में लॉन्च किया गया था, लेकिन अब इसके फायदे किसानों तक धीरे-धीरे पहुँच रहे हैं। यह बीज जल्दी पकने वाला है और ऑगस्ट में बोया जा सकता है, जो पहाड़ों की ठंडी जलवायु के साथ मेल खाता है। मेरे गाँव के एक किसान भाई ने बताया कि पिछले साल उन्होंने इसे आजमाया और 10 टन से ज्यादा पैदावार ली। इससे उनकी आय में अच्छा इजाफा हुआ, खासकर ऊंची पहाड़ियों में जहाँ फसलें कमजोर पड़ जाती थीं। ICAR के विशेषज्ञों का कहना है कि यह किस्म कीटों से लड़ने में भी मजबूत है, जो मौसम के बदलाव में फायदेमंद साबित हो रही है।
पहाड़ी किसानों के लिए वरदान
“VL Sabji Matar 13” खासकर उत्तराखंड के रबी सीजन के लिए बनाई गई है। यह बीज कुरनूल और कडप्पा जैसे मैदानी इलाकों से अलग, पहाड़ी मिट्टी के लिए तैयार किया गया है। पिछले साल एक अध्ययन में पाया गया कि इसकी पैदावार पारंपरिक मटर से 30 फीसदी ज्यादा है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी में जैविक खाद और सही सिंचाई जरूरी है। कई किसानों ने शिकायत की कि पहली बार में पैदावार कम हुई, क्योंकि मिट्टी की उर्वरता कम थी। ICAR ने सलाह दी है कि बोने से पहले खेत में कम्पोस्ट और गोबर की खाद डालें, ताकि फसल मजबूत हो।
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2023 में ICAR की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पायलट प्रोजेक्ट में इस बीज से किसानों की आय 15 फीसदी बढ़ी है। पहाड़ी इलाकों में जहाँ आमतौर पर पैदावार कम होती थी, वहाँ यह किस्म उम्मीद जगाती है। मौसम में बदलाव के बावजूद यह बीज ठंड और हल्की बारिश को सहन कर सकता है। लेकिन मिट्टी की सेहत पर नजर रखना जरूरी है, क्योंकि लगातार फसल लेने से पोषक तत्व कम हो सकते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) के अधिकारियों ने किसानों को समय-समय पर मिट्टी जांच कराने की सलाह दी है।
VL Sabji Matar 13 Perfect Choice for Rabi season!#ICAR #उन्नततकनीकउत्तमखेती #rabi2025@ChouhanShivraj @PIB_India @AgriGoI @mygovindia pic.twitter.com/zIEC0cXXvA
— Indian Council of Agricultural Research. (@icarindia) November 10, 2025
बाजार में मांग बढ़ी, किसानों को मिलेगा फायदा
रबी सीजन में मटर की मांग देशभर में बढ़ रही है, खासकर हरी सब्जियों के लिए। इस साल नवंबर में मटर की कीमतों में मामूली उछाल देखा गया है, क्योंकि बारिश से आपूर्ति प्रभावित हुई है। “VL Sabji Matar 13” के आने से किसानों को बाजार में बेहतर दाम मिलने की उम्मीद है। ICAR का दावा है कि इसकी जल्दी पकने की खूबी से किसान समय पर फसल बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं। पिछले हफ्ते अल्मोड़ा के बाजार में हरी मटर का भाव 40-45 रुपये प्रति किलो रहा, जो इस बीज की पैदावार के लिए प्रोत्साहन दे रहा है।
सरकार ने किसानों को इस बीज तक पहुँचाने के लिए जागरूकता अभियान भी शुरू किया है। नजदीकी कृषि केंद्रों से बीज उपलब्ध हैं, और ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा भी दी जा रही है। यह कदम पहाड़ी खेती को नई दिशा दे सकता है, जहाँ किसानों को हमेशा कम पैदावार की चिंता रहती थी। “VL Sabji Matar 13” न सिर्फ पैदावार बढ़ाएगा, बल्कि किसानों की मेहनत को सही मोल भी देगा।
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