गांवों तक पहुंचेंगे कृषि ड्रोन सरकार का बड़ा समझौता, 5 लाख CSC से बिक्री-ट्रेनिंग शुरू

देश के गांवों में अब ड्रोन की हवा चलेगी। सरकार ने ग्रामीण युवाओं को उद्यमी बनाने और खेती को तकनीकी रूप से मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। एवीपीएल इंटरनेशनल और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज के बीच हुए समझौते से पांच लाख से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के जरिए कृषि ड्रोन, उनके पार्ट्स और ट्रेनिंग गांव-गांव पहुंचाई जाएगी। गांव जंक्शन की 13 नवंबर 2025 की रिपोर्ट बताती है कि ये पहल किसानों को फसल छिड़काव, निगरानी और डेटा आधारित खेती के नए तरीके सिखाएगी। CSC का विशाल नेटवर्क अब ड्रोन हब बनेगा, जहां बिक्री से लेकर मेंटेनेंस तक सब होगा।

इस समझौते का मकसद ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाना है। एवीपीएल का विराज यूएएस ड्रोन, जो स्पेयर पार्ट्स के साथ CSC के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बिकेगा। कंपनी के संस्थापक प्रीत संधू कहते हैं कि हर गांव में एक ड्रोन उद्यमी का सपना अब हकीकत बनेगा। CSC केंद्र वाले युवा ड्रोन चलाना सीखेंगे, अपनी कमाई बढ़ाएंगे। किसानों को फायदा ये कि खेतों की निगरानी आसान हो जाएगी, पानी-खाद की बचत होगी।

CSC नेटवर्क बनेगा ड्रोन का हब

देशभर में फैले 5 लाख CSC केंद्र अब ड्रोन की दुकान बनेंगे। एवीपीएल इंटरनेशनल इन केंद्रों को विराज ड्रोन और पार्ट्स सप्लाई करेगी। CSC के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन बुकिंग, डिलीवरी सब आसान। द हिंदू की जुलाई 2025 रिपोर्ट के मुताबिक, CSC पहले से डिजिटल इंडिया का बैकबोन है, अब कृषि तकनीक में कूद पड़ेगा। ग्रामीण युवाओं को ड्रोन उड़ाने, रखरखाव और डेटा एनालिसिस की ट्रेनिंग मिलेगी।

कंपनी बिक्री के बाद सर्विस, वारंटी और मेंटेनेंस भी देगी। प्रीत संधू ने कहा कि CSC के साथ ये साझेदारी ग्रामीण भारत को तकनीकी क्रांति देगी। केंद्र वाले उद्यमी न सिर्फ ड्रोन बेचेंगे, बल्कि किसानों को सर्विस भी देंगे। एक CSC से 10-20 गांव कवर हो सकेंगे।

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किसानों को फायदा

किसान भाइयों के लिए ये वरदान है। ड्रोन से कीटनाशक, खाद का सटीक छिड़काव होगा। फसल की बीमारी पहले ही पकड़ में आ जाएगी। पानी की बर्बादी रुकेगी, उपज बढ़ेगी। द इंडियन एक्सप्रेस की अगस्त 2025 रिपोर्ट कहती है कि ड्रोन से 30-40 प्रतिशत खर्च बचता है। छोटे किसान, जो 2-5 एकड़ पर निर्भर हैं, अब महंगे उपकरण अफोर्ड कर सकेंगे। CSC से सस्ते दाम पर ड्रोन मिलेगा।

ट्रेनिंग में डेटा आधारित खेती सिखाई जाएगी। ऐप से मिट्टी टेस्ट, मौसम पूर्वानुमान। युवा उद्यमी बनेंगे, जो गांव में सर्विस देंगे। रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।

हर गांव में एक ड्रोन वॉल

एवीपीएल का मिशन साफ है आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत। प्रीत संधू कहते हैं कि CSC से जुड़कर हर केंद्र को ड्रोन तकनीक से सशक्त करेंगे। आय बढ़ेगी, तकनीकी बदलाव आएगा। CSC ई-गवर्नेंस के सीईओ ने कहा कि ये साझेदारी डिजिटल इंडिया को खेती से जोड़ेगी।

पहले चरण में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों पर फोकस। दिसंबर तक ट्रेनिंग कैंप शुरू। 2026 तक 1 लाख युवा उद्यमी तैयार। किसान संगठन ताल ठोक रहे हैं – ये स्कीम छोटे किसानों का भविष्य बदलेगी।

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  • Shashikant

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