Khet Talab Yojana UP: उत्तर प्रदेश के गाँवों में हर साल सूखे की मार पड़ती है। बरसात का पानी बह जाता है, और फसलें प्यासी रह जाती हैं। ट्यूबवेल का बिजली बिल तो चढ़ता ही है, पानी भी कम पड़ जाता है। लेकिन अब योगी सरकार की ‘खेत तालाब योजना’ किसानों के लिए वरदान बनकर आई है। ये योजना जल संचयन को बढ़ावा देती है, ताकि आपका खेत कभी पानी की कमी न झेले।
2025-26 के लिए ऑनलाइन आवेदन 3 जून से शुरू हो चुके हैं – पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर। योजना के तहत 22×20×3 मीटर के लघु तालाब की कुल लागत 1,05,000 रुपये है, जिसमें सरकार 52,500 रुपये (50% अनुदान) सीधे आपके खाते में डीबीटी से भेजेगी। बाकी 52,500 रुपये आपका योगदान। इससे न सिर्फ सिंचाई आसान होगी, बल्कि मछली पालन या पशु चारे के लिए भी पानी मिलेगा। आइए जानते हैं योजना की पूरी डिटेल।
योजना का उद्देश्य और लाभ – जल संरक्षण से किसान समृद्धि तक
खेत तालाब योजना 2017-18 से चल रही है, जो राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) का हिस्सा है। इसका मुख्य मकसद किसानों को वर्षा जल संचयन की सुविधा देना है, ताकि सूखे में भी फसलें हरी-भरी रहें। उत्तर प्रदेश में 2024-25 तक 37,403 तालाब बन चुके हैं, और 2025-26 में हजारों नए तालाब बनने हैं। लघु तालाब (22×20×3 मीटर) से 1 एकड़ तक की सिंचाई आसानी से हो जाती है। अनुदान डीबीटी से दो-तीन किस्तों में मिलता है – पहली निर्माण शुरू करने पर, बाकी पूर्ण होने पर। इससे किसानों को कर्ज का बोझ कम होता है, और फसल पैदावार 20-30% तक बढ़ जाती है। कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने अपील की है कि सभी पात्र किसान जल्द आवेदन करें।
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पात्रता मानदंड – कौन ले सकता है लाभ?
योजना का लाभ सभी छोटे-मझोले किसानों को मिलेगा, लेकिन कुछ शर्तें हैं। आपका खेत कम से कम 0.5 एकड़ का होना चाहिए, और तालाब के लिए 500-600 वर्ग मीटर जगह उपलब्ध हो। सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली (ड्रिप/स्प्रिंकलर) होना जरूरी है, जो पिछले 7 साल में उद्यान या कृषि विभाग से लगाई गई हो। एक किसान परिवार प्रति वर्ष केवल एक तालाब का लाभ ले सकता है। SC/ST, महिला किसान और सीमांत किसानों को प्राथमिकता मिलेगी। आवेदन पहले आओ-पहले पाओ पर आधारित है, इसलिए देर न करें।
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें – स्टेप बाय स्टेप गाइड
आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन है। उत्तर प्रदेश कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट upagripardarshi.gov.in या upagriculture.com पर जाएँ। होमपेज पर ‘खेत तालाब योजना’ या ‘Farm Pond Scheme’ लिंक पर क्लिक करें। जन आधार कार्ड से लॉगिन करें। फॉर्म भरें – नाम, पता, खाता नंबर, आधार नंबर, खेत का सर्वे नंबर, तालाब का आकार (लघु या मध्यम) चुनें। दस्तावेज अपलोड करें – आधार कार्ड, खसरा-खतौनी, जन आधार कार्ड, बैंक पासबुक, सूक्ष्म सिंचाई का प्रमाण पत्र। टोकन मनी (500-1000 रुपये) जमा करें, जो अनुदान में समायोजित हो जाएगी। आवेदन सबमिट करने पर ट्रैकिंग आईडी मिलेगी। सत्यापन के बाद 15-30 दिन में अनुमोदन। निर्माण के लिए लोकल कृषि अधिकारी से संपर्क करें।
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जरूरी दस्तावेज – सब तैयार रखें
आवेदन से पहले ये दस्तावेज स्कैन करके रख लें: आधार कार्ड, जन आधार कार्ड, बैंक पासबुक की कॉपी, खेत का खसरा-खतौनी (भूमि दस्तावेज), पासपोर्ट साइज फोटो, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का प्रमाण पत्र (अगर लागू), और मोबाइल नंबर। अगर SC/ST प्रमाण पत्र हो तो प्राथमिकता मिलेगी। सभी दस्तावेज साफ-सुफ और पीडीएफ फॉर्मेट में अपलोड करें।
योजना से मिलने वाले फायदे – खेत को सोने का बना दें
तालाब बनने से सबसे बड़ा फायदा सिंचाई का – 1-2 एकड़ फसल को वर्षा जल से ही सींच सकेंगे। बरसात में बहने वाला पानी संचित होगा, सूखे में काम आएगा। मछली पालन शुरू कर अतिरिक्त आय कमा सकते हैं। पशुओं के लिए पानी और चारे की व्यवस्था। मिट्टी का कटाव रुकेगा, जैविक खेती को बढ़ावा। कुल मिलाकर, पैदावार बढ़ेगी, लागत कम होगी, और आय दोगुनी।
आवेदन भरने से पहले लोकल कृषि केंद्र जाकर सलाह लें। तालाब का स्थान खेत के निचले हिस्से में चुनें, जहाँ पानी जमा हो। निर्माण के दौरान विभागीय इंजीनियर की निगरानी रखें। अनुदान की किस्तें समय पर पूरी होने पर ही मिलेंगी। अगर समस्या हो तो टोल फ्री नंबर 1800-180-1551 पर कॉल करें। योजना का लाभ उठाकर आप न सिर्फ अपना खेत बचाएँगे, बल्कि गाँव को भी जल संरक्षण का संदेश देंगे।
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