Lily Ki Kheti: ठंड की पहली दस्तक के साथ ही फूलों के बाजार में हलचल शुरू हो गई है। दिसंबर से मार्च तक शादी-वैलेंटाइन और पार्टी सीजन में लिली की डिमांड आसमान छूती है थोक में 20-30 रुपये और फ्लोरिस्ट की दुकान पर 80-100 रुपये तक एक फूल बिक रहा है। लेकिन अच्छी खबर ये है कि दिसंबर में बल्ब लगाकर सिर्फ 55-60 दिन में तैयार होने वाली ये फसल किसानों को 3 से 6 लाख रुपये प्रति बीघा तक का मुनाफा दे रही है।
एक बीघा में 35-40 हजार बल्ब लगते हैं, खर्चा 1.2 से 1.5 लाख और कमाई 4 से 8 लाख तक। ठंड का मौसम लिली के लिए सबसे अच्छा है फूल बड़े, चमकदार और सुगंधित आते हैं। अभी नवंबर का आखिरी हफ्ता चल रहा है, दिसंबर में बल्ब लगाने का सबसे सही समय है। देरी हुई तो फरवरी-मार्च का पीक सीजन हाथ से निकल जाएगा। आज ही IIHR या स्थानीय नर्सरी से बल्ब मँगवा लें ये फसल आपकी किस्मत बदल देगी।
लिली की खेती क्यों सबसे फायदेमंद है
लिली विदेशी फूल जरूर है, लेकिन भारतीय मौसम में पूरी तरह ढल चुकी है। शादी, पार्टी, होटल डेकोरेशन, बुक्वे और वैलेंटाइन डे में इसकी माँग कभी कम नहीं होती। इसकी शेल्फ लाइफ 10-15 दिन तक रहती है, यानी दूर के बाजारों में भी बेच सकते हैं। दिसंबर-जनवरी में लगाई फसल फरवरी-मार्च में तैयार होती है, जब कीमतें सबसे ऊँची रहती हैं। एक बार बल्ब लगा देने के बाद 3-4 साल तक फूल देते रहते हैं, यानी हर साल मुनाफा। ठंड में पौधे स्वस्थ रहते हैं, फूलों का आकार बड़ा और रंग चटकदार आता है। छोटे किसान भी 10-20 कट्ठे में शुरू कर सकते हैं, क्योंकि जगह कम लगती है और मेहनत भी कम।
बल्ब कैसे और कहाँ से लें
सबसे अच्छे बल्ब IIHR बैंगलोर, NRC फॉर ऑर्किड एंड फ्लोरिकल्चर (सिक्किम) या उत्तराखंड-हिमाचल की नर्सरियों से मिलते हैं। ओरिएंटल लिली (सुगंध वाली, बड़े फूल) और एशियाटिक लिली (बिना सुगंध, चटक रंग) दोनों चल रही हैं। एक बल्ब की कीमत 25-40 रुपये तक है। 1 बीघा में 35-40 हजार बल्ब लगते हैं। बल्ब चुनते समय ध्यान रखें स्वस्थ, भारी और बिना कट-फट के हों।
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खेत की तैयारी
लिली को हल्की दोमट या रेतीली दोमट मिट्टी सबसे अच्छी लगती है, जहाँ पानी न रुके। खेत की गहरी जुताई करें, फिर रोटावेटर से भुरभुरी कर लें। प्रति बीघा 8-10 टन गोबर खाद या वर्मीकम्पोस्ट मिला दें। ऊँची क्यारियाँ (12-15 इंच) बनाएँ ताकि पानी निकल जाए। DAP 50 किलो और पोटाश 40 किलो प्रति बीघा बुवाई से पहले मिला दें। मिट्टी का pH 6-7 रखें।
बल्ब लगाने का तरीका
बल्बों को 10-12 सेमी गहराई पर लगाएँ। पंक्तियों के बीच 30-40 सेमी और बल्बों के बीच 15-20 सेमी दूरी रखें। बल्ब का नुकीला हिस्सा ऊपर की तरफ हो। लगाने के बाद हल्की मिट्टी चढ़ा दें और हल्की सिंचाई करें। दिसंबर में लगाएँ तो जनवरी के अंत या फरवरी में फूल तैयार हो जाएँगे।
देखभाल और सिंचाई
ठंड में पानी कम लगता है हर 10-12 दिन में हल्की सिंचाई। पानी जमा न होने दें। फूल आने से पहले पोटाश की मात्रा बढ़ा दें 20 किलो प्रति बीघा। फफूंद से बचाव के लिए मैनकोजेब 2 ग्राम/लीटर का छिड़काव करें। कीट कम लगते हैं, नीम तेल का हल्का स्प्रे काफी है।
कटाई और बिक्री
लगाने के 55-60 दिन बाद जब फूलों की कलियाँ रंगीन हो जाएँ तो सुबह-सुबह काट लें। एक बीघा से 35-40 हजार फूल आसानी से मिल जाते हैं। थोक में 20 रुपये और फ्लोरिस्ट को 80-100 रुपये तक बिकता है। सीजन पीक पर 100 रुपये तक चला जाता है। कुल कमाई 4 से 8 लाख, खर्चा 1.2-1.5 लाख शुद्ध मुनाफा 3 से 6 लाख प्रति बीघा।
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